ऐसी गलती की तो फिर बच्चों का हो जाएगा नुकसान नैतिक दायित्व की महत्ता समझनी होगी राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक नंदलाल जोशी शुक्रवार को शारदा बालनिकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रेस प्रतिनिधियों से बातचीत कर थे। उन्होंने कहा कि कोई भी बिना पारिवारिक सहयोग के उन्नति की राह पर निरंतर अग्रसर नहीं हो सकता है। पूर्व राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक एपीजे कलाम का उद्धरण देते हुए बताया कि वह प्रतियोगी परीक्षा में फेल होने के बाद काफी निराश थे। गंगा किनारे वह नकारात्मक भाव से टहल रहे थे। इस दौरान वहां आश्रम के एक स्वामीजी की नजर पड़ी वह कलाम को ले आए, और कारण पूछा। जानकारी मिलने के बाद गीता के दृष्टांत को समझाते हुए केवल निष्काम भाव से कर्म करने के लिए प्रेरित किया। खुद बाद में कलाम कहते थे कि उस सन्यासी ने उनकी जिंदगी केवल बचाई ही नहीं, बल्कि बदल दी। वह गीता को किसी विशेष समुदाय या वर्ग की नहीं, बल्कि मानव मात्र की पुस्तक बताते हुए उसके कई अंशों को शिक्षण संस्थानों में पढ़ाने की वकालत की थी।
आचार्य जयमल का नागौर की धरती से लंबा रिश्ता रहा-हनुमान बेनीवाल पारिवारिक सहयोग के उन्नति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की परिवार प्रबोधन गतिविधि का दायित्व संभाल रहे जोशी ने कहा कि जरा सी असफलता मिली नहीं कि युवा वर्ग या बच्चे निराश होकर अनहोनी को अंजाम दे बैठते हैं।
जैन समाज ने जयमल महाराज को किया याद नैतिक मूल्यों का क्षरण इसके लिए जरूरी है कि परिवार उनके साथ आत्मिक रूप से न केवल रहे, बल्कि अपने नैतिक दायित्व को भी समझे। वर्तमान में नैतिक मूल्यों का क्षरण और एकल परिवारों के बढऩे से बढ़ती सामाजिक विषमता को दूर करने के लिए वह संघ की ओर से विभिन्न जगहों पर भ्रमण कर कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को समझाने व व्यविस्थत करने के महती कार्य में लगे हुए हैं। इस दौरान कुटुंब प्रबोधन के विभाग संयोजक ,कुटुंब प्रबोधन के नगर संयोजक श्यामसुंदर मंडोरा भी मौजूद थे।Nagaur patrika latest news