नागौर

…स्कूल आए, और चले गए, नहीं चलेगा गुरुजी, अब करना पड़ेगा काम

बच्चे ने छोड़ा स्कूल तो गुरुजी से होगा सवाल-जवाब, माध्यमिक शिक्षा परिषद ने दिए निर्देश, राजकीय शिक्षण संस्थानों में अध्ययनरत बच्चे ने अचानक आना बंद किया तो जिम्मेदार होंगे संस्था प्रधान व शिक्षक

नागौरJul 29, 2018 / 01:19 pm

Sharad Shukla

If the camp is going then how will it be studied

नागौर. राजकीय विद्यालयों में छात्र ने अचानक स्कूल आना बंद किया तो अब शिक्षक व संस्था प्रधान को इसका कारण बताना पड़ेगा। इतना ही नई मौखिक एवं लिखित रूप से दी जाने वाली सामान्य जानकारियां नहीं, बल्कि तथ्यात्मक बिंदुवार जानकारी देनी होगी। अन्यथा विभाग की ओर से उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। जिला शिक्षाधिकारियों को कहा गया है कि इसकी पूरी रिपोर्ट माध्यमिक शिक्षा परिषद को भेजी जाएगी। शिक्षा विभाग ने राजकीय स्कूलों से बच्चों के पलायन पर अंकुश लगाने के लिए शिक्षकों को इसका जिम्मा सौंपा है। अधिकारियों का कहना है कि माध्यमिक शिक्षा परिषद के पास अध्यापकों के विलंब से आने, सुव्यवस्थित तरीके से नियमित पढ़ाई नहीं कराने, या फिर थोड़ी देर पढ़ाकर निकल जाने की शिकायतें मिली थी।
इन शिकायतों की बढ़ती संख्या एवं स्कूलों से बच्चों के ड्राप आउट की बढ़ी संख्या देखते हुए विभाग ने प्रदेश के सभी जिलों में सर्वे कराया था। सर्वे में बच्चों के स्कूल से गायब होने और बीच में पढ़ाई छोडऩे के कारणों को मुख्य रूप से शामिल किया गया। सर्वे में पता चला कि ज्यादातर बच्चे तो गुरुजी की लापरवाही के कारण स्कूल छोड़ देते हैं, और जो पढऩा चाहते हैं वह निजी शिक्षण संस्थानों में चले जाते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद के उच्चाधिकारियों ने बैठकर कर सर्वे रिपोर्ट के तथ्यों पर चर्चा की गई। बैठक में इसके लिए शिक्षकों को जवाबदेह बनाने का फैसला ले लिया गया। परिषद ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि एक भी बच्चा स्कूल छोडकऱ गया तो गुरुजी को कारण
बताना होगा।
गुरुजी को यह काम करना होगा
शिक्षा अधिकारियों के अनुसार सत्र 2017-018 में पांचवीं,आठवीं व 10वीं में अध्ययनरत सभी विद्यार्थी सत्र 2018-019 में उसी विद्यालय की कक्षा में छठी, नौवीं और 11 वीं में अध्ययनरत हों। इस तरह की व्यवस्था संस्था प्रधान व शिक्षकों को करनी होगी। इस दौरान बच्चा स्कूल छोडकऱ गया तो गुरुजी को पता करना होगा कि बच्चा कहां गया? किसी अन्य स्कूल में उसने प्रवेश ले लिया तो क्यों? वह स्कूल कहां पर है? आदि बिंदुओं की तथ्यात्मक जानकारी देनी होगी।
परिषद ने मांगी रिपोर्ट
माध्यमिक शिक्षा परिषद ने जिला शिक्षाधिकारियों से बिदुंवत रिपोर्ट मांगी है। सभी शिक्षण संस्थानों में नामांकित एवं ड्राप आउट बच्चों की संख्या एवं स्कूल में पुन: प्रवेश नहीं हो पाने के कारण तथ्य सहित रिपोर्ट जल्द परिषद कार्यालय भेजी जाए। इस कार्य में शिथिलता बरतने वाले संस्था प्रधानों व शिक्षकों की रिपोर्ट भी सम्मिलित करने के को कहा गया।
रिपोर्ट देनी होगी
&माध्यमिक शिक्षा परिषद के निर्देशों से संस्था प्रधानों को अवगत कराने के साथ ही उनकी इस पर पूरी रिपोर्ट मांगी है।
ब्रह्माराम चौधरी, जिला शिक्षाधिकारी (माध्यमिक प्रथम), नागौर

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