मां एवं मातृभाषा का कोई विकल्प नहीं होता है
-अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर शिक्षण संस्थानों में विविध कार्यक्रमों के आयोजन
नागौर. अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर शिक्षण संस्थानों में विविध कार्यक्रमों के आयोजन किए गए। इस मौके पर शैक्षिक गतिविधियों में विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मक प्रतिभा के दर्शन कराए। इसी क्रम में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बाराणी में लिखित निबंध व भाषण प्रतियोगिता हुई। इस दौरान मायड़ भाषा री महता विषय पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में विवेक उपाध्याय ने प्रथम तथा वसुंधरा सींवर ए लाली गोदारा व प्रियंका उपाध्याय ने संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान प्राप्त किया। भाषा और व्याकरण प्रकरण विचार प्रस्तुतीकरण में वीरेंद्र भारती प्रथम रहे वहीं निकिता कंवर व खुशबू जांगू ने द्वितीय स्थान अर्जित किया जबकि निबंध प्रतियोगिता में निकिता कंवर प्रथम विजेता व किसना राम सारण द्वितीय विजेता बने। प्रतियोगिता के विजेताओं का शाला प्रधानाचार्य मगनाराम गोदारा ने उत्साहवर्धन किया। प्रतियोगिता में प्रतिभा चौधरी, कमला गुर्जर, मानाराम गोरा व शारीरिक शिक्षक मनसुखाराम बिश्नोई निर्णायक रहे। कार्यक्रम में प्रधानाचार्य गोदारा ने कहा कि मां और मातृभाषा व मातृभूमि का कोई विकल्प नहीं है । इनके प्रति आत्मीयता के कारण से हमारे मन में संस्कार व चरित्र का निर्माण होता है । इस दौरान गत दिनों संपन्न स्वतंत्र भारत के 75 वर्ष उपलब्धियां व चुनौतियां व आत्मनिर्भर भारत आदि विषयों पर आयोजित निबंध प्रतियोगिता के विजेता हरेंद्र भारती, कमल गोदारा, अरुणा कस्वां, पिंकी कंवर व श्यामलाल गोदारा आदि विजेताओं को भी सम्मानित किया गया। इनको पुरस्कार शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के सौजन्य से प्रदान किए गए ।
नागौर. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ताऊसर में छठी से लेकर 12वीं तक की छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं। छात्राओं को इस दौरान शारीरिक एवं मानसिक मजबूती के साथ ही असमान्य परिस्थितियों में खुद को रक्षित करने के दांवपेच समझाने में प्रशिक्षक लगे हुए हैं। इस मौके पर प्रधानाचार्य हनुमान प्रसाद दाधीच इनका उत्साहवर्धन करने में लगे नजर आए। प्रशिक्षक लीला चंदेल ने कहा कि बालिकाओं में सीखने की लगन एवं चाह नजर आई है। उम्मीद है कि छात्राएं इसमें बेहतर प्रदर्शन करेंगी।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय ताऊसर में कक्षा 6 से 12 वीं की छात्राएं आत्म रक्षा का प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। प्रशिक्षक लीला चंदेल के मार्गदर्शन में छात्राएं आत्मरक्षा एवं आक्रमण का प्रशिक्षण ले रही हैं। रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा दल के अंतर्गत बालिकाएं आत्मरक्षा के तरीके एवं विधियों को प्रायोगिक रूप से सीख रही हैं। प्रधानाचार्य हनुमान प्रसाद दाधीच ने बताया कि शिक्षा के साथ आत्मरक्षा के सभी पहलुओं पर बालिकाओं को शिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने आपत्ति काल में स्वयं की सुरक्षा हेतु इस प्रशिक्षण को बालिकाओं हेतु अत्यंत उपयोगी बताया। प्रशिक्षक लीला चंदेल के अनुसार वर्तमान समय में बालिकाओं में यह हुनर होने से अंदर का डर समाप्त होता है और बालिकाएं विपरीत परिस्थिति में भी आत्मरक्षा कर सकती है। उन्होंने सभी बालिकाओं को प्रतिदिन इसका अभ्यास करते रहने का आह्वान किया।