कृषि अधिकारियों के अनुसार कुचामन कृषि रेंज में जहां 94066 एरिया में रबी उपज की बुवाई हो मौसम के मावठ का फायदा मिलेगा, वहीं मेड़तासिटी दो लाख 53 हजार 696 हेक्टेयर एरिया में गेहूं, जौ, चना, दालें, अलसी, जीरा, ईसबगोल, सौंफ आदि की उपज की फसल को इस बदले मौसम में रफ्तार मिलेगी। इससे फसल का उत्पादन बेहतर होगा।
इनका कहना है…
पश्चिमी विछोभ से हुई बारिश से बढ़ी ठंड का रबी की उपज को बेहद फायदा मिलेगा। हालांकि पानमेथी की उपज जरूर प्रभावित होगी, लेकिन अन्य उपज के लिए उत्पादन की दृष्टि से बारिश बेहद फायदेमंद है।
शंकरराम सियाग, पौध संरक्षण अधिकारी कृषि विस्तार नागौर