वार्ड एक के पार्षद कड़वा ने मौका स्थिति देखी तो पता चला कि निजी मोबाइल कम्पनी के ठेकेदार द्वारा करवाए जा रहे कार्य के चलते पानी की पाइपलाइन टूट गई है। इस पर कड़वा ने मौके पर काम करवा रहे लिखमाराम शर्मा से नगर परिषद की अनुमति के बारे में पूछा तो पहले तो उसने कहा कि उन्हें अनुमति की आवश्यकता नहीं रहती है, जयपुर से ली हुई है। कड़वा ने जब मुकदमा दर्ज कराने की बात कही तो ठेकेदार ने बताया कि नगर परिषद की अनुमति ली नहीं है, सोमवार को ले लेंगे। इसके बाद एडवोकेट कड़वा ने सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाने व जनता की सुविधा को बाधित करने पर कम्पनी व ठेकेदार के खिलाफ कोतवाली थाने में मामला दर्ज करने के लिए रिपोर्ट दी, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने की बजाए परिवाद दर्ज किया है।
नगर परिषद के जेईएन माणक सांखला ने बताया कि नगर परिषद शहर में काम करने के लिए परिषद की अनुमति लेनी जरूरी है, इसके लिए सम्बन्धित ठेकेदार को राशि भी जमा करवानी पड़ती है। मोबाइल कम्पनी के ठेकेदार ने न तो राशि जमा करवाई और न ही अनुमति ली है।
सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचाने पर कोई भी आम नागरिक मुकदमा दर्ज करवा सकता है, जबकि मैं तो एक चुना हुआ जनप्रतिनिधि हूं। मोबाइल कम्पनी के ठेकेदार द्वारा बिना अनुमति काम करने व सरकारी पाइपलाइन तोडऩे पर उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाने थाने गया तो थानाधिकारी ने मुकदमा दर्ज करने से मना कर दिया। फिर परिवाद दर्ज किया। जबकि मुख्यमंत्री ने दो साल पहले थाने में आने वाले हर परिवादी की एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे, लेकिन पुलिस का रवैया नहीं बदल रहा है, जिसके चलते नियम विरुद्ध काम करने वाले लोगों के हौसले बुलंद होते हैं।
– एडवोकेट गोविन्द कड़वा, पार्षद, वार्ड संख्या एक, नागौर
पार्षद गोविन्द कड़वा की रिपोर्ट पर परिवाद दर्ज कर जांच शुरू की है।
– बृजेशसिंह, थानाधिकारी, कोतवाली थाना, नागौर मुकदमा दर्ज करवाएंगे
मोबाइल कम्पनी के ठेकेदार ने बिना अनुमति पाइपलाइन तोड़ी है तो उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाएंगे। मैंने इसकी रिपोर्ट मांगी है।
– श्रवणराम चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर