scriptमेड़ता रोड बायपास से मुख्य स्टेशन की दूरी बनी मुसीबत | The distance of the main station from Merta Road Bypass became trouble | Patrika News

मेड़ता रोड बायपास से मुख्य स्टेशन की दूरी बनी मुसीबत

locationनागौरPublished: Nov 29, 2021 10:48:52 pm

Submitted by:

Ravindra Mishra

मेड़ता रोड (nagaur). मेड़ता रोड बायपास स्टेशन से मुख्य स्टेशन की दूरी यात्रियों के लिए परेशानी बन गई है। लेकिन रेल प्रशासन की हठधर्मिता के आगे आमजन मजबूर है। मजबूरीवश कुछ यात्री बायपास स्टेशन से मुख्य स्टेशन तक आने के लिए मोटरसाइकिल, टैक्सी इत्यादि का सहारा लेते हैं, जबकि अधिकांश यात्री रेल पटरियों के सहारे-सहारे दूरी तय कर प्लेटफार्म पर पहुंचते हैं।

 मेड़ता रोड बायपास से मुख्य स्टेशन की दूरी बनी मुसीबत

मेड़ता रोड बाईपास से मुख्य प्लेटफार्म पर पहुंचने के बाद ट्रेन छूट जाने से पीछे रहे यात्री।

-करीब 60 यात्री यात्रा से रह गए वंचित
– चेन पुलिंग के बाद भी नहीं रूकी मरूधर एक्सप्रेस

बायपास से मुख्य रेलवे स्टेशन की दूरी रेलवे लाइन के सहारे एक किलोमीटर है, जबकि सडक़ के रास्ते से लगभग दो किलोमीटर है। रेलवे लाइन से पैदल पहुंचने में यात्रियों को 10 से 15 मिनट लगते हैं, वही निजी साधनों से सडक़ मार्ग के रास्ते मुख्य रेलवे स्टेशन का रास्ता मात्र 5 से 10 मिनट का है लेकिन 3 फाटक बीच में होने के कारण समय अधिक लगता है और तब तक मुख्य प्लेटफार्म से जाने वाली ट्रेन निकल चुकी होती है।
यात्रियों से छूटी मरूधर एक्सप्रेस
ऐसा ही एक घटना सोमवार को मेड़ता रोड स्टेशन पर देखने को मिली। वाराणसी से बीकानेर शादी समारोह में आए लगभग 50 से 60 यात्री व 10 -15 छोटे बच्चे बीकानेर से मेड़ता रोड तक लीलण एक्सप्रेस से यात्रा कर बायपास पर उतरे। वहां से सभी यात्री निजी वाहनों में मेड़ता रोड मुख्य प्लेटफार्म पर पहुंचे। तब तक उनकी आगे की यात्रा के लिए मरुधर एक्सप्रेस ट्रेन मुख्य प्लेटफार्म पर रवाना होने को थी। आनन-फानन में सभी यात्री गाड़ी में चढऩे लगे। इस बीच गाड़ी मुख्य प्लेटफार्म से रवाना हो गई। किसी के बच्चे पीछे रह गए तो किसी का सामान। इस पर यात्रियों ने चेन खींचकर गाड़ी को रोका और अपना सामान व बच्चों को गाड़ी में चढ़ाने लगे, लेकिन तब तक ट्रेन पुन: रवाना हो चुकी थी। इस पर यात्रियों ने फिर से चेन खींची और गाड़ी को खड़ा कर दिया।
तीन चार बार चेन पुलिंग

इस प्रकार तीन चार बार ट्रेन को खड़ा करने पर आरपीएफ स्टाफ ने चेन पुलिंग करने वाले को ट्रेन से नीचे उतार दिया और उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करने लगे। इस पर सभी यात्री ट्रेन से नीचे उतर गए और 2-3 यात्री ट्रेन में आगे चले गए। ट्रेन में आगे जाने वाले यात्रियों ने भी अपने मोबाइल बंद कर लिए, जिससे उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा था । ऐसी स्थिति में पीछे रहे यात्रियों में महिलाओं ने रोना चिल्लाना शुरू कर दिया। उनका काफी सामान ट्रेन में ही रह गया था, जिसमें गहने व नकद रुपए थे। सभी यात्रियों के टिकट भी ट्रेन में आगे जाने वाले यात्रियों के पास रह गए। यद्यपि आरपीएफ स्टाफ ने सभी यात्रियों को समझाया कि केवल एक यात्री को कानूनी कार्यवाही के लिए यहां छोड़ दीजिए और सभी गाड़ी में बैठ कर आगे की यात्रा करें, क्योंकि बार बार चैन खींचने से अन्य यात्रियों को भी परेशानी होती है। लेकिन यात्रियों में महिलाओं की संख्या ज्यादा थी, जो आरपीएफ स्टाफ की बात नहीं मानकर सभी के सभी नीचे उतर गए। यात्रियों को अपनी ट्रेन छोडऩी पड़ी।
बीकानेर से जिस लीलण एक्सप्रेस में यात्री आए थे वह ट्रेन भी सोमवार को अपने निर्धारित समय से लगभग एक घंटा देरी से 10.03 पर बायपास स्टेशन पहुंची, जबकि जोधपुर से वाराणसी जाने वाली मरुधर एक्सप्रेस अपने तय समय 10.08 पर मेड़ता रोड स्टेशन पर पहुंच चुकी थी। इस प्रकार पांच मिनट के अंतराल में बाईपास स्टेशन से मुख्य स्टेशन तक आना यात्रियों के लिए किसी भी स्थिति में संभव नहीं था। रेल प्रशासन ने भी इतनी संख्या में एक साथ यात्रियों के ट्रेन में नहीं चढ़ पाने के कारण चेन पुलिंग करने पर चैन को पुन: ठीक कर ट्रेन को जल्द रवाना करना ही मुनासिब समझा ना कि यात्रियों की परेशानी को समझ कर कुछ अतिरिक्त समय देकर गाड़ी को रुकवाया।
बायपास से ट्रेनें गुजारने की हकीकत
मेड़ता रोड तथा आसपास के नागरिकों व यात्रियों ने कई बार सांसद, उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक व डीआरएम को ज्ञापन देकर, रेल मंत्री को ट्वीट कर सभी गाडिय़ों को मुख्य प्लेटफार्म से गुजारने की मांग की, लेकिन रेलवे द्वारा ट्रेनों की शटिंग में लगने वाले समय की बचत का हवाला देकर बीकानेर से डेगाना की ओर जाने वाली ट्रेनों को बायपास प्लेटफार्म से ही संचालित किया जा रहा है।
ट्रेनें और भी अधिक समय लेने लगी

जबकि वास्तविकता यह है कि बायपास प्लेटफार्म से संचालित होने के बाद ट्रेनें अपने पूर्व निर्धारित समय पर ही गंतव्य तक पहुंच रही है तो कुछ ट्रेनें और भी अधिक समय लेने लगी है। लीलन एक्सप्रेस का मेड़ता रोड से रवाना होने का समय 9.12 बजे है, जबकि जयपुर पहुंचने का समय 2.20 बजे है। जबकि जोधपुर से वाराणसी को जाने वाली मरुधर एक्सप्रेस का मेड़ता रोड से प्रस्थान समय 10.13 बजे है और जयपुर पहुंचने का समय 1.40 बजे है। इस प्रकार मेड़ता रोड से पहले रवाना होने वाली ट्रेन जयपुर बाद में पहुंचती है जबकि मेड़ता रोड से बाद में रवाना होने वाली मरुधर एक्सप्रेस जयपुर पहले पहुंचती है। यह है बायपास से ट्रेनें गुजारने की हकीकत।
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