scriptकैमरे बताएंगे थानों के भीतर की हकीकत | The cameras will reveal the reality inside the police stations | Patrika News

कैमरे बताएंगे थानों के भीतर की हकीकत

locationनागौरPublished: Apr 23, 2021 12:00:46 am

Submitted by:

Ravindra Mishra

पत्रिका न्यूज नेटवर्कनागौर. सबकुछ ठीक रहा तो जिले के सभी पुलिस थाने सीसीटीवी कैमरों से लैस होंगे। गिने-चुने थानों में यह व्यवस्था की भी गई थी। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायद तेज हो गई है, बजट नहीं मिला तो जनसहयोग अथवा जनप्रतिनिधियों से मिलने वाली राशि से इन्हें लगाया जाएगा। इसका मकसद थाने के अंदर और बाहर की हर गतिविधि पर नजर रखना है।

No arrangements for city security, CCTV cameras, city council, meeting, intersection, accidents, theft

No arrangements for city security, CCTV cameras, city council, meeting, intersection, accidents, theft


-सभी थानों में लगेंगे सीसीटीवी कैमरे
सूत्र बताते हैं कि इस दिशा में बहुत जल्द काम शुरू होने वाला है। माना जा रहा है कि अगले तीन-चार महीने में इस प्रॉजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा। जिले के सभी लोकल थानों के अलावा कुछ स्पेशल चौकी को इसके लिए चुना गया है। बताया जाता है कि सीसीटीवी कैमरे ड्यूटी ऑफिसर रूम, लॉकअप, एसएचओ रूम, मालखाना, विजिटर रूम, विमन हेल्प डेस्क, बिल्डिंग के चारों तरफ और कॉरिडोर में लगाने का प्लान है। इससे फ रियादियों के बारे में पता चल सकेगा। एसएचओ के रूम में कितने विजिटर्स और उनमें किस तरह के लोग आए और पुलिस स्टेशन स्टाफ की वर्किंग स्टाइल का भी खुलासा होगा। यह भी पता चलेगा कि फ रियादियों के साथ पुलिस का बर्ताव क्या और कैसा है।
सूत्र बताते हैं कि पहले थांवला थाने में जनसहयोग से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे, इक्का-दुक्का थानों में सीसीटीवी हैं पर वे उद्देश्य पर कितना खरे उतर रहे हैं, कोई नहीं जानता। काम कर भी रहे हैं या नहीं, इस पर भी संदेह है। गत जनवरी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की जरुरत बताई थी, इसके लिए बजट भी तय किया था। उसमें से नागौर के हिस्से अभी कुछ नहीं आ पाया है।
जनसहयोग या जनप्रतिनिधियों से आस

सूत्र बताते हैं कि नागौर के थानों के लिए बजट तय नहीं होने पर इस प्रोजेक्ट प्लान पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। अब जनसहयोग अथवा जनप्रतिनिधियों की ओर से उम्मीद बांधे पुलिस बैठी है। तय रणनीति के मुताबिक स्थानीय विधायक अपने हलके के थानों में इसके लिए कोशिश करे और जहां सभव हो सांसद अथवा अन्य जनप्रतिनिधि भी इसमें सहयोग करें। बावजूद इसके पुलिस के यह बात गले नहीं उतर रही। पहले तो कोरोना की झंझट और फिर जन सहयोग अथवा जनप्रतिनिधियों से इसके लिए सहयोग लेना मुश्किल दिख रहा है। खासतौर से वोटों की राजनीति के चलते पता नहीं ये किस थाने में सहयोग करें और किसमें नहीं।
इनका कहना है
प्लान में है, कुछ थानों में लगे थे, शेष में भी जल्द लगेंगे। इसके लिए बजट अथवा अन्य सहयोग की व्यवस्था करनी होगी।

-राजेश मीना, एएसपी, नागौर।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो