माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से इस सम्बंध में अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया था कि शेष रही परीक्षाएं कब तक हो पाएंगी। ऐसे में मार्च के बाद अप्रेल व मई माह भी गुजर गया, लेकिन परीक्षा की तिथियां घोषित नहीं हो पाई। विद्यार्थी और अभिभावक शेष बची परीक्षाओं के इंतजार में बैठे हैं। अभी जून माह में घोषित तिथियों का इंतजार हो रहा है।
कोरोना महामारी के कारण मार्च माह में लॉक डाउन लगाया गया, जिसे लगातार बढ़ाया गया। इसके मद्देनजर शिक्षण संस्थानों पर भी ताले लग गए। उस समय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं एवं 12वीं की परीक्षाएं नियमित रूप से संचालित हो रही थी, लेकिन लॉकडाउन के कारण माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने शेष रही सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी। वर्ष भर की मेहनत के बाद परीक्षा देने का इंतजार कर रहे विद्यार्थियों के लिए यह निर्णय तत्कालीन समय में चिंता भरा, लेकिन कोरोना से बचाव ही उपचार था।
आमतौर पर दसवीं व बारहवीं की परीक्षा के साथ ही विद्यार्थी कोचिंग क्लासेस के लिए कुच कर जाते हैं। आगामी कुछ समय के लिए वे अच्छे कॅरियर की तलाश में रहते हैं। इसके लिए वे नजदीकी जोधपुर, कोटा या सीकर जाते हैं, लेकिन इस बार कोचिंग क्लासेस भी बंद है। वहीं परीक्षा भी नहीं हो पाई। ऐसे में अन्य बड़े शहरों के शिक्षण संस्थानों में जाने की बात तो दूर भविष्य के सपने भी बुन पा रहे।
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से दसवीं के लिए अभी गणित व सामाजिक विज्ञान विषयों की दो परीक्षाएं शेष है। इसमें सभी पंजीकृत छात्र बैठेंगे। उधर, बारहवीं के लिए अभी पांच-छह विषयों की परीक्षा शेष हैं, लेकिन मुख्य विषयों की परीक्षाएं लगभग हो चुकी है इसलिए अब होने वाली परीक्षाओं में ज्यादा छात्र नहीं बैठेंगे। परीक्षा सम्पन्न कराने में मुख्य चुनौती दसवीं के लिए ही सामने आएगी।
– जिले सहित प्रदेश में दिनोंदिन बढ़ता कोरोना संक्रमण का ग्राफ
– सरकारी विद्यालयों के छोटे कक्षा-कक्षों में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना
– विद्यार्थी को परीक्षा के लिए कक्षा-कक्ष में आने से पूर्व सेनेटाइज करना
– लोक परिवहन सेवाएं बंद होने से विद्यार्थियों के लिए स्कूल तक पहुंचना
दसवीं – 63,852
बारहवीं – 45,923