नागौर

रेलवे फाटक पर हर दिन सात घंटे थमा रहता है शहर, फिर भी ओवरब्रिज निर्माण में ऐसी धीमी रफ्तार

शहर के रेलवे फाटकों पर आवागमन सुचारू रखने के लिए बनाए जाने हैं आरओबी, निर्माण में कछुआ चाल के कारण इस वित्तीय वर्ष में भी कार्य पूरा होने की उम्मीद नहीं

नागौरDec 06, 2020 / 07:26 pm

Jitesh kumar Rawal

रेलवे फाटक पर हर दिन सात घंटे थमा रहता है शहर, फिर भी ओवरब्रिज निर्माण में ऐसी धीमी रफ्तार

जीतेश रावल
नागौर. जिस काम को करने के लिए ठेकेदार ने सात से आठ माह की मोहलत मांगी थी वह काम पूरा साल गुजरने के बाद भी अधूरा ही है। बीच में लॉक डाउन की अवधि को निकाल दिया जाए तो भी यह काम अभी तक हो जाना चाहिए था, लेकिन जिस रफ्तार से काम हो रहा है उससे लगता नहीं इस वित्तीय वर्ष में भी काम पूरा हो पाए। यह स्थिति शहर में बन रहे दोनों ओवरब्रिज की है। अभी तक दिनभर में लोगों के पांच से सात घंटे रेलवे फाटक पर ही गुजर जाते हैं। हालांकि ओवरब्रिज बन जाने के बाद आवागमन में सहूलियत मिल सकेगी, लेकिन निर्माण कार्य है कि द्रौपदी का चीर बनता जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बीकानेर रोड फाटक पर बन रहे आरओबी का काम करीब दो साल पहले तथा मानासर चौराहा फाटक पर चल रहे आरओबी का काम दिसम्बर, 2019 में पूरा हो जाना था। लेकिन, कार्यकारी एजेंसी की ढिलाई में दोनों ही कार्य अधूरे पड़े हैं। सूत्र बताते हैं कि एजेंसी ने इस कार्य को आगे से आगे सबलेट कर रखा है, जिससे कार्य में ढिलाई आ रही है।
आरओबी के चक्कर में आवागमन अवरुद्ध
आरओबी बनाने के लिए वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद कार्यकारी एजेंसी ने यहां पिलर खड़े कर दिए, लेकिन इसके बाद काम की गति धीमी हो गई। जिस सड़क पर लोग आसानी से चल पा रहे थे उसके बीचोंबीच आरओबी का ढांचा खड़ा हो गया, जिससे रास्ता भी अवरुद्ध हो रहा है। अब लोग आवागमन करने में समस्या झेल रहे हैं। आरओबी बन जाता तो इस समस्या का भी अंत होता, लेकिन अगले कुछ माह तक तो स्थिति ऐसी ही लग रही है।
फाटक पर लगा रहता है लम्बा जाम
शहर के दोनों प्रमुख रेलवे क्रॉसिंग पर आरओबी का काम अधूरा होने से शहरवासियों को 24 घंटे में से लगभग पांच से सात घंटे इसी फाटक पर गुजारने पड़ते है। हर बार 15 से 20 मिनट तक फाटक पर इंतजार करना पड़ता है। मेड़ता रोड जंक्शन से बीकानेर की ओर जाने व आने वाली रेलों की संख्या 24 घंटे में दो दर्जन से अधिक है और ज्यादातर रेलों का नागौर रेलवे स्टेशन पर ठहराव है। मेड़ता रोड-बीकानेर रेल मार्ग पर मालगाडिय़ां भी नागौर से होकर निकलती हैं। ऐसे में दिन-रात में 5 से 7 घंटे तक फाटक बंद रहती है। रेलवे क्रॉसिंग राष्ट्रीय राजमार्ग पर है, जिससे फाटक बंद रहने के दौरान वाहनों की दोनों ओर लंबी कतारें लग जाती है। इससे अक्सर फाटक के पास जाम की स्थिति बनी रहती है।
काम जल्द हो तो सहूलियत मिले
आरओबी बनने से शहर की जनता के साथ ही एनएच से गुजरने वाले वाहनों को भी जाम से राहत मिलेगी। कृषि मंडी, कोतवाली थाना, जेएलएन जिला अस्पताल, बालवा रोड हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी समेत करीब एक दर्जन सरकारी कार्यालयों में आवाजाही करने वाले लोगों को सुविधा मिल सकेगी। ऊपर से गुजरने के कारण फाटक बंद रहने पर भी लोगों को समस्या नहीं आएगी। ऐसे में इस कार्य को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए था, लेकिन अभी तक ढिलाई बरती जा रही है।
दो माह पहले कलक्टर ने दिए थे निर्देश
गत दिनों जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी भी इन ओवरब्रिज के कार्य को लेकर जायजा ले चुके हैं, ताकि काम समय पर पूरा हो सके। लेकिन, स्थिति जस की तस ही है। उन्होंने अक्टूबर माह में इन आरओबी व बाइपास रोड के निर्माण कार्य की प्रगति का जायजा लिया था। तब निर्माण कार्य की एजेंसी के प्रतिनिधि से प्रगति रिपोर्ट ली और ओवरब्रिज निर्माण कार्य जल्द पूरा करने के लिए मानव संसाधन व उपकरण बढ़ाने तथा गुणवत्तायुक्त निर्माण सामग्री की आपूर्ति रखने के निर्देश दिए थे। इस दौरान राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी भी साथ थे।

यह है स्थिति
1. बीकानेर रोड रेलवे क्रॉसिंग सी-61 आरओबी
लागत- करीब 25 करोड़
लम्बाई – 1061 मीटर
शिलान्यास- मई, 2017
काम शुरू किया- सितम्बर, 2017

2. मानासर रेलवे क्रॉसिंग सी-64 आरओबी
लागत – 29.33 करोड़
लम्बाई – 1173 व 11 मीटर चौड़ा
शिलान्यास – 7 जून, 2018
काम शुरू किया – अक्टूबर 2018
निर्देश दे रखे हैं…
निर्माण कार्य मार्च माह तक पूरा करना है, लेकिन कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। इसलिए लगता नहीं कि इस समयावधि तक पूरा हो सकेगा। कार्यकारी एजेंसी को निर्माण कार्य में रफ्तार बढ़ाने के निर्देश दे रखे हैं।
– मुकेश शर्मा, अधिशासी अभियंता, राष्ट्रीय राजमार्ग, नागौर

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