शहर के भीतरी भागों में सड़कें अर्से से बदहाल ही है। क्षतिग्रस्त संकरे मार्गों को पार करने में शहरवासियों को काफी समस्या हो रही है। कई जगह सीवरेज लाइन बिछाने के बाद गड्ढों को यूं ही छोड़ दिया गया तो कई जगह सड़क ही उखड़ चुकी है। समय पर मरम्मत नहीं होने से समस्या दिनोंदिन बढ़ रही है।
कुम्हारी दरवाजा से प्राचीन गणेश बावड़ी-मानासर चौराहा वाली सड़क अर्से से क्षतिग्रस्त है। सीवरेज लाइन बिछाने के बाद से ही इसकी सुध नहीं ली गई। मरम्मत नहीं होने से लोगों को आवागमन में परेशानी हो रही है। वाहनों के पीछे चलते हुए दुपहिया वाहन चालक धूल व गड्ढों के कारण काफी दुखी हो जाते हैं। प्रमुख मार्ग होने से यहां हर समय यातायात रहता है, लेकिन मरम्मत पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा।
शहर में केशवदास रामद्वारे से सैनिक बस्ती तक सड़क बनाई गई थी। करीब सात माह पहले यहां कंक्रीट बिछाई गई थी, लेकिन डामर नहीं किया। यह सड़क इतने समय से डामरीकरण की बाट जोह रही है। यहां के बाशिंदों ने नगर परिषद में कई बार शिकायत की, लेकिन न तो डामरीकरण किया गया और न ही समस्या से निजात मिली। नागौर सेवा समिति अध्यक्ष डॉ. शंकरलाल परिहार ने बताया कि डामरीकरण नहीं होने से हर समय यहां धूल उड़ती है। इससे आसपास रहने वाले लोगों को भारी समस्या हो रही है। अस्थमा के मरीजों को दिक्कत हो रही है।
शहर की अन्य क्षतिग्रस्त सड़कों को लेकर लोग कितनी समस्या झेल रहे हैं इससे अधिकारी भी अनजान है। हो भी क्यों नहीं उनके दफ्तरों के बाहर सड़क एकदम दुरुस्त हो रही है। लम्बे समय से शहर की सड़कें भले ही बदहाल पड़ी हो, लेकिन कलक्ट्रेट की सड़क को मरम्मत में प्राथमिकता दी जा रही है। यहां हाल ही में मरम्मत शुरू की है। डामर मिक्स कंक्रीट बिछाकर गड्ढे भरे जा रहे हैं।
सड़कों की मरम्मत को लेकर नियमित काम चल रहा है। त्योहार के बाद भी लगातार काम कर रहे हैं। बची हुई सड़कों की मरम्मत भी जल्द ही करवा दी जाएगी।
– मनीषा चौधरी, आयुक्त, नगर परिषद, नागौर