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रक्तदान : युवाओं ने की पहल तो मिटी भ्रांतियां, बदली धारणा, आया बदलाव

locationनागौरPublished: Jun 14, 2021 10:44:50 am

Submitted by:

shyam choudhary

world blood donor day special : नागौर जिला कलक्टर द्वारा बनाए रक्तकोष फाउंडेशन ने तीन साल में करवाया 40 हजार यूनिट रक्तदान- जिले के कई युवा व संगठन भी कर रहे उल्लेखनीय काम

नागौर जिला कलक्टर द्वारा बनाए रक्तकोष फाउंडेशन ने तीन साल में करवाया 40 हजार यूनिट रक्तदान

नागौर जिला कलक्टर द्वारा बनाए रक्तकोष फाउंडेशन ने तीन साल में करवाया 40 हजार यूनिट रक्तदान

नागौर. ‘रक्तदान करेंगे तो शरीर कमजोर हो जाएगा, एक बार से ज्यादा रक्तदान नहीं कर सकते, महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकती, शाकाहारी लोगों को रक्तदान नहीं करना चाहिए, हमारे शरीर में रक्त की मात्रा सीमित है, दूसरे को रक्त देने से कम हो जाएगा।’ एक समय था जब ऐसी अनेक भ्रांतियों एवं रूढि़वादी रवायत के चलते लोग रक्तदान करने से कतराते थे या यूं कहें कि समाज में रक्तदान करने को लेकर बहुत अच्छी धारणा नहीं थी, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में युवाओं ने जिस प्रकार रक्तदान कराने का काम अपने हाथों में लेकर शिविर आयोजित करने शुरू किए, समाज में न केवल भ्रांतियां मिटी, बल्कि लोगों की धारणा भी बदल गई और एक क्रांतिकारी बदलाव आया। इसी का परिणाम है कि जिले के सांजू, खुडख़ुड़ा, गुढ़ा भगवानदास सहित अनेक गांवों में पहली बार रक्तदान शिविर आयोजित हुए और लोगों ने बढ़-चढकऱ रक्त का दान दिया। पहले जो लोग अपने रिश्तेदारों को खून देने से कतराते थे, वे अब शिविरों में रक्तदान कर रहे हैं, जहां उन्हें यह पता नहीं है कि उनका अमूल्य रक्त किस जरूरतमंद की जान बचाएगा। आज सामाजिक संस्था लायंस क्लब, महावीर इंटरनेशनल, नवोदय विद्यालय एलुमनि एसोसिएशन, रोटरी क्लब के साथ अलग-अलग समाजों ने भी वर्ष में नियत समय पर रक्तदान शिविर आयोजित करवाना शुरू कर दिया है।
आईएएस सोनी की मुहिम से जुड़ चुके 21 जिलों के रक्तदाता
रक्तदान के क्षेत्र में इन दिनों राजस्थान में बेहतरीन काम कर रहा रक्तकोष फाउंडेशन कई लोगों की जान बचा चुका है। इसकी स्थापना वर्तमान नागौर कलक्टर व आईएएस डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी ने 14 जून, 2018 को की थी। रक्तकोष फाउंडेशन ने एक विशेष पहल करते हुए राजस्थान के सभी जिलों में रक्तदान के क्षेत्र में सक्रिय युवाओं को दायित्व देकर परस्पर एक मंच पर जोड़ दिया। इसके लिए रक्तकोष फाउंडेशन की सोशल मीडिया साइट्स, वेबसाइट व एप के साथ ही हर जिले और ब्लॉक स्तरीय ग्रुप्स भी बनाए गए, ताकि सभी जिलों के रक्तदाता आपस में जुडकऱ एक-दूसरे का सहयोग करते हुए जरूरतमंद मरीज के लिए तुरन्त रक्तदान कर सकें। इसी का परिणाम है कि केवल तीन साल में ही 250 से अधिक रक्तदान शिविर आयोजित करके 40 हजार यूनिट रक्तदान करवाया जा चुका है। उल्लेखनीय है कि रक्तकोष फाउंडेशन के संस्थापक डॉ. सोनी खुद 75 बार रक्तदान कर चुके हैं।
वाट्सएप गु्रप से शुरुआत, बन गया कारवां
डॉ. सोनी वर्ष 2015 में जालोर कलक्टर थे, उस वक्त उन्होंने कार्यालय के सहायक लेखाधिकारी रामगोपाल विश्नोई के सहयोग से रेयर ब्लड के मरीजों की सहायता के लिए एक वाट्सएप समूह यूनिवर्सल डोनर बनाया था, जिसके परिणाम बहुत ही सकारात्मक मिले तो उन्होंने वर्ष 2018 में झालावाड़ कलक्टर रहते हुए 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर रक्तकोष फाउंडेशन की स्थापना कर दी, जिसका मकसद सभी रक्त समूहों के लिए रक्तदान करवाना था। इसके लिए उन्होंने प्रबंध कार्यकारिणी बनाकर जालोर निवासी रामगोपाल विश्नोई को अध्यक्ष, श्रीगंगानगर निवासी मनोज सुथार को उपाध्यक्ष एवं जयपुर निवासी ताराचंद शर्मा को महासचिव का दायित्व देकर राज्यभर में इसे संगठनात्मक रूप देने की जिम्मेदारी दी। तीन साल बाद रक्तकोष फाउंडेशन की 21 जिलों में जिला शाखाएं गठित की जा चुकी हैं जिसमें जिलाध्यक्ष, जिला संयोजक, जिला सचिव एवं ब्लॉक प्रभारी के दायित्व दिए गए हैं। राजस्थान के बाहर अहमदाबाद, मुम्बई, वृंदावन सहित कई अन्य महानगरों के युवा भी रक्तकोष फाउंडेशन से जुड़े हुए है।
रक्तदान एक महादान
रक्तदान एक महादान है, जिसके माध्यम से हम नि:स्वार्थ भाव से तत्पर रहकर जरूरतमंद व्यक्ति के लिए अपना रक्तदान करके अथवा रक्तदान के लिए साथियों को प्रेरित करके पुनीत कार्य कर सकते हैं। अनजान व्यक्ति के लिए रक्तदान करना सुखद अनुभूति देता है।
– डॉ. जितेंद्र कुमार सोनी, संस्थापक, रक्तकोष फाउंडेशन व नागौर कलक्टर
हर जरूरतमंद को रक्त उपलब्ध करवाना है लक्ष्य
गत 3 वर्ष में 21 जिलों के रक्तदाता जुड़ चुके हैं और राजस्थान के बाहर से भी युवा जुड़ रहे हैं। देशभर के रक्तदाताओं को एक मंच पर लाने के विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि हर जरूरतमंद मरीज के लिए सुगमतापूर्वक रक्त मुहैया हो सके।
– रामगोपाल विश्नोई, राष्ट्रीय अध्यक्ष, रक्तकोष फाउंडेशन

रक्त उपलब्ध करवाना हो या दान, हर समय तत्पर रहते हैं गालवा
नागौर जिले में रक्तदान शिविर आयोजित कराने व रक्त उपलब्ध कराने के क्षेत्र में कई संगठन एवं संस्थाएं अच्छा काम कर रही हैं, लेकिन मूण्डवा तहसील क्षेत्र के ग्वालू निवासी 27 वर्षीय महेन्द्र गालवा ने पिछले सात-आठ सालों में जो काम किया है, वह काबिलतारीफ है। खुद के दम पर करीब दो दर्जन रक्तदान शिविर आयोजित करवाकर 11 हजार यूनिट से अधिक रक्तदान करवा चुके गालवा 30 से अधिक रक्तदान शिविरों में सहभागिता भी निभा चुके हैं। यदि कहा जाए कि जिले में रक्तदान के क्षेत्र में जागरूकता लाने के लिए गालवा का विशेष योगदान है तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी। नागौर सहित जोधपुर, जयपुर व अजमेर में जरूरतमंदों को किसी भी वक्त रक्त उपलब्ध करवाने में हर समय तत्पर रहने वाले महेन्द्र गालवा ने यूथ एज्युकेशनल एंड वेलफेयर सोसायटी का भी निर्माण किया है, जिसके पास 20 हजार से अधिक रक्तदाताओं के नाम व फोन नम्बर का रिकॉर्ड है।
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