शहर के विभिन्न मोहल्लों में सुहागिनों ने तीज मनाने की जोरदार तैयारी की। महिलाओं ने बताया कि इस बार तालाब पर पानी पिलाने की रस्म नहीं हो पाई, लेकिन परम्परागत रीति-रिवाज के अनुरूप ही गणगौर मनाई गई। पर्व के तहत सुबह विशेष पूजा-अर्चना की गई। इसके बाद इसर-गौर को पानी पिलाने की परम्परा का निर्वहन किया। घरों में ही विशेष आयोजन किए गए। इस दौरान तीजणियों ने गणगौर मां से खुशहाली की कामना की। उल्लेखनीय है कि होलिका दहन के दूसरे दिन चैत्र कृष्ण प्रतिपदा से शुरू होने वाला यह उत्सव चैत्र शुक्ल तृतीया तक चलता है। इन अठारह दिनों तक घरों व मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
शहर के बांठिया की पोल में गणगौर तीज हर्षोल्लास से मनाई गई। तीजणियों ने गणगौर मां से परिवार एवं देश भर में खुशहाली की कामना की। कोरोना वायरस से सम्पूर्ण विश्व को मुक्ति देने की प्रार्थना की। इस दौरान विनीता पींचा, जागृति चौरडिया, रेशमा चौरडिया, हेमलता, हर्षा, नेहा, मुस्कान भूरट, तमन्ना सोलंकी, ज्योति, गार्गी चौरडिया आदि उपस्थित रहीं।
इसर-गौर ने दिया संदेश शहर में एक युवती ने इसर-गौर के जरिए जागरूकता का संदेश दिया। कोरोना से बचाव को लेकर एहतियात बरतने एवं घर से बाहर नहीं जाने के प्रति जागरूक रहने का आग्रह किया गया। प्रतिमाओं को भी सेनेटाइज किया गया। साथ ही सेनेटाइजर, मास्क आदि रखे गए।