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नागौर

गर्मी की छुट्टी में स्कूल जाकर पेड़ पौधे संभाल रहे शिक्षक

कुचेरा (नागौर). कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी के बाद लोगों में पर्यावरण संरक्षण व पेड़-पौधे लगाने के प्रति जाकरूकता आई है, वहीं नोतपा की भीषण गर्मी में लोगों को छाया के लिए हरे भरे पौधों की याद आने लगी है। लेकिन नागौर जिले में कुछ पर्यावरणप्रेमी शिक्षक पूरे साल पेड़-पौधे लगाकर उनका संरक्षण कर पर्यावरण को बढ़ावा दे रहे हैं।

नागौरJun 09, 2024 / 04:46 pm

Ravindra Mishra

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ेरा. ग्रीष्म कालीन अवकाश में विद्यालय पहुंचकर पौधों की देखभाल करते पर्यावरण प्रेमी शिक्षक।

नियमित विद्यालय जाकर पेड़-पौधे संभाल रहे पर्यावरणप्रेमी शिक्षक

– गर्मी की छुट्टियों में नियमित रूप से पहुंचते है विद्यालय-

-नागौर जिले के निम्बड़ी चांदावतां के सरकारी स्कूल में विकसित किया बागान

कुचेरा (नागौर). कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी के बाद लोगों में पर्यावरण संरक्षण व पेड़-पौधे लगाने के प्रति जाकरूकता आई है, वहीं नोतपा की भीषण गर्मी में लोगों को छाया के लिए हरे भरे पौधों की याद आने लगी है। लेकिन नागौर जिले में कुछ पर्यावरणप्रेमी शिक्षक पूरे साल पेड़-पौधे लगाकर उनका संरक्षण कर पर्यावरण को बढ़ावा दे रहे हैं। नागौर जिले के निम्बड़ी चांदावतां गांव के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पर्यावरण प्रेमी शिक्षक ग्रीष्मकालीन अवकाश के बावजूद नियमित रूप से विद्यालय जाकर पेड़ पौधों की सार-संभाल कर रहे हैं। शिक्षक बाबूलाल विश्नोई विद्यालय में लगे पौधों की सिंचाई करते हैं तथा पक्षियों के लिए परिंडो में पानी भरते हैं। व्याख्याता सहीराम ईनाणियां, प्रेमसुख खोजा, वरिष्ठ लिपिक रमेश कुमार दाधीच, लिपिक राजूराम सहित अन्य स्टाफ भी इस कार्य में उनका सहयोग करता है। विकसित की बाल वाटिका विश्नोई ने स्टाफ के सहयोग से विद्यालय में बाल वाटिका विकसित की है। पिछले तीन-चार साल से यहां लगातार पौधरोपण किया जाता है। गत वर्ष अप्रेल माह में 132 पौध लगाए थे। वाटिका में खुद हेज कटिंग कार्य करते हैं। पौधों की नियमित सिंचाई के लिए स्टाफ ने स्वयं के खर्चे पर बूंद-बूंद सिंचाई का सिस्टम लगाया है। प्रतिवर्ष 100 पौध विकसित करने का लक्ष्य इन शिक्षकों ने विद्यालय में प्रति वर्ष सौ पौध लगाकर उन्हें विकसित करने का लक्ष्य तय किया हुआ है। शिक्षक बाबूलाल विश्नोई ग्रीष्मकालीन अवकाश में भी विद्यालय पहुंचकर पौधों की निराई- गुड़ाई व बूंद बूंद सिंचाई की पाइप की सार-संभाल में लगे रहते हैं। इन विद्यालयों में भी गर्मियों की छुट्टियों में पौधों की परवरिश राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय बासनी खलील में शिक्षक पहलवान सारण के साथ स्टाफ ग्रीष्मकालीन अवकाश में पौधों की नियमित देखभाल व सिंचाई कर रहे हैं। परिणाम स्वरूप विद्यालय में हरित वाटिका विकसित होने लगी है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय गाजू में प्रधानाचार्य सत्तार खान कायमखानी, शिक्षक विष्णु दयाल शर्मा, आत्माराम टाक आदि नियमित पौधों की देखभाल करने में जुटे हैं।

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