गौरतलब है कि त्योहारों सीजन में खाद्य पदार्थों में मिलावट होने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए इस समय मुख्यमंत्री ने इस मामले में और अधिक सतर्कता बरतने व खाद्य पदार्थों में मिलावट पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके लिए 26 अक्टूबर से शुरू होने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मिलावटी पदार्थ डाले जाने की सूचना देने वालों को सूचना सही पाए जाने पर 51 हजार रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा भी की है।
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को सफल बनाने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी के साथ जांच दल में तहसीलदार, नायब तहसीलदार और विकास अधिकारी को टीम लीडर बनाया गया है, साथ ही विधिक माप विज्ञान अधिकारी, संबंधित पुलिस थाना के उप निरीक्षक, रसद विभाग के प्रवर्तन निरीक्षक या प्रवर्तन अधिकारी तथा डेयरी के प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि पहले पूरे जिले में एक ही अधिकारी के कंधों पर यह जिम्मेदारी थी। लेकिन दूसरी बड़ी समस्या जांच को लेकर आएगी। जांच दल द्वारा जो नमूने लिए जाएंगे, उनकी जांच अजमेर प्रयोगशाला में की जाएगी, जहां से रिपोर्ट आने में ही काफी देरी हो जाती है। यदि रिपोर्ट समय पर आए तो निम्न गुणवत्ता की खाद्य सामग्री उपयोग से पहले नष्ट की जा सकती है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार खाद्य अपमिश्रित आहार का उपयोग करने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और शारीरिक विकार उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है। खाद्य अपमिश्रण से आखों की रोशनी जाना, हृदय सम्बन्धित रोग, लीवर खराब होना, कुष्ठ रोग, आहार तंत्र के रोग, पक्षाघात व कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों हो सकती हैं।
मिलावट के खिलाफ समय-समय पर चलाए जाने वाले अभियानों व रूटिन में चिकित्सा विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच करवाई जाती है, जांच में नमूना फेल होने पर सम्बन्धित व्यापारी के खिलाफ एडीएम कोर्ट में प्रकरण पेश किया जाता है, जहां जुर्माना लगाकर व्यापारी को छोड़ दिया जाता है। आम जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोर से लाखों कमाने वाले व्यापारी हजारों रुपए का जुर्माना देने में जरा भी नहीं हिचकिचाते हैं। सरकार को यदि मिलावट का खेल रोकना है और जनता के स्वास्थ्य की फिक्र है तो फिर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। त्योहारी सीजन में मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट को रोकने के लिए खुफिया तंत्र से भी नजर रखी जाएगी।
– मनोज कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर, नागौर