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नागौर

हलक तर करने को कोसों सफर

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नागौरDec 21, 2018 / 07:18 pm

Anuj Chhangani

khinwsar news

हलक तर करने को कोसों सफर

खींवसर. गांवों में बंद पड़े नलकूपों को लेकर इन दिनों भारी जल संकट बना हुआ है। वैसे तो गांवों में नहरी पानी पहुंच गया, लेकिन हालात यह है कि ग्रामीणों को न तो नहरी पानी मिल रहा है और न ही पूर्व में खुदे खारे पानी के नलकूपों का पानी नसीब हो पा रहा है। उधर, पानी की समस्या से पीडि़त ग्रामीणों की न तो प्रशासन सुनवाई कर रहा है और न विभाग कोई ध्यान दे रहा है। हालत यह है कि सूखे जीएलआर के पास बनी खेळियों में पानी नहीं पहुंचने से बबूल की झाडिय़ां उग गई है। ग्रामीणों को हलक तर करने के लिए कोसों दूर सफर करना पड़ रहा है। सर्दी के मौसम में भी पीने के पानी को लेकर हालात यह है तो गर्मी में हालात क्या होंगे इसका अंदाज लगाया जा सकता है। सर्दी के मौसम में पानी की कम खपत के बावजूद गांवों में जल संकट है। कहीं नलकूप खराब है तो कहीं पानी रसातल चला गया है। जिससे ग्रामीणों को हलक तर करने के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। अभी से यही हालात है तो जून के महीने में स्थिति क्या होगी। इसका अंदाजा वर्तमान स्थिति को देखकर सहजता से लगाया जा सकता है। वहीं गांवों में लोगों की प्यास बुझाने के लिए संचालित जनता जल योजना के नलकूपों का कोई धणी-धोरी नहीं है। नलकूपों की क्या स्थिति है, इसकी जानकारी न तो ग्राम पंचायतों को है न ही विभाग को। इस कारण ग्रामीणों को सरकारी नलकूपों का लाभ नहीं मिल रहा है। अनेक गांवों में जीएलआर क्षतिग्रस्त होने के कारण पानी का रिसाव होता है। नलकूप बन्द होने के साथ ही जीएलआर सूख जाते है। अधिकांश नलकूपों के नल नहीं होने से पानी भरने में भी दिक्कत होती है। एक भी नलकूप पर बिजलीघर के लिए कमरा नहीं है। कहीं स्टैंड बना हुआ है, तो वह जमीन पर गिर गया है। इससे हर समय दुर्घटना का खतरा बना रहता है। गांवों से तो लोग नलकूपों की टूटी पाइप से पानी भरते समय भीग जाते है। बैरावास ग्राम पंचायत में अधिकांश जीएलआर की छत टूटी पड़ी है और ग्रामीण गंदा पानी पीने को मजबूर है। ग्राम खोड़वा के अनेक गली मौहल्लों में कई दिनों से पीने का पानी नहीं आ रहा है। नहरी पानी ग्रामीणों को राशन की तरह मिल रहा है। खारे पानी के नलकूप का पानी भी एकांतरे बड़ी मुश्किल से मिल रहा है। गांव का जीएलआर एवं खेली सूखी पड़ी है। जल सप्लाई नहीं होने से ग्रामीणों को मुंह मांगें दामों पर पानी के टैंकर डलवाने पड़ रहे हैं।

थक चुके सुनवाई नहीं
हमने बंद पड़े नलकूपों को लेकर प्रशासन सहित जलदाय विभाग के अधिकारियों को अवगत करवाया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। गरीबों को खारा पानी तक नसीब नहीं हो रहा है। पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, लेकिन प्रशासन इसे गम्भीरता से नहीं ले रहा है।
दयालराम मेघवाल, ग्रामीण

कर रहे मनमाना व्यवहार
नहरी विभाग के अधिकारी जल वितरण व्यवस्था में मनमानी कर रहे हैं। इससे पिछड़े एवं गरीब लोगों को पानी नहीं नसीब हो रहा है। हालात यह है कि गरीबों के लिए खारे पानी की व्यवस्था करना भी प्रशासन उचित नहीं समझ रहा है। अनुसूचित जाति के मौहल्लों एवं गरीब लोगों के घरों में पीने को पानी तक नहीं मिल रहा है।
मंगलाराम, ग्रामीण

गरीबों की हालत खराब
गांव में पिछड़े तबके एवं अनपढ़ लोग होने के कारण उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं का अभाव सरकार के गरीबों की हितैषी होने की पोल खोल रहा है। जलदाय विभाग को शीघ्र ग्रामीणों के पीने के पानी की सुविधा करनी चाहिए।
बाबूराम चौकीदार, ग्रामीण

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