दोनों पक्षों की शिकायत के बाद अधिशासी अभियंता (ईजीएस) एवं सहायक अभियंता द्वारा जांच करने के बाद सौंपी गई रिपोर्ट में बताया कि तालाब में दीवार का कोई औचित्य नहीं है व पूर्णतया अनुपयोगी माना गया है। गुरुवार को नागौर पंचायत समिति की विकास अधिकारी ने ताऊसर सरपंच जानकी देवी व ग्राम विकास अधिकारी सत्यनारायण शर्मा को पत्र लिखकर बताया कि तालाब में दीवार निर्माण अनुपयोगी है तथा अभियंताओं ने उक्त कार्य पर होने वाले व्यय को निष्फल व्यय मानते हुए किया गया भुगतान वसूली योग्य बताया। विकास अधिकारी ने बताया कि दीवार निर्माण कार्य करवाने के लिए कार्यकारी संस्था ग्राम पंचायत ताऊसर के सरपंच व ग्राम विकास अधिकारी तथा तकनीकी सहायक को जांच में दोषी माना गया है। इसलिए वर्तमान में ग्राम पंचायत द्वारा करवाए जा रहे दीवार निर्माण कार्य को तुरंत प्रभाव से बंद कर जारी मस्टररोल कार्यालय में जमा करवाएं।
सरपंच पक्ष ने रसूखदारों पर लगाया विकास कार्यों में बाधा डालने का आरोप
शहर के निकटवर्ती ग्राम पंचायत ताऊसर की सरपंच जानकी देवी के नेतृत्व में बुधवार को ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर गांव के विकास कार्यों में बाधा डालने वाले रसूखदारों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा तालाब के सौंदर्यकरण में बाधा उत्पन्न करने वालों को पाबंद करने की मांग की।
ज्ञापन में सरपंच जानकी देवी ने बताया कि वर्तमान में ग्राम पंचायत में मनरेगा के तहत ताऊसर गांव के आदर्श तालाब जिया नाडा में विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। इसके तहत ग्रामीणों को स्वच्छ जल उपलब्ध करवाने के लिए तालाब के चारों ओर चारदीवारी का निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिसमें गांव के ही रसूखदार लोग राजनीतिक द्वेषता के चलते इन कार्यों को गलत बताकर बार-बार झूठी शिकायतें कर विकास कार्यों में बाधा डाल रहे हैं। सरपंच ने आरोप लगाया कि झूठी शिकायत करने वाले लोगों द्वारा गोशाला संचालित की जा रही है, जिससे गायों का मलमूत्र व गोबर बहकर तालाब की ओर आता है तथा यहां काम करने वाले कार्मिक भी खुले में शौच करते हैं। इस प्रकार तालाब की अंगोर भूमि में मृत पशु भी डाले जाते हैं। जिसका विरोध करने पर यह लोग झूठी शिकायतें कर विकास कार्यों को रुकवाने के प्रयास में लगे हुए हैं। सरपंच ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत में बिना अनुमति अपने नाम का शिलालेख लगाने पर रसूखदार को मना करने पर वह उनके पुत्रों के साथ गाली गलौच करने लगा। इस दौरान सरपंच सहित ग्रामीणों ने झूठी शिकायतों को निरस्त कर ग्राम पंचायत के विकास कार्यों को सुचारू रूप से सम्पन्न करवाने की मांग की।
देवड़ा व ग्रामीणों ने ताऊसर सरपंच पर लगाया मनरेगा में फर्जीवाड़े का आरोप
नागौर. शहर के निकटवर्ती ताऊसर ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर मनरेगा कार्य में फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि का गबन कराने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता कृपाराम देवड़ा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि ताऊसर ग्राम पंचायत के सरपंच व उसके पुत्रों द्वारा सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत के ग्राम गुजरखेड़ा के आदर्श तालाब की खुदाई व झाडिय़ों के समतलीकरण कार्य का 16 मार्च से 30 मार्च तक के पखवाड़े में 87 श्रमिकों का मस्टररोल जारी करवाया गया, लेकिन इस अवधि में कोई भी श्रमिक मौके पर कार्यस्थल पर काम के लिए उपस्थित नहीं हुआ, इसके बावजूद फर्जी हाजरी लगाकर मस्टररोल जमा करवा दिया। साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि मस्टररोल में जिनके नाम लिखे हुए हैं, उनमें कुछ श्रमिक मैथी गोदाम में काम करते हैं और कुछ लोग अमीर वर्ग से हैं, फिर भी इन लोगों के नाम फर्जी तरीके से लिखे गए हैं, ताकि उनकी मजदूरी प्राप्त की जा सके।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि 31 मार्च के बाद ग्राम पंचायत द्वारा लिए गए प्रस्ताव के संबंध में कोई भी मस्टररोल जारी नहीं हो रखा हैं, इसके बावजूद भी मौके पर काम चल रहा है। साथ ही जो काम करवाया जा रहा है, वह तालाब के केचमेन्ट एरिया में दीवार निर्माण का है, जबकि तालाब में निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव भी नहीं हैं। प्रस्ताव तालाब की खुदाई और झाडिय़ों के समतलीकरण के लिए लिया गया था, जिसकी आड़ में तालाब के पट्टे की दीवार के आगे केचमेन्ट एरिया में अवैध रूप से दीवार बनाकर बरसात के पानी की आवक को बाधित किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि 31 मार्च को अवैध रूप से हो रहे कार्य की शिकायत करने पर एक अप्रेल को नागौर विकास अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवाया था, लेकिन दूसरे ही दिन काम फिर शुरू कर दिया।
नागौर. शहर के निकटवर्ती ताऊसर ग्राम पंचायत के ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपकर मनरेगा कार्य में फर्जीवाड़ा कर सरकारी राशि का गबन कराने का आरोप लगाया है। भाजपा नेता कृपाराम देवड़ा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने कलक्ट्रेट पहुंचकर जिला कलक्टर को सौंपे ज्ञापन में आरोप लगाया कि ताऊसर ग्राम पंचायत के सरपंच व उसके पुत्रों द्वारा सरकारी राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। ज्ञापन में बताया कि ग्राम पंचायत के ग्राम गुजरखेड़ा के आदर्श तालाब की खुदाई व झाडिय़ों के समतलीकरण कार्य का 16 मार्च से 30 मार्च तक के पखवाड़े में 87 श्रमिकों का मस्टररोल जारी करवाया गया, लेकिन इस अवधि में कोई भी श्रमिक मौके पर कार्यस्थल पर काम के लिए उपस्थित नहीं हुआ, इसके बावजूद फर्जी हाजरी लगाकर मस्टररोल जमा करवा दिया। साथ ही आरोप लगाते हुए कहा कि मस्टररोल में जिनके नाम लिखे हुए हैं, उनमें कुछ श्रमिक मैथी गोदाम में काम करते हैं और कुछ लोग अमीर वर्ग से हैं, फिर भी इन लोगों के नाम फर्जी तरीके से लिखे गए हैं, ताकि उनकी मजदूरी प्राप्त की जा सके।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि 31 मार्च के बाद ग्राम पंचायत द्वारा लिए गए प्रस्ताव के संबंध में कोई भी मस्टररोल जारी नहीं हो रखा हैं, इसके बावजूद भी मौके पर काम चल रहा है। साथ ही जो काम करवाया जा रहा है, वह तालाब के केचमेन्ट एरिया में दीवार निर्माण का है, जबकि तालाब में निर्माण के लिए कोई प्रस्ताव भी नहीं हैं। प्रस्ताव तालाब की खुदाई और झाडिय़ों के समतलीकरण के लिए लिया गया था, जिसकी आड़ में तालाब के पट्टे की दीवार के आगे केचमेन्ट एरिया में अवैध रूप से दीवार बनाकर बरसात के पानी की आवक को बाधित किया जा रहा है।
ग्रामीणों ने बताया कि 31 मार्च को अवैध रूप से हो रहे कार्य की शिकायत करने पर एक अप्रेल को नागौर विकास अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर काम रुकवाया था, लेकिन दूसरे ही दिन काम फिर शुरू कर दिया।