
-रामपेाल सत्संग भवन में चल रही भागवत कथा में समझाई भक्ति की महत्ता
नागौर. रामपोल सत्संग भवन में चल ही भागवत कथा में रविवार को कथा वाचन करते हुए संत राजाराम ने कहा कि मृत्यु भय से मुक्त होने की कामना है तो फिर भगवान की शरण में आना चाहिए। भगवान की शरण में रहने वाला प्रत्येक प्रकार के भय से मुक्त रहता है। भगवान की शरण में आने के लिए तीन कार्य करने चाहिए। इसमें कथा का श्रवण, दूसरा भगवान की महिमा का गान एवं उनके नाम का कीर्तन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ब्रह्मा, विष्णु एवं महेश अलग-अलग नहीं हैं, बल्कि एक ही हैं। सृष्टि का सृजन करने पर ब्रह्मा, पालन करने पर विष्णु एवं संहार करने पर महेश हो जाते हैं। इसलिए त्रिदेव तो एक ही हैं। उन्होंने कहा कि परमात्मा तो भाव के भूखे होते हैं। शबरी का झूठा बेर खाना हो या फिर विदुर के घर जाकर केला खाना हो, यह बताता है कि भगवान केवल भाव के ही भूखे होते हैं। इस दौरान पौराणिक प्रसंगों पर आधारित झांकी सजी।
Updated on:
30 Dec 2024 09:40 pm
Published on:
30 Dec 2024 09:39 pm
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