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पारा लुढकऩे से कांपा शहर, नश्तर बनी सर्द हवा

locationनागौरPublished: Dec 13, 2018 05:12:54 pm

Submitted by:

Anuj Chhangani

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पारा लुढकऩे से कांपा शहर, नश्तर बनी सर्द हवा

नागौर. मौसम में अचानक पलटाव आने से बुधवार को सुबह कोहरा छाया रहा। पूरे दिन सूर्यदेव बादलों की ओट में छिपे रहने से सर्दी बढ़ गई। तेज रफ्तार में चली सर्द हवाओं ने आमजन को ठिठुराकर रख दिया। कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी भी हुई। इससे फसलों को संजीवनी मिलेगी। सर्द हवाएं चलने से तापमान में गिरावट दर्ज की गई। शहरवासी सुबह से ही गर्म कपड़े पहने नजर आए। रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड पर गाडिय़ों के इंतजार में बैठे यात्री पूरे समय ठिठुरते रहे। सवेरे धुंध छाने से रेलवे ट्रेक भी साफ नजर नहीं आ रहा था। वाहन चालकों को लाइट जलाकर वाहन चलाने पड़े।दोपहर में कुछ देर के लिए सूरज की किरणें नजर आई। बाद में पूरे दिन आसमान में बादल छाए रहे। धूप नहीं निकलने से सर्द हवाएं नश्तर बनकर चुभती रही। रेलवे स्टेशन पर दोपहर में भी ट्रेनों के इंतजार में बैठे यात्री गर्म कपड़ों से सर्दी से बचने का प्रयास करते रहे। शाम को दुकानदार भी जल्दी ही घर रवाना हो गए। इससे बाजार सूने हो गए। शाम तक तापमान में काफी गिरावट आई। शाम को अधिकतम तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि आद्र्रता 69 प्रतिशत तक पहुंच गई। मौसम विशेषज्ञों ने कहीं-कही हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई है।

कुचेरा. मंगलवार रात्रि में ठण्डी हवा चलने से बुधवार सुबह क्षेत्र में हल्का कोहरा छाया रहा। तापमान में गिरावट के कारण क्षेत्र में ठिठुर्रन बढ़ गई। सर्दी की दस्तक के साथ ही लोगों को कम्बल- रजाई की याद आ गई। बुधवार को लोग पूरे दिन ऊनी कपड़ों में लिपटे रहे। शाम को सर्दी से बचाव के लिए अलाव का सहारा लिया।
गोटन. कस्बे में बुधवार को सुबह से ही आकाश मेंं बादल छाये रहने से ठिठूरन बढ़ गई। चटक धूप नहीं मिलने से लोगों की धूजणी छूट गई। सर्दी से बचाव के लिए लोगों ने दिनभर गर्म व्यंजनों का सेवन किया। सर्दी के चलते बुजुर्गो, व बच्चों को खासी परेशानी का समाना करना पड़ा।

फसलों को मिली ताकत
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार दो दिन पहले हल्की बूंदाबांदी होना फसलों के लिए बेहद फायदेमंद है। इससे जिले में गेहूं, जौ, चना, सरसों, तारामीरा, अलसी, जीरा, ईसबगोल, मैथी, पानमैथी, सौंफ आदि रबी फसलों को इसका फायदा मिलेगा। मौसम चक्र ज्यादा नहीं बिगड़ा तो निश्चित रूप से फसल उत्पादन काफी बेहतर होगा।

इनका कहना है…
कुछ जगहों पर हल्की बूंदाबांदी हुई है। इससे बढ़ती सर्दी में फसलों को बेहतर ग्रोथ मिलेगी और बीमारियां भी नहीं लगेंगी।
हरजीराम चौधरी, उपनिदेशक कृषि विस्तार नागौर

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