नागौर

Nagaur:बजरी माफियाओं पर खनन विभाग हुआ मेहरबान

नागौर में सडक़ों पर धड़ल्ले से दौड़ते अवैध रूप बजरी लदे ट्रक जिम्मेदारों को दिखा रहे अंगूठा, सुरक्षाकर्मियों का जाप्ता मिलने के बाद भी चार दिन में कोई

नागौरNov 30, 2017 / 12:54 pm

Sharad Shukla

The mining department on Gravel Mafias

नागौर. सडक़ों पर अवैध रूप से बजरी लदे ट्रक खुलेआम जिम्मेदार अधिकारी को चुनौती देने में लगे हुए हैं, लेकिन खनन विभाग ने आरएसी फोर्स उपलब्ध होने के बाद भी कार्रवाई के नाम पर चुप्पी साध रखी है। स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आरएसी फोर्स मिलने के चार दिन बाद भी कार्रवाई के नाम पर स्थिति शून्य है। विभागीय अधिकारियों का मानना है कि न तो अवैध खनन हो रहा है, और न ओवरलोडेड बजरी लदे वाहन शहर में आते हैं। वास्तविक स्थिति इससे अलग है। जानकारों का कहना है कि रोजाना तीन दर्जन से अधिक बजरी लदी गाडिय़ां न केवल शहर में आती हैं, बल्कि मनवांछित धर्मकांटों पर उतारने के बाद दाम वसूलकर रवाना हो जाती हैं। इधर, बजरी बेचने के लिए बैठे दुकानदारों का बजरी का मूल्य से दो से तीन-गुना बढ़ाने का खेल शुरू हो जाता है। स्थिति यह है कि मकान बनवाना हो या फिर कोई निर्माण कराने का काम हो, पैसे तो तीन से चार-गुना देने ही पड़ते हैं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक मिनी ट्रक में लदी बजरी का मूल्य 18 से 20 हजार तक देने पड़ जाते हैं।
बजरी खनन माफिया एवं इसका अवैध रूप से परिवहन करने वालों पर खनन विभाग मेहरबान बना है। इसकी वजह से न केवल शहर की सडक़ों पर बजरी से लदी ट्रकों के पहिए सडक़ों रौंदते हुए खुलेआम नियमों की अवहेलना करने में लगे हैं, बल्कि मनवांछित दरों पर इसकी बिक्री शुरू कर दी गई है। बजरी का अवैध परिवहन करने वाले एवं धर्मकांटों पर इसकी बिक्री करने वाले संचालकों की मिलीभगत के कारण आम उपभोक्ताओं का दम घुटने लगा है। जानकारों के अनुसार शहर में तीन प्रकार की गुणवत्ता वाली बजरी की आपूर्ति की जाती है। बहुत अच्छी, मध्यम एवं निम्न स्तर की बजरी की श्रेणियां रहती हैं। जोधपुर , पीपाड़ क्षेत्र से आने वाली बजरी के दाम अन्य जगहों की तुलना में दो से तीन गुना ज्यादा रहते हैं, जबकि सामान्यत: निर्धारित 50 से 70 रुपए प्रति क्विंटल बताई जाती है। बजरी खरीदने वाला जरूरतमंद जब दुकान पर पहुंचता है तो उसे इसके दो से तीन गुना दाम चुकाने पड़ते हैं, नहीं तो फिर उसे बजरी देने से साफ इंकार कर दिया जाता है। जानकारों का कहना है कि एक दुकानदार ने मना कर दिया तो दूसरा भी उससे कम पर नहीं,बल्कि ज्यादा के दर पर ही बजरी की बिक्री करता है।
अधिकारी कहिन…
खनन विभाग के प्रभारी अधिकारी एवं अभियंता सोहनलाल का कहना था कि कार्रवाई की जाती है, दबिश भी जारी है। विभाग की ओर से लगातार प्रयास जारी है। एक माह के अंतराल में की गई कार्रवाइयों में मिली उपलब्धता के सवाल पर वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

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