नागौरPublished: Sep 22, 2023 11:08:01 pm
Sharad Shukla
Nagaur. शहर की मंगलम कॉलोनी में पार्क विकसित करना भूल गई नगरपरिषद
-स्थानीय बाङ्क्षशदे 14 बार मूलभूत सुविधाओं की उपलब्धता के लिए नगरपरिषद को दे चुके हैं प्रार्थना पत्र
-प्रशासनिक बैठकों में आल इज वेल का दावा करने वाले जिम्मेदारों की बेपरवाही से बिगड़े हालात
नागौर. शहर के प्रमुख रिहायसी क्षेत्रों में शामिल मंगलम नगर में नगरपरिषद पार्क और सडक़ बनाना भूल गया। केवल इतना ही नहीं, बल्कि सीवरेज लाइन भी इस क्षेत्र से होकर जाती है, लेकिन इसके बाद भी इन क्षेत्रों के घरों को इसके कनेक्शन तक जारी नहीं किए गए। स्थिति यह है कि शाम होते ही पूरी कॉलोनी अंधेरे में डूब जाती है, क्यों यहां पर स्ट्रीट लाइट तो लगी है, मगर कनेक्शन नहीं दिए गए। बताते हैं कि इस क्षेत्र में सफाई कराने के लिए भी लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ती है। अभियान चलाकर यहां पर सफाई होती है। कारण बताया जाता है कि मंगलम नगर में कोई सफाई कर्मी जाता ही नहीं है।
पार्क की खाली जमीन पर अतिक्रमण का खतरा
क्षेत्रवासियों की माने तो कॉलोनी की स्वीकृति के साथ यहां पर सौ फिट लंबी एवं सौ फिट चौड़ा भूखण्ड पार्क के लिए छोड़ा गया। भूखण्ड पहले काफी बुरी हालत में था, लेकिन क्षेत्रवासियों ने मेहनत कर इसको समतल बनाया। समतल बनाने में इसे कॉलोनीवासियों को 17 दिन लग गए। कड़ी मेहनत के बाद समतल बनाया, फिर पार्क को विकसित करने के लिए नगरपरिषद के सभापति एवं आयुक्त से संपर्क किया गया। हर बार केवल आश्वासन ही मिला। अब पार्क विकसित नहीं होने से खाली भूखण्ड होने के चलते इस पर अतिक्रमणकारियों की गिद्ध निगाहें भी लगी हुई हैं। इसको लेकर कथित रूप से कुछ लोगों ने अतिक्रमण करने का प्रयास किया था, लेकिन क्षेत्रवासियों ने एकजुटता का परिचय देते हुए विफल कर दिया। क्षेत्रवासियों का कहना है कि यहां पर जल्द ही पार्क विकसित करने का काम करना चाहिए, नहीं तो फिर इस पर इसी तरह के अतिक्रमण करने का प्रयास होता रहेगा।
सडक़ भी नहीं बनाई, और सीवरेज का कनेक्शन तक नहीं दिया
स्थानीय बाशिंदे बताते हैं कि कॉलोनी के स्थापन के बाद से ही इसे व्यवस्थित रूप से विकसित नहीं किया गया। यहां पर मार्गों की हालत ऐसी हो गई है कि इस पर सफर करना मुश्किल हो गया है। सडक़ बनवाने के लिए भी प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं बनी। सीवरेज की मुख्य लाइन भी इस कॉलोनी से होकर गई है। इसके बाद भी इस क्षेत्र के लोगों को इसके कनेक्शन तक नहीं दिए गए। इस संबंध में स्थानीय निवासियों ने पार्षद गोविंद कड़वा से संपर्क किया, लेकिन पार्षद कड़वा भी लोगों को सीवरेज का कनेक्शन नहीं दिला पाए।
शाम को सात बजे बाद अंधेरे में रहती कॉलोनी
क्षेत्र में शाम को सात बजे के बाद पूरी तरह से अंधेरा पसर जाता है। स्थानीय लोगों के आग्रह पर पार्षद ने स्ट्रीट लाइट तो लगवा दी, मगर इसका कनेक्शन अब तक नहीं हो पाया है। इसकी वजह से शाम को सात बजे के बाद पूरी कॉलोनी अंधेरे में कैद हो जाती है। कई बार इस अंधेरे के कारण हल्के स्तर पर हादसे भी होते हैं। इसके बाद भी स्ट्रीट लाइट का कनेक्शन यहां पर नहीं दिया गया। इस संबंध में कुछ दिन पहले ही क्षेत्रवसियों ने सभापति एवं आयुक्त से मुलाकात कर उनसे समाधान का आग्रह किया तो कहा गया कि शाम तक इसका समाधान करा देंगे। इसके बाद भी अब तक कनेक्शन इसका नहीं दिया जा सका।
यह समस्याएं भी कर रही हैं परेशान
स्थानीय निवासियों के अनुसार क्षेत्र में आज तक न तो पर्याप्त मात्रा में जलापूर्ति हुई है, और न ही बिजली का वोल्टेज सही रहता है। सफाई की स्थिति यह है कि क्षेत्र में कई जगहों पर कचरा के खड़े पहाड़ सफाई व्यवस्था की स्थिति खुद-ब-खुद बता देते हैं। सडक़ों की हालत ऐसी है कि इस पर हुए गड्ढों को गिना ही नहीं जा सकता है। इस तरह की समस्याओं को लेकर संबंधित विभागों में कई प्रार्थना पत्र दिए जाने के बाद भी इसमें से एक भी समस्या आज तक नहीं सुलझी।
जनता कहिन:
कॉलोनी में निर्धारित प्रावधानों के तहत मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के साथ इनको जनता के लिए उपलब्ध कराना नगरपरिषद का काम है। मूलभूत सुविधाएं पाना तो एक भारतीय नागरिक संवैधानिक अधिकार है। इसके बाद भी यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही तो साफ है कि नगरपरिषद को संवैधानिक व्यवस्था पर विश्वास ही नहीं है।
अनिल चौधरी, स्थानीय नागरिक, मंगलम नगर
सीवरेज की मुख्य लाइन मंगलम नगर कॉलोनी से होकर गुजरी है। इसके बाद भी इस क्षेत्र के लोगों को इसके कनेक्शन नहीं दिया जाना समझ से परे रहा है। दूसरे क्षेत्र के लोगों को कनेक्शन दिए गए। इस संबंध में भी नगरपरिषद का ध्यान आकृष्ट कराया गया। इसके बाद भी अब तक कनेक्शन नहीं दिया गया है।
कैलाशदान चारण, स्थानीय नागरिक मंगलम नगर
कॉलोनी में पूरी घूमकर आ जाइये, आपको कहीं भी एक बेहतर सडक़ नहीं मिल पाएगी। यहां पर गड्ढे इतने हैं कि इनको गिना भी नहीं जा सकता है। इसके कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। इस संबंध में पार्षद से आग्रह किया गया। इसके बाद भी इसका अब तक समाधान नहीं किया जा सका है।
शाम को सात बजे के बाद अंधेरे में डूबने वाली यह शहर की इकलौती कॉलोनी है। जबकि अन्य क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट जलते हुए मिल जाती है, लेकिन इस कॉलोनी में आज तक स्ट्रीट लाइट जली ही नहीं है। अंधेरा होने की वजह से शाम के बाद घरों से निकलने में भी डर लगता है। फिर भी सुनवाई नहीं हो रही है।
मनीष सिंवर, स्थानीय नागरिक मंगलम नगर
यह काफी विडंबनापूर्ण स्थिति है कि हम विज्ञान के जरिये चांद तक पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां धरती पर लोगों को न तो पीने का पानी मुहैया हो पा रहा है, और न ही आवागमन के लिए एक व्यवस्थित सुविधा। इसके बाद भी राज्य सरकार के मुखिया भाषण देते हैं कि जन-जन का विकास करने में लगे हुए हैं।
नागौर. शहर की मंगलम नगर कॉलोनी को है पक्की सडक़ बनने का इंतजार