मण्डी में करीब दो हजार पर मार केन्द्रीय स्पाइस बोर्ड के सदस्य भोजराज सारस्वत का कहना है कि बंद से अकेले मण्डी में एक हजार पल्लेदार, पांच सौ मुनीम समेत करीब दो हजार पर मार पड़ी है, कारोबारी अलग। सब अपने-अपने तरीके से इन्हें तो पैसा मुहैया कराएंगे। उनका कहना था कि नागौर शहर में करीब दस हजार लोगों पर बंद से रोजी-रोटी प्रभावित हुई है। जीरा-पान मैथी समेत अनेक का कारोबार भी प्रभावित होगा। अभी तो व्यापार को बढ़ाने के लिए अभी तो कु छ नहीं हो पाएगा। फल सब्जी मंडी के रामकुमार भाटी का कहना है कि बंद के दौरान भी आमजन को सब्जी-फल उपलब्ध कराने के लिए ठेले तक घर-घर जा रहे हैं हालांकि काफी लोगों को इससे नुकसान है।
शादी-समारोह तक स्थगित कपड़ा व्यापार संघ के मोहब्बत राम पवार का कहना है कि शहर में कपड़े की एक सौ अस्सी दुकान हैं। इनमें करीब चार सौ लेबर है। दो व 15 अप्रेल के शादी-ब्याह तक स्थगित हो गए। ऐसे में बिना कारोबार के भी इनको तो पगार देनी ही पड़ेगी, ये बेचारे कहां जाएं। टैक्सी यूनियन के रूपसिंह पंवार का कहना है कि शहर में करीब सोलह सौ टैक्सियां चलती हैं, महामारी के चलते बंद हुई हैं। परेशान लोगों की लिस्ट तैयार की जा रही है, उनकी मदद की जाएगी।
धीरे-धीरे होगा सुधार किराना, बर्तन समेत अन्य का बाजार भी बंद है। इनसे जुड़े व्यापारियों का मानना है कि लॉक डाउन के बाद भी कारोबार को पटरी में आने पर समय लगेगा। एक तकलीफ तो यही है कि स्टॉक खत्म होने पर नया माल कैसे आए। उधर, दूध, किराना, सब्जी की अनाप-शनाप वसूली पर भी लोगों ने रोष जाहिर किया।