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अयोग्य को ज्ञान नहीं मिलना चाहिए

locationनागौरPublished: Jul 28, 2021 11:08:59 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur. संत जानकीदास महाराज ने प्रवचन में समझाई पात्र व सुपात्र की विशेषता

The unqualified should not get knowledge

Sant Jankidas Maharaj explained in the discourse the characteristics of a character and a deserving person

नागौर. रामद्वारा केशव दास महाराज बगीची बख्तासागर में भागवत कथा पर प्रवचन करते हुए संत ने जानकीदास ने कहा कि ज्ञान ,मान और धन यह तीन वस्तुएं सुपात्र को ही मिलनी चाहिए। अयोग्य को ज्ञान मिले तो उसका पतन हो जाएगा। अयोग्य को ज्ञान मिलने से उसका अभिमान बढ़ता है। ज्ञान तो अभिमान को खत्म के लिए है। अभिमान को बढ़ाने के लिए ज्ञान नहीं है। ज्ञान दोष आदि देखने के लिए नहीं, बल्कि भगवान का दर्शन के लिए होता है। अयोग्य को मान मिले यह अच्छा नहीं है। जो लायक नहीं है उसको धन मिले तो वह धन का दुरुपयोग करेगा। धन का जो दुरुपयोग करता है धन उसको मारता है। पैसा विष है, पैसा पतन का कारण है और अमृत भी है। यह भगवान के चरणों में भी ले जाता है। पैसे का सदुपयोग हो तो पैसा लक्ष्मी का स्वरूप है। इस संसार में निर्दोष तो एक परमात्मा श्री कृष्ण है। निर्दोष भगवान श्रीराम है, भगवान शंकर भी निर्दोष है। संतों में एक आध दोष होता है किंतु संतों में अनेक सद्गुण भी होते है। इस दौरान मोहनराम सांखला, सत्यनारायण सेन ,सत्यनारायण माहेश्वरी, मदनलाल कच्छावा, भंवरु दास वैष्णव ,मि_ दास आदि संत मौजूद थे।

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