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उत्तम धर्म के अर्चन के साथ मनाई गई सुगंध दशमी

locationनागौरPublished: Sep 16, 2021 10:22:25 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से गुरूवार को दिगंबर जैन मंदिरों में उत्तम धर्म की विशेष पूजा की गई

Sugandh Dashami celebrated with the worship of Uttam Dharma

Nagaur. Celebrating Sugandha Dashami with special worship of Uttam Dharma on behalf of Sakal Digambar Jain Samaj

नागौर. सकल दिगम्बर जैन समाज की ओर से गुरूवार को दिगंबर जैन मंदिरों में उत्तम धर्म की विशेष पूजा की गई। इस दौरान सुगंध दशमी भी मनाई गई। समाज के रमेशचन्द्र जैन ने बताया कि सुबह साढ़े छह बजे नकास स्थित दिगम्बर नसिया में भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा की गई। शांतिधारा करने का सौभाग्य जिनेन्द्र कुमार जैन को मिला। इसके बाद उत्तम धर्म की की विशेष अर्चना हुई। दिगम्बर जैन समाज के पर्युषण पर्व के सातवें दिन उत्तम धर्म का अर्चन किया गया। शाम को मंदिरों में जाकर धू का खेवन किया। इससे वायुमंडल बड़ा सुगंध मय स्वच्छ व भक्ति मय हो गया। समाज के नथमल जैन ने सुगंध दशमी की महत्ता समझाते हुए कहा कि सुगंध दशमी व्रत का दिगम्बर जैन समाज में बड़ा महत्व है। स्त्रियां हर वर्ष इस व्रत को करती है। धार्मिक व्रत के विधिपूर्वक करने से अशुभ कर्मों का क्षय शुभास्त्रव और प ुण्यबंध होने के साथ स्वर्ग मोक्ष की प्र्राप्ति होती है।
धूमधाम से मनाई तेजा दशमी व बाबा रामदेव जयंती
नागौर. गो-चिकित्सालय में तेजा दशमी एवं बाबा रामदेव जयंती धूमधाम से मनाई गई। तेजाजी महाराज व बाबा रामदेव जी महाराज के चित्रपट्ट पर पुष्पमाला व पुष्प अर्पित कर मंत्रोच्चारण के साथ विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गई। इस दौरान श्रद्धालुओं ने भजनों की धुन पर नृत्य किया। इस मौके पर स्वामी कुशालगिरी ने तेजाजी की महत्ता समझाते हुए कहा कि तेजाजी बचपन से ही वीर थे और साहसिक काम करने से डरते नहीं थे। बाबा रामदेव के संदर्भ में कहा कि बाबा रामदेव जिनको श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है। वह हिन्दूओं के देव है तो मुस्लिम भाइ्रयों के लिए च्रामसा पीरज् माने जाते है। हिन्दू-मुस्लिम एकता का प्रतीक है।
गाए भजन, निकाली प्रभात फेरी
नागौर. गांछा समाज की ओर से गुरुवार को कुम्हारी दरवाजा के स्थित प्राचीन बाबा रामदेव जी के मंदिर में भाद्रपद शुक्ल पक्ष नवमी के अवसर पर जागरण का आयोजन किया गया। इसमें बाबा रामदेव की भक्ति पर आधारित भजनों की शृंखला प्रस्तुत की गई। इसके साथ ही प्रभात फेरी निकाली गई। इस मौके पर नवरतन बोथरा सहित अन्य पार्षदों का सम्मान किया गया। इसमें उपसभापति सदाकत अली, सुलेमानी, बंटी, गोविंद कड़वा, राजस्थान उच्च न्यायालय अनुशासन समिति सदस्य नरेन्द्र सारस्वत, जूना अखाड़ा संत रविगिरी महाराज, संत रमेशानंद आदि मौजूद थे।
महापुरुषों की पहचान बदलने पर जताया विरोध
नागौर. प्रताप फाउण्डेशन की से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं गुजरात व हरियाणा के मुख्यमंत्रियों सहित भाजपा नेताओं को पत्र भेजकर महापुरुषों की पहचान बदलने के विभिन्न जातियों के प्रयासों को प्रोत्साहित किए जाने पर विरोध दर्ज जताया है। इस संबंध में विरोध पत्र भी भेजा गया है। संगठन की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया कि पहले मेवाड़ की स्वतंत्रता के नायक राणा पूंजा जी सोलंकी की वंशगत पहचान बदल कर उन्हें भील घोषित किया गया। राष्ट्र की आवश्यकता के लिए अपनी संतान का बलिदान देने वाली क्षत्राणी पन्नाधाय खींची को गुज्जर बताया गया। पूर्वी उत्तरप्रदेश के नायक महाराजा सुहेलदेव को पासी या राजभर घोषित किया गया और अब गुर्जर क्षेत्र को गुज्जर जाति के साथ जोड़ कर सम्राट मिहिरभोज, सम्राट पृथ्वीराज चौहान, महाराजा अनंगपाल आदि राष्ट्रनायकों को गुज्जर घोषित करने का षडय़ंत्र चल रहा है और दुर्भाग्यपूर्ण बात यह है कि आपकी भारतीय जनता पार्टी और संगठन से जुड़े लोग इसमें प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोगी बन रहे हैं। गुजरात में आपकी पार्टी की राज्य सरकार ने तो अपनी वेबसाइट पर ही गुजरात को गुज्जरों की भूमि बता कर परमार, प्रतिहार, सोलंकी, चौहान आदि क्षत्रिय वंशों को गुज्जर बता दिया है जबकि वस्तु स्थिति यह है कि आज भी गुजरात में गुज्जर जाति की जनसंख्या नगण्य है और गुजरात सरकार द्वारा अधिसूचित जातियों में गुज्जर जाति का उल्लेख तक नहीं है। इन कुत्सित प्रयासों पर संज्ञान लेने एवं ऐसे आपराधिक कृत्य करने वाले लोगों को रोकने व दंडित करने के उचित प्रावधान करवाने की मांग की गई।

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