ज्यादा धमाके वाले पटाखों की अनुमति नहीं
चिकित्सका विशेषज्ञों के मुताबिक अस्थमा से पीडि़त बुजुर्ग एवं हार्ट के मरीजों और गर्भवती महिलाओं में तेज गति के धमाके वाले पटाखों का विपरित प्रभाव पड़ता है। जानकारों के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण विभाग की ओर से तय मानक तक के पटाखे बेचने की अनुमति दी जाती है। लेकिन यहां तय सीमा से ज्यादा तीव्रता के पटाखे बिक रहे हैं।
मौलासर में मात्र सात के पास है लाइसेंस
मौलासर सहित आसपास के गांव व कस्बों में बारूद (पटाखों) गली-गली में ढेर लगते हैं। हर कोई पटाखे लाकर खुलेआम बेचते हैं। प्रशासन की ओर से इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। उपखण्ड कार्यालय के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार मौलासर कस्बे के लगभग 6-7 दुकनदारों को पटाखे बेचने के लाइसेंस जारी किए गए हैं। जबकी गली-गली में पटाखों की दुकाने सजती जा रही है।
यह बरते सावधानी
बहुत तेज शोर करने वाले पटाखों और बमों से बचें। बच्चे माता-पिता की निगरानी में ही पटाखे जलाएं। शराब आदि पीकर पटाखे न जलाएं, ऐसे में कई बार हादसे हो जाते है। बेहद नजदीक से या हाथ में पकडकऱ पटाखों को न जलाएं।
पोप-पोप पटाखा मचा रहा धूम
धनकोली रोड स्थित पटाखा व्यवसायी पूनमचन्द ने बताया कि इस बार पोप-पोप नाम का नया पटाखा बाजार में बिकने को आया है। उसने बताया कि यह पटाखा कम तीव्रता व प्रदूषण रहित है। इस पटाखे में अभी बाजार में धूम मचा रखी है। खरीद में भी यह सस्ता होने से इस पटाखे की मांग भी बहुत है। इसके अलावा रोशनी वाले पटखों में फुलझड़ी, फंवारा, आकाश बम, रॉकेट, जमीन चकरी आदि उपलब्ध है। इसके अलावा पटाखों में गंगा-जमना, सूतली बम, सीमेन्ट बम आदि पटाखे चलन में है।
मार्केट ने नहीं पकड़ी रफ्तार
धनतेरस व दिवाली का अब बहुत कम समय बचा है। इसके बावजूद में बाजार ने अभी तक रफ्तार नहीं पकड़ी है। दुकानदारों का मानना है कि मार्केट में इस बार सबसे ज्यादा सुस्ती देखने को मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्र से भी बहुत कम लोग खरीददारी के लिए पहुंच रहें है। अब व्यापारियों को धनतेरस पर आस है कि इस दिन शुभ मुहूर्त होने के कारण सायद बाजार में तेजी आएगी।