script‘भगवत प्राप्ति जिनका लक्ष्य वही सच्चे संत’ | 'The goal of achieving God is the only true saint' | Patrika News

‘भगवत प्राप्ति जिनका लक्ष्य वही सच्चे संत’

locationनागौरPublished: Nov 28, 2018 07:43:53 pm

Submitted by:

Anuj Chhangani

खुड़ी गांव में रामकथा

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‘भगवत प्राप्ति जिनका लक्ष्य वही सच्चे संत’

छोटीखाटू. कथावाचक शोभारामदास-सोहनसिंह राठौड़ ने कहा कि जिनका लक्ष्य भगवान की प्राप्ति हो वही सच्चे संत कहलाते हैं। वे खुड़ी गांव में गौ शाला सेवा समिति की ओर से रामकथा प्रवचन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जो जीवों के हित में होता है वही सच्चा गुरु होता है और जो जीवों के हित में होता है उसी के भगवान होते हैं। मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए। अहंकार करने से मनुष्य का पतन होता है, रावण व बाली ने अहंकार किया,जो उनका विनाश हो गया। इसलिए सूई की नोक के बराबर भी अहंकार विनाश का कारण बन जाता है। मनुष्य अहंकार किस बात का कर रहा है मनुष्य का है क्या जो वह अहंकार कर रहा है, इसलिए हमेशा भगवान के नाम को याद रखना चाहिए।

‘संतों के सानिध्य से होता है पाप का नाश’
कुचेरा. क्षेत्र के लूणसरा गांव स्थित दादूपंथी आश्रम बगीची में बाबा सुखराम दास के शिष्य हाथीराम व प्रभुदास के निर्वाण महोत्सव के तहत सोमवार रात भक्ति संध्या हुई। नरेना पीठ के स्वामी गोपाल दास व पौ धाम महंत रामनिवास दास एवं लूणसरा बगीची के संत प्रीतमदास के सानिध्य में किया गया। भक्ति संध्या में केशवदास बगीची नागौर के संत जानकी दास, मेड़ता के संत चेतनदास, सहित क्षेत्र व दूरदराज से दादूपंथी, रामस्नेही, कबीरपंथी, वैरागी संत महापुरूषों ने प्रवचन, वाणी व भजन से धर्म प्रचार किया। इस मौके पर स्वामी गोपाल दास ने कहा कि संत समागम सबसे दुर्लभ है। संतों के सानिध्य से हमारे जीवन के पापों का नाश हो जाता है तथा मनुष्य पाप से पुण्य व अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होता है। इससे जीवन का कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि सत्संग में जाकर संतों की कही गई बात को जीवन में उतारने से जन्म मरण से छुटकारा मिलता है। इस मौके पर पौ धाम महंत रामनिवास दास ने संतों की कही गई बातों व उपदेशों को जीवन में उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि चौरासी लाख योनी में मुनष्य योनी में ही बुद्धि व जीवन का कल्याण करने की क्षमता होती है। देवता भी मनुष्य योनी के लिए तरसते हैं। चरण पूजन व महाप्रसादी मंगलवार सुबह हुई। इससे पहले बगीची में भागवत कथा की पूर्णाहुति पर कथावाचक रामगोपालदास ने भागवत कथा में कही गई बातों को जीवन में उतारने का आग्रह करते हुए गौ सेवा के लिए आगे आने की बात कही।

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