नागौर एसडीएम ने शहर में प्रवेश करने वाले रास्तों पर 7 चैक पोस्ट बनाकर चार-चार कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई है, जहां कर्मचारी 8-8 घंटे की पारी में ड्यूटी दे रहे हैं। एक पारी में स्कूल व्याख्याता स्तर के शिक्षक को प्रभारी अधिकारी बनाया गया है, जबकि दो अध्यापकों को सहायक प्रभारी अधिकारी तथा एक वॉलियंटियर तैनात किया गया है। साथ ही दो नर्सिंगकर्मी छात्र व एक पुलिसकर्मी भी टीम के साथ तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं।
शहर के विजय वल्लभ चौक, मूण्डवा चौराहा, कुरजां होटल, बासनी चौराहा, जेएलएन अस्पताल के पास व ताऊसर रोड पर समता बस स्टैण्ड पर सात चैक पोस्ट बनाई गई है। आदेशों की पोल खोलती हकीकत
एसडीएम के आदेश में बाहर से आने वाले लोगों की चैक पोस्ट पर कोरोना वायरस के प्रारम्भिक लक्षणों की जांच व स्क्रीनिंग करने तथा रजिस्टर में नाम दर्ज करने के निर्देश हैं।
ड्यूटी पर लगे शिक्षकों व कार्मिकों को सेनेटाइज करने की कोई व्यवस्था अब तक नहीं की गई है। मास्क की भी व्यवस्था नहीं होने पर हमने अपने स्तर पर 1200 रि-यूजेबल मास्क तैयार करवाएं हैं, जिनमें से करीब 300 वितरित कर दिए और कुछ कर रहे हैं।
– अर्जुनराम लोमरोड़, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत), नागौर
हां, शहर में बनाए गए सभी चैक पोस्ट पर नर्सिंगकर्मी नहीं हैं, लेकिन कुछ पर तो है, मैंने खुद निरीक्षण किया है। ड्यूटी पर लगे शिक्षकों को बाहर से आने वाले लोगों का नाम व पता लिखकर कंट्रोल रूम में देने के निर्देश दे रखे हैं। कंट्रोल रूम में सूचना आने के बाद सम्बन्धित व्यक्ति की मेडिकल टीम से पूरी जांच करवाई जा रही है।
– दिनेश कुमार यादव, जिला कलक्टर, नागौर