पंचायतों के परिसीमन का प्रारूप प्रकाशित होने के बाद ग्रामीणों ने आपत्तियां दर्ज करवाई थी, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें दरकिनार कर दिया। मूण्डवा पंचायत समिति के खुडख़ुड़ा कलां के ग्रामीणों को बू-नरावता पंचायत में शामिल किया है, दोनों गांवों के बीच पक्का मार्ग भी नहीं है। इसी प्रकार अमण्डा को कड़लू में शामिल किया जा सकता था, लेकिन बलाया में यथावत रखा है, जबकि दोनों गांवों के बीच पक्का रास्ता नहीं है और दूरी भी ज्यादा है। यही स्थिति अन्य पुनर्गठित कई पंचायतों की है, जहां ग्रामीणों को पंचायत मुख्यालय तक आने-जाने के लिए या तो लम्बी दूरी तय करनी पड़ेगी और या फिर कच्चे रास्तों में हिचकोले खाने पड़ेंगे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज विभाग द्वारा शनिवार को जारी नागौर जिले अधिसूचना में जायल, डेगाना, रियां बड़ी व मेड़ता सिटी पंचायत समिति क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को शामिल नहीं किया। जिले में डेह, सांजू व भैरूंदा को नई पंचायत समिति बनाने को लेकर गत एक नवम्बर को मांगी गई आपत्तियों की अंतिम तिथि 30 नवम्बर होने के चलते इससे प्रभावित होने वाली पंचायत समिति डेगाना, रियां बड़ी, मेड़ता व जायल की ग्राम पंचायतों की अधिसूचना बाद में जारी होगी। गौरतलब है कि जिले में वर्तमान में 14 पंचायत समितियां हैं, अब बढकऱ 17 हो जाएंगी।