अभियान का सर्वे एक नजर
इसके तहत जीरो से 5 वर्ष के करीब 3 लाख 95 हजार बच्चों का हेल्थ सर्वे किया गया, जिसमें 144 बच्चे अतिकुपोषित व 4002 बच्चे कुपोषित चिह्नित किए गए। अतिकुपोषित बच्चों का शिशु विशेषज्ञों की देखरेख में एमटीसी पर इलाज किया जा रहा है तथा कुपोषित बच्चों को भामाशाह द्वारा तैयार लाडेसर पोषण किट के माध्यम से अतिरिक्त खुराक देकर घर पर ही उपचारित किया जा रहा है। साथ ही यदि उसमें स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य जटिलता पाई जाती है तो उन्हें डॉक्टर को दिखाकर मेडिकल इलाज भी करवाया जा रहा है।
इसी प्रकार सर्वे के तहत 1.86 लाख किशोरी बालिकाओं का हेल्थ सर्वे किया गया है, जिसमें 1939 किशोरी बालिकाएं एनीमिया से पीडि़त पाई गई हैं। इन समस्त किशोरी बालिकाओं को आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट और मल्टीविटामिन की टेबलेट वितरित की गई साथ ही इन्हें भी लाडेसर पोषण किट भी दिया जा रहा है।
इसके तहत जीरो से 5 वर्ष के करीब 3 लाख 95 हजार बच्चों का हेल्थ सर्वे किया गया, जिसमें 144 बच्चे अतिकुपोषित व 4002 बच्चे कुपोषित चिह्नित किए गए। अतिकुपोषित बच्चों का शिशु विशेषज्ञों की देखरेख में एमटीसी पर इलाज किया जा रहा है तथा कुपोषित बच्चों को भामाशाह द्वारा तैयार लाडेसर पोषण किट के माध्यम से अतिरिक्त खुराक देकर घर पर ही उपचारित किया जा रहा है। साथ ही यदि उसमें स्वास्थ्य संबंधी कोई अन्य जटिलता पाई जाती है तो उन्हें डॉक्टर को दिखाकर मेडिकल इलाज भी करवाया जा रहा है।
इसी प्रकार सर्वे के तहत 1.86 लाख किशोरी बालिकाओं का हेल्थ सर्वे किया गया है, जिसमें 1939 किशोरी बालिकाएं एनीमिया से पीडि़त पाई गई हैं। इन समस्त किशोरी बालिकाओं को आयरन फोलिक एसिड की टेबलेट और मल्टीविटामिन की टेबलेट वितरित की गई साथ ही इन्हें भी लाडेसर पोषण किट भी दिया जा रहा है।
इसी प्रकार 6 से 15 वर्ष के आयु वर्ग के करीब 4.70 लाख बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। जिसके तहत उन में सर्दी-जुखाम व अन्य स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं की पड़ताल की गई। इस आयु वर्ग के 250 से अधिक बच्चों में किसी ना किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्या पाई गई, जिन्हें निकटतम चिकित्सा अधिकारी के पास रेफर कर उसका समुचित इलाज करवाए जाने की व्यवस्था की गई। इस प्रकार अभियान के तहत जिले के 10 लाख 51 हजार बच्चों तक पहुंच बनाते हुए उनका स्वास्थ्य सर्वे किया गया। गौरतलब है कि जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने जिले में 10 लाख बच्चों का सर्वे करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। जिसमें अब तक अभियान के तहत 140 भामाशाहों ने बढ़-चढकऱ योगदान दिया है। जिन्हें इस सर्वे के दूसरे चरण के संपूर्ण होने पर सम्मानित किया जाएगा।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले कार्मिकों व मानदेय कर्मियों को किया सम्मानित
जेएलएन राजकीय चिकित्सालय में इस अभियान के तहत सबसे अधिक सर्वे कर अव्वल रहे नागौर ब्लॉक के कार्मिकों एवं मानदेय कर्मियों का, जिसमें पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, शिक्षक, महिला पर्यवेक्षक, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी आदि को सोमवार को जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही कालड़ी के ग्रामीण अशोक जांगू को उनके द्वारा लाडेसर पोषण किट में बच्चों के लिए गाय का देसी घी दिए जाने पर जिला कलक्टर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने जिला कलक्टर के समक्ष खारी कर्मसोता गांव में चिन्हित बच्चों को 3 महीने तक लगातार अपनी डेयरी का देसी घी नि:शुल्क देने का वादा किया था। इसी प्रकार जेएलएन राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत प्रबल पंवार को उनके द्वारा इस अभियान में 51 लाडेसर किट दिए जाने व तीन फॉलोअप में लगातार सूचीबद्ध बच्चों को 3 महीने तक लाडेसर पोषण किट देने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा सम्मानित किया गया।
जेएलएन राजकीय चिकित्सालय में इस अभियान के तहत सबसे अधिक सर्वे कर अव्वल रहे नागौर ब्लॉक के कार्मिकों एवं मानदेय कर्मियों का, जिसमें पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी, शिक्षक, महिला पर्यवेक्षक, एएनएम, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा सहयोगिनी आदि को सोमवार को जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। साथ ही कालड़ी के ग्रामीण अशोक जांगू को उनके द्वारा लाडेसर पोषण किट में बच्चों के लिए गाय का देसी घी दिए जाने पर जिला कलक्टर द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने जिला कलक्टर के समक्ष खारी कर्मसोता गांव में चिन्हित बच्चों को 3 महीने तक लगातार अपनी डेयरी का देसी घी नि:शुल्क देने का वादा किया था। इसी प्रकार जेएलएन राजकीय चिकित्सालय में कार्यरत प्रबल पंवार को उनके द्वारा इस अभियान में 51 लाडेसर किट दिए जाने व तीन फॉलोअप में लगातार सूचीबद्ध बच्चों को 3 महीने तक लाडेसर पोषण किट देने के लिए जिला कलेक्टर द्वारा सम्मानित किया गया।
अब लिया जाएगा फॉलोअप
अभियान लाडेसर के दूसरे चरण में अब 30 जून तक लाडेसर पोषण किट से शेष रहे बच्चों और एनीमिक किशोरी बालिकाओं को लाडेसर पोषण किट वितरण करने का कार्यक्रम पूर्ण किया जाएगा, जो पूरी तरह भामाशाहों द्वारा किया जाएगा। इसके बाद 1 से 7 जुलाई तक प्रथम फॉलोअप, 1 से 7 अगस्त तक, दूसरा फॉलोअप तथा 1 से 7 सितंबर तक तीसरा फॉलोअप होगा। जिसमें प्रतिमाह बच्चों की वृद्धि निगरानी करते हुए और किशोरी बालिकाओं में हिमोग्लोबिन के स्तर की निगरानी करते हुए यह देखा जाएगा कि उनमें 3 महीनों में कितना सुधार हुआ है।
अभियान लाडेसर के नोडल अधिकारी एवं नागौर के बाल विकास परियोजना अधिकारी दुर्गासिंह उदावत ने अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. शीशराम चौधरी एवं आरसीएचओ डॉ. मुस्ताक अहमद के साथ मिलकर संपूर्ण अभियान की मॉनिटरिंग की और प्रतिदिन रिपोर्ट संकलित कर जिला कलक्टर के समक्ष प्रस्तुत की। जिला कलक्टर द्वारा इस अभियान की प्रतिदिन समीक्षा की गई और जहां कहीं भी सुधार की एम गुंजाइश मिली, वहां पर्याप्त मार्गदर्शन व निर्देश प्रदान किए। साथ ही स्वयं जिला कलक्टर डॉ. सोनी ने डेढ़ सौ से ज्यादा टीमें बनाकर इस अभियान का क्रॉस वेरिफिकेशन करवाया और स्वयं भी जब भी वक्त मिला घर-घर जाकर बच्चों से और उनके अभिभावकों से मिलकर इस अभियान की जानकारी ली। उनके इन्हीं सकारात्मक प्रयासों के चलते इस अभियान में 10 लाख से ज्यादा लक्ष्य प्राप्त किया जो कि एक उपलब्धि है।