scriptनागौर में लचर व्यवस्था के भरोसे रेंकिंग की कवायद | Swachh Survekshan 2019 from today in nagaur | Patrika News

नागौर में लचर व्यवस्था के भरोसे रेंकिंग की कवायद

locationनागौरPublished: Jan 03, 2019 09:21:36 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

आज से नागौर में शुरू होगा स्वच्छ सर्वेक्षण-2019

Swachh Survekshan 2019  in nagaur

Swachh Survekshan 2019 from today in nagaur

-महज कागजों में प्रचार-प्रसार कर रही नगर परिषद
नागौर. स्वच्छ भाारत मिशन के तहत शुक्रवार से शुरू होने वाले स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 को लेकर नगर परिषद ने ‘कागजी तैयारियां’ पूरी कर ली है। अधिकारियों व कर्मचारियों की मानें तो वे सर्वेक्षण को लेकर तैयार हैं और उन्होंने पूरी तैयारी कर ली है। तैयारी भी ऐसी कि रेंकिंग सुधरने की उम्मीद। लेकिन शहर की सडक़ें, नाले-नालियां देखकर यह नहीं कहा जा सकता कि नगर परिषद अधिकारियों ने सर्वेक्षण को लेकर ‘मन’ से ‘पसीना’ बहाया है। गौरतलब है कि स्वच्छता सर्वेक्षण 2016 में देश के 73, सर्वेक्षण 2017 में 434, सर्वेक्षण 2018 में 4203 और वर्ष 2019 के लिए देश के सभी शहरों को शामिल किया जा रहा है। गत सर्वेक्षण में नागौर 197वें व प्रदेश में 14वें स्थान पर रहा था।


जनप्रतिनिधि भी संतुष्ट नहीं
शहर के अलग-अलग वार्डों में गंदा पानी नालियों से बाहर सडक़ों पर फैल रहा है तो बड़े नाले कचरे व प्लास्टिक से अटे पड़े हैं। शहर में लाखों रुपए की लागत से बने आधी-अधूरी सुविधाओं वाले सामुदायिक शौचालयों को आज भी लोकार्पण का इंतजार है। कहीं पानी नहीं है तो कहीं लाइट का अभाव। कई वार्डों में तो सामुदायिक शौचालयों को लोगों ने स्टोर रूम बना रखा है। नगर परिषद ने सफाई कर्मचारियों को पहचान पत्र देने की बात तो याद रखी लेकिन इनसे सफाई करवाना भूल गए। शहर की कई कॉलोनियों में सफाई लम्बे समय से नहीं हुई तो कहीं सफाई के बाद कचरा नहीं उठा। पार्षदों को भी ये शिकायत है कि कचरा उठाने के लिए टेम्पो नहीं आता।


नहीं मिला शौचालयों का भुगतान
नगर परिषद ने वेस्ट पीकर्स व कर्मचारियों को पहचान पत्र देने के साथ पम्पलेट से भी प्रचार प्रसार पर मोटी राशि खर्च की है, लेकिन सफाई व्यवस्था बेपटरी है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2018 में दिल्ली से आई टीमों ने नगर पालिका व नगर परिषद कार्यालयों में पहुंचकर दस्तावेजों की जांच की थी। अधिकारियों व कर्मचारियों ने टीम को कागजी रिपोर्ट से अवगत करवा दिया लेकिन इस बार सर्वेक्षण को लेकर कोई टीम परिषद नहीं आएगी बल्कि लोगों से सीधे संवाद करेगी। ऐसे में संभव है नगर परिषद की पोल चौड़े आ जाए। शहर को ओडीएफ घोषित किया जा चुका हैं लेकिन आज भी कई ऐसे वार्ड हैं जहां शौचालय के अभाव में खुले में शौच जाना लोगों की मजबूरी है।

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