scriptत्योहारी सीजन शुरू होते ही बढ़ गई बीकानेर से आने वाले मावा की मात्रा | The quantity of mawa coming from Bikaner increased as festive season | Patrika News

त्योहारी सीजन शुरू होते ही बढ़ गई बीकानेर से आने वाले मावा की मात्रा

locationनागौरPublished: Oct 25, 2020 11:33:44 am

Submitted by:

shyam choudhary

प्राइवेट बसों में अवैध रूप से भरकर आ रहे निम्न गुणवत्ता के मावे की जांच से शुरू हो ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान- न वाणिज्य कर विभाग कर रहा कार्रवाई और न ही खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की नजर – राज्य सरकार के निर्देश पर कल से शुरू हो रहा है अभियान – बसों से आने वाले मावे की जांच हो तो मिठाइयों की मिलावट हो जाएगी आधी से कम

The quantity of mawa coming from Bikaner increased as festive season

The quantity of mawa coming from Bikaner increased as festive season

नागौर. कोरोना वायरस के संक्रमण से फैली महामारी के कारण लम्बे समय तक बाजार बंद रहने बाद अब एक बार फिर त्योहारी सीजन में मिठाइयों का कारोबार भी गति पकड़ रहा है, लेकिन इस कारोबार में मिलावटी व निम्न गुणवत्ता का माल भी बेरोक-टोक के बाजार में बेचा रहा है। नवरात्र के साथ शुरू हुई त्योहारी सीजन के साथ ही बीकानेर से निजी बसों में भरकर आने वाले ‘मावा’ की मात्रा भी बढ़ गई है। रात-दिन चलने वाले स्लीपर बसों में यात्री कम और मावा ज्यादा आ रहा है, जो शहर से गुजरने वाले हाइवे के हर चौराहे पर उतारा जा रहा है। यह मावा न केवल बिना अनुमति लाया जा रहा है, बल्कि इसकी गुणवत्ता पर भी कई बार जांच में सवाल उठ चुके हैं।
राज्य सरकार के निर्देशानुसार आमजन व उपभोक्ताओं को शुद्ध खाद्य पदार्थ मिले, इसके लिए फूड सेफ्टी और स्टेण्डर्ड एक्ट-2006 के अंतर्गत सोमवार से ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान शुरू किया जा रहा है। यदि जिम्मेदार अधिकारी बीकानेर से अवैध रूप से परिवहन कर लाए जा रहे मावा की दुकानों में पहुंचने से पहले जांच कर लें तो मिठाइयों में मिलावट के काले कारोबार पर 70 प्रतिशत तक रोक लगाई जा सकती है।
गौरतलब है कि त्योहारों सीजन में खाद्य पदार्थों में मिलावट होने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए इस समय मुख्यमंत्री ने इस मामले में और अधिक सतर्कता बरतने व खाद्य पदार्थों में मिलावट पर अंकुश लगाने के लिए निर्देश दिए हैं। इसके लिए 26 अक्टूबर से शुरू होने वाले शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही मिलावटी पदार्थ डाले जाने की सूचना देने वालों को सूचना सही पाए जाने पर 51 हजार रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा भी की है।
समय पर हो नमूनों की जांच
शुद्ध के लिए युद्ध अभियान को सफल बनाने के लिए खाद्य सुरक्षा अधिकारी के साथ जांच दल में तहसीलदार, नायब तहसीलदार और विकास अधिकारी को टीम लीडर बनाया गया है, साथ ही विधिक माप विज्ञान अधिकारी, संबंधित पुलिस थाना के उप निरीक्षक, रसद विभाग के प्रवर्तन निरीक्षक या प्रवर्तन अधिकारी तथा डेयरी के प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा। गौरतलब है कि पहले पूरे जिले में एक ही अधिकारी के कंधों पर यह जिम्मेदारी थी। लेकिन दूसरी बड़ी समस्या जांच को लेकर आएगी। जांच दल द्वारा जो नमूने लिए जाएंगे, उनकी जांच अजमेर प्रयोगशाला में की जाएगी, जहां से रिपोर्ट आने में ही काफी देरी हो जाती है। यदि रिपोर्ट समय पर आए तो निम्न गुणवत्ता की खाद्य सामग्री उपयोग से पहले नष्ट की जा सकती है।
खाद्य पदार्थों की मिलावट बढ़ा रही है गंभीर बीमारियां
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार खाद्य अपमिश्रित आहार का उपयोग करने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और शारीरिक विकार उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है। खाद्य अपमिश्रण से आखों की रोशनी जाना, हृदय सम्बन्धित रोग, लीवर खराब होना, कुष्ठ रोग, आहार तंत्र के रोग, पक्षाघात व कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों हो सकती हैं।
पत्रिका व्यू… जुर्माना देकर छूट जाते हैं, सख्त कार्रवाई होनी चाहिए
मिलावट के खिलाफ समय-समय पर चलाए जाने वाले अभियानों व रूटिन में चिकित्सा विभाग द्वारा खाद्य पदार्थों के नमूने लेकर जांच करवाई जाती है, जांच में नमूना फेल होने पर सम्बन्धित व्यापारी के खिलाफ एडीएम कोर्ट में प्रकरण पेश किया जाता है, जहां जुर्माना लगाकर व्यापारी को छोड़ दिया जाता है। आम जनता की सेहत से खिलवाड़ करने वाले मिलावटखोर से लाखों कमाने वाले व्यापारी हजारों रुपए का जुर्माना देने में जरा भी नहीं हिचकिचाते हैं। सरकार को यदि मिलावट का खेल रोकना है और जनता के स्वास्थ्य की फिक्र है तो फिर मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
सख्त कार्रवाई करेंगे
राज्य सरकार के निर्देशानुसार शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। त्योहारी सीजन में मिठाइयों व अन्य खाद्य पदार्थों में होने वाली मिलावट को रोकने के लिए खुफिया तंत्र से भी नजर रखी जाएगी।
– मनोज कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर, नागौर

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