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पढ़ाने वाले शिक्षक खुद ही नहीं समझ पाए कि क्या कर दिया यह…!

locationनागौरPublished: Sep 19, 2019 11:46:48 am

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagur patrika latest hindi newsश्क्षिकों ने दिशा-निर्देश समझे बिना ही स्कूलों को बना दिया आदर्श-उत्कृष्टNagur patrika latest hindi news

Teachers themselves could not understand what they had done ...

Education made schools ideal without understanding the guidelines

Nagur patrika latest hindi news.नागौर. जिले के शिक्षण संस्थानों में से आदर्श एवं उत्कृष्ट सरीखे लिखे शब्दों को हटाने के निर्देश शिक्षा विभाग ने दिए हैं।

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बदलने की हिदायत दी

इन नामों को स्कूल एवं स्कूल से हटाने के साथ लेटर पैड आदि भी बदलने के लिए कह दिया गया है। राज्य परियोजना निदेशक डॉ. एन. के. गुप्ता की ओर से जारी निर्देशों में इसे तत्काल प्रभाव से बदलने की हिदायत दी गई है। शिक्षा विभाग के जानकारों के अनुसार स्कूलों के संस्था प्रधानों व जिला अधिकारियों ने भी आदेश को समझे बिना धड़ाधड़ स्कूल के नाम राजकीय आदर्श या उत्कृष्ट का तमगा लगा दिया। जबकि ऐसा करने के लिए कोई लिखित दिशा-निर्देश उच्च स्तर पर भी नहीं आना बताया जाता है। अब राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने इन नामों को बदलने के आदेश पारित किए है।

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इसकी जगह यह लिखा जाएगा
राज्य परियोजना निदेशक डॉ. एनके गुप्ता ने जारी आदेश में माध्यमिक व प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक को स्कूलों के नाम में बदलाव के आदेश दिए है। इसमें बताया कि स्कूल के मूल नाम में आदर्श या उत्कृष्ट विद्यालय नहीं जोड़ा जाए। इसके स्थान पर राज्य की आदर्श योजना अंतर्गत चयनित विद्यालय् या राज्य सरकार की उत्कृष्ट योजना अन्तर्गत चयनितज् लिखा जाएगा।

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पोर्टल पर भी बदल दिया नाम
आदर्श व उत्कृष्ट योजना के तहत पहले से ही आदर्श योजना अन्तर्गत चयनित लिखा जाना था। इसके बाद भी संस्था प्रधानों व अधिकारियों ने इस लाइन को पढ़ा तक नही,ं और शाला दर्शन व शाला दर्पण पोर्टल पर स्कूलों का नाम राजकीय आदर्श, आदर्श राजकीय, उत्कृष्ट राजकीय या राजकीय उत्कृष्ट कर दिया।इस प्रकार की गफलत प्रदेश के लगभग हर जिलों में शिक्षण संस्थानों व अधिकारियों की ओर से कर दी गई।

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अब बदलने पड़ेंगे लेटर पैड
संस्था प्रधानों ने आदर्श एवं उत्कृष्ट संबंधी मिले दिशा-निर्देशों को बिना पढ़े ही स्कूल के बोर्ड तक पर आदर्श व उत्कृष्ट विद्यालय का नाम लिखा दिया । इसके अलावा लेटर हैड में भी स्कूल के नाम गलत करते हुए आदर्श एवं उत्कृष्ट सरीखे शब्दों को लिखाकर छपवा दिया। स्कूल की स्टाम्प (मोहर) में भी आदर्श व उत्कृष्ट शब्द को जोड़ दिया। इस तरह के अधिकारिक पत्र शिक्षण संस्थानों की ओर से बाकायदा विभागों में पहुंचते रहे, लेकिन अधिकारियों ने भी इस पर कभी ध्यान नहीं दिया।

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नागौर जिले के आंकड़ों पर एक नजर
उत्कृष्ट लिखे स्कूल-411
आदर्श लिखे गए गए विद्यालय-477
आदर्श ग्रामीण ग्रामीण विद्यालय-466
श्हरी आदर्श लिखे विद्यालय-11
जिला शिक्षाधिकारियों को मिले निर्देश
उच्चाधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद जिला शिक्षाधिकारी ने ब्लॉकवार मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारियों को ऐसे विद्यालयों के बोर्ड से तत्काल प्रभाव से नाम हटाने के निर्देश जारी कर दिए। इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि नए सिरे नाम लिखे जाने के बाद उसकी रिपोर्ट फोटोग्राफ सहित जिला मुख्यालय को प्रेषित कर दें। ताकी मुख्यालय स्तर पर निर्देश के पालना की वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा सके।

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इनका कहना है…
मुख्यालय से मिले दिशा-निर्देशों की पालना कराने के लिए जिला शिक्षाधिकारी को निर्देशित कर दिया गया है। जल्द ही इसकी पालना रिपोर्ट भी जिला मुख्यालय भेजने के लिए कह दिया गया है।
अजय बाजपेयी, जिला मुख्य शिक्षाधिकारी नागौर, समसाNagur patrika latest hindi news

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