वर्ष 2011 में स्वच्छ भारत मिशन में करवाए गए सर्वे में भारी गड़बड़ झाला होने के कारण कई परिवार सर्वे से छूट गए। कई ग्राम पंचायतों में शौचालय विहीन लोगों की संख्या तो बताई जा रही है, लेकिन परिवारों के मुखिया के नाम के स्थान पर गैर नाम (एनआईकेआई) लिखा होने से लाभार्थियों की पहचान करना मुश्किल हो रहा है।
यह है स्थिति
वर्ष – परिवार
2012- 37107
2016 -50687
वंचित परिवार- 13580
राज्य सरकार ने केवल बेस लाइन सर्वे के आधार पर प्रोत्साहन राशि का भुगतान करने के निर्देश दे रखे थे इसके बावजूद गैर बेसलाइन के लोगों ने आवेदन दिए तो पंचायत समिति के अधिकारियों ने स्वीकार कर लिए। वहीं बेसलाइन सर्वे के आधार पर ही शौचालय बनाने के निर्देशों के बाद भी लोगों ने बगैर ध्यान दिए आवेदन दे दिए लेकिन विभाग ने भुगतान से हाथ खींच लिए। पंचायतीराज विभाग के अधिकारियों को भी इन आवेदनों को स्वीकार नहीं करना था। हालांकि पिछली सरकार ने गैर बेसलाइन सर्वे के लोगों को भी शौचालय का भुगतान करने के निर्देश दे दिए थे। लेकिन स्पष्ट गाइड लाइन के अभाव में लोग शौचालय नहीं बना पाए।
राज्य सरकार ने विभिन्न श्रेणियां तय की है, इन श्रेणियों में पात्रता रखने वाले परिवारों द्वारा शौचालय निर्माण करवाने पर शीघ्र ही प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा। पूर्व में यह परिवार सर्वे सूची में नहीं होने के कारण लाभ नहीं ले पा रहे थे।
राज्य सरकार के निर्देश पर गैर बेसलाइन वाले शौचालय विहीन परिवारों में पात्र परिवारों के आवेदन लिए जाएंगे। आवेदन के बाद शौचालय निर्माण करते ही उन्हें शीघ्र प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाएगा। सरकार के इन निर्देशों से पूरी पंचायत समिति खुले में शौच जाने से मुक्त हो जाएगी।