दो घंटे तक एक-दूसरे पर डालते रहे जिम्मेदारी
एक महीने से टूटी पड़ी आरओबी की सुरक्षा दीवार को लेकर सोमवार को यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हनुमान बांगड़ा ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते कह दिया कि यह एनएच का मामला है। इस पर बांगड़ा ने एनएच के एक्सईएन से बात की, जिस पर उन्होंने भी कह दिया कि हमारा नहीं है। इसके बाद बांगड़ा कलक्ट्रेट पहुंचे तथा एडीएम से बात की। एडीएम ने वापस पीडब्ल्यूडी एसई से बात की तो उन्होंने बताया कि ओवरब्रिज का निर्माण एनएच ने करवाया, लेकिन अब यह नगर परिषद के क्षेत्राधीन है। बांगड़ा ने बताया कि दीवार को टूटे हुए एक महीना हो गया, लेकिन अब तक अधिकारियों ने यह भी तय नहीं किया कि इसकी मरम्मत कौन करवाएगा।
एक महीने से टूटी पड़ी आरओबी की सुरक्षा दीवार को लेकर सोमवार को यूथ कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हनुमान बांगड़ा ने पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते कह दिया कि यह एनएच का मामला है। इस पर बांगड़ा ने एनएच के एक्सईएन से बात की, जिस पर उन्होंने भी कह दिया कि हमारा नहीं है। इसके बाद बांगड़ा कलक्ट्रेट पहुंचे तथा एडीएम से बात की। एडीएम ने वापस पीडब्ल्यूडी एसई से बात की तो उन्होंने बताया कि ओवरब्रिज का निर्माण एनएच ने करवाया, लेकिन अब यह नगर परिषद के क्षेत्राधीन है। बांगड़ा ने बताया कि दीवार को टूटे हुए एक महीना हो गया, लेकिन अब तक अधिकारियों ने यह भी तय नहीं किया कि इसकी मरम्मत कौन करवाएगा।
पत्रिका व्यू ... इतना याद रखें जनता टेक्स देती है
नागौर शहर में पिछले कुछ समय से सडक़ों की मरम्मत सहित अन्य आधारभूत सुविधाओं को लेकर अधिकारी पूरी तरह गैर जिम्मेदार बने हुए हैं। मूण्डवा चौराहा से विजय वल्लभ चौराहा तक तथा महिला कॉलेज के सामने महीनों तक सडक़ टूटी रही, लेकिन एनएच और नगर परिषद के अधिकारी एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताकर जनता को दर्द देते रहे, लेकिन पिछले दिनों मुख्यमंत्री का नागौर दौरा हुआ तो रातों-रात सडक़ें बना दी। इसी प्रकार बजट घोषणा के अनुसार शहर में पीडब्ल्यूडी के माध्यम से बनने वाली सडक़ों के टेंडर हुए छह महीने हो चुके हैं, ठेकेदार ने डब्ल्यूबीएम करके छोड़ दिया, जनता परेशान हो रही है, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। अधिकारियों को इतना याद रखना चाहिए कि जनता टेक्स देती है, उसी से उनकी तनख्वाह मिलती है।
नागौर शहर में पिछले कुछ समय से सडक़ों की मरम्मत सहित अन्य आधारभूत सुविधाओं को लेकर अधिकारी पूरी तरह गैर जिम्मेदार बने हुए हैं। मूण्डवा चौराहा से विजय वल्लभ चौराहा तक तथा महिला कॉलेज के सामने महीनों तक सडक़ टूटी रही, लेकिन एनएच और नगर परिषद के अधिकारी एक-दूसरे की जिम्मेदारी बताकर जनता को दर्द देते रहे, लेकिन पिछले दिनों मुख्यमंत्री का नागौर दौरा हुआ तो रातों-रात सडक़ें बना दी। इसी प्रकार बजट घोषणा के अनुसार शहर में पीडब्ल्यूडी के माध्यम से बनने वाली सडक़ों के टेंडर हुए छह महीने हो चुके हैं, ठेकेदार ने डब्ल्यूबीएम करके छोड़ दिया, जनता परेशान हो रही है, लेकिन अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। अधिकारियों को इतना याद रखना चाहिए कि जनता टेक्स देती है, उसी से उनकी तनख्वाह मिलती है।