scriptनागौर में रात के ‘अंधेरे’ में प्रवेश नहीं कर जाए कोरोना | There is no screening of those coming from outside at night in Nagaur | Patrika News

नागौर में रात के ‘अंधेरे’ में प्रवेश नहीं कर जाए कोरोना

locationनागौरPublished: Mar 30, 2020 10:05:43 am

Submitted by:

shyam choudhary

रात को बाहर से आने वालों की नहीं हो रही स्क्रीनिंग, रजिस्टर में नाम लिखकर कर रहे रवाना- ड्यूटी में लगे शिक्षकों के पास भी नहीं खुद की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, कोरोना के संक्रमण से अब तक बचा हुआ है नागौर

nagaur

There is no screening of those coming from outside at night in Nagaur

नागौर. प्रदेश सहित पूरा देश कोरोना के कहर से बचने के लिए जूझ रहा है, सरकारें अपने-अपने स्तर पर वायरस के संक्रमण की रोकथाम के प्रयास कर रही हैं। प्रदेश के कई जिलों में स्थिति विकट हो रही है, इन सबके बीच नागौर जिले में स्थिति अब तक नियंत्रण व राहत भरी है, क्योंकि यहां कोई भी संदिग्ध कोरोना पॉजीटिव नहीं आया है। रविवार शाम तक कुल 18 सैम्पल जांच के लिए भेजे गए, जिनमें से 15 की रिपोर्ट नेगेटिव आई है, जबकि 3 की लम्बित है। यानी अब तक कोई भी पॉजीटिव नहीं आया।
हालांकि जिला प्रशासन, पुलिस एवं चिकित्सा टीमें पूरे प्रयास कर रही हैं कि स्थिति बिगड़े नहीं, लेकिन कहते हैं नाव में एक छेद हो तो उसे डूबने से कोई नहीं बचा सकता और यही हो रहा है पिछले सात दिन से नागौर शहर में प्रवेश करने वाले रास्तों पर बनी चैक पोस्ट पर। एसडीएम ने यहां 24 घंटे के लिए शिक्षकों की टीमों को तैनात तो कर दिया, लेकिन उनके साथ न तो नर्सिंगकर्मी हैं और न ही स्क्रीनिंग की कोई व्यवस्था, जिससे बाहर से आने वाले यात्रियों की प्रोपर जांच हो सके। खासकर रात के समय ड्यूटी देने वाले शिक्षकों का कहना है कि वे बिना हथियार के सिपाही हैं, जो चौराहों पर खड़े रहकर केवल आने वालों का नाम-पता लिखते हैं। दिन में ड्यूटी देने वालों को तो फिर भी अस्पताल भेजकर जांच करवा दी जाती है, लेकिन रात को लोग सीधे घर ही जाते हैं। गौरतलब है कि पिछले सात दिन में हजारों लोग बाहर से जिले में आ चुके हैं।
7 चैक पोस्ट, एक पर 12 जने दे रहे ड्यूटी
नागौर एसडीएम ने शहर में प्रवेश करने वाले रास्तों पर 7 चैक पोस्ट बनाकर चार-चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जहां कर्मचारी 8-8 घंटे की पारी में ड्यूटी दे रहे हैं। एक पारी में स्कूल व्याख्याता स्तर के शिक्षक को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है, जबकि दो अध्यापकों को सहायक प्रभारी अधिकारी तथा एक वॉलियंटियर तैनात किया गया है। साथ ही दो नर्सिंगकर्मी छात्र व एक पुलिसकर्मी भी टीम के साथ तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।
यहां बनाई चैक पोस्ट
शहर के विजय वल्लभ चौक, मूण्डवा चौराहा, कुरजां होटल, बासनी चौराहा, जेएलएन अस्पताल के पास व ताऊसर रोड पर समता बस स्टैण्ड पर सात चैक पोस्ट बनाई गई है।

आदेशों की पोल खोलती हकीकत
एसडीएम के आदेश में बाहर से आने वाले लोगों की चैक पोस्ट पर कोरोना वायरस के प्रारम्भिक लक्षणों की जांच व स्क्रीनिंग करने तथा रजिस्टर में नाम दर्ज करने के निर्देश हैं।
ड्यूटी देने वाले कार्मिकों की सुरक्षा जरूरी
ड्यूटी पर लगे शिक्षकों व कार्मिकों को सेनेटाइज करने की कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। मास्क की भी व्यवस्था नहीं होने पर हमने अपने स्तर पर 1200 रि-यूजेबल मास्क तैयार करवाएं हैं, जिनमें से करीब 300 वितरित कर दिए और कुछ कर रहे हैं।
– अर्जुनराम लोमरोड़, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत), नागौर
स्टाफ की कमी, लेकिन मॉनिटरिंग पूरी हो रही है
हां, शहर में बनाए गए सभी चैक पोस्ट पर नर्सिंगकर्मी नहीं हैं, लेकिन कुछ पर तो है, मैंने खुद निरीक्षण किया है। ड्यूटी पर लगे शिक्षकों को बाहर से आने वाले लोगों का नाम व पता लिखकर कंट्रोल रूम में देने के निर्देश दे रखे हैं। कंट्रोल रूम में सूचना आने के बाद सम्बन्धित व्यक्ति की मेडिकल टीम से पूरी जांच करवाई जा रही है।
– दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर, नागौर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो