‘संतों के सानिध्य से होता है पाप का नाश’
कुचेरा. क्षेत्र के लूणसरा गांव स्थित दादूपंथी आश्रम बगीची में बाबा सुखराम दास के शिष्य हाथीराम व प्रभुदास के निर्वाण महोत्सव के तहत सोमवार रात भक्ति संध्या हुई। नरेना पीठ के स्वामी गोपाल दास व पौ धाम महंत रामनिवास दास एवं लूणसरा बगीची के संत प्रीतमदास के सानिध्य में किया गया। भक्ति संध्या में केशवदास बगीची नागौर के संत जानकी दास, मेड़ता के संत चेतनदास, सहित क्षेत्र व दूरदराज से दादूपंथी, रामस्नेही, कबीरपंथी, वैरागी संत महापुरूषों ने प्रवचन, वाणी व भजन से धर्म प्रचार किया। इस मौके पर स्वामी गोपाल दास ने कहा कि संत समागम सबसे दुर्लभ है। संतों के सानिध्य से हमारे जीवन के पापों का नाश हो जाता है तथा मनुष्य पाप से पुण्य व अंधकार से प्रकाश की ओर अग्रसर होता है। इससे जीवन का कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि सत्संग में जाकर संतों की कही गई बात को जीवन में उतारने से जन्म मरण से छुटकारा मिलता है। इस मौके पर पौ धाम महंत रामनिवास दास ने संतों की कही गई बातों व उपदेशों को जीवन में उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि चौरासी लाख योनी में मुनष्य योनी में ही बुद्धि व जीवन का कल्याण करने की क्षमता होती है। देवता भी मनुष्य योनी के लिए तरसते हैं। चरण पूजन व महाप्रसादी मंगलवार सुबह हुई। इससे पहले बगीची में भागवत कथा की पूर्णाहुति पर कथावाचक रामगोपालदास ने भागवत कथा में कही गई बातों को जीवन में उतारने का आग्रह करते हुए गौ सेवा के लिए आगे आने की बात कही।