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विकास के नाम पर कैसा चल रहा है यह खेल…!

locationनागौरPublished: Aug 10, 2018 12:40:12 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

केन्द्रीय बस स्टैंड के निकट विजयवल्लभ चौराहे से चेनार जाने वाले रास्तों पर गत दिनों सडक़ निर्माण के नाम पर कट गए कई पेड़, इसके एवज में न तो एक पेड़ लगे, और ही वहां पर सडक़ बनी

Save Plants Environmental Protection Tree Ambulance

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नागौर. एक ओर पर्यावरण को बचाने के लिए पौधरोपण का अभियान, दूसरी ओर से निर्माण के नाम पर पेड़ों को काटने का अभियान चलने से स्थिति विकट हो गई है। केन्द्रीय बस स्टैंड से डीडवाना वाले रास्ते पर महज 200 मीटर की दूरी पर स्थित कई पेड़ सडक़ निर्माण के नाम पर गत दिनों काट दिए। इसके बाद भी न तो सडक़ निर्माण सुव्यवस्थित हुआ, और न ही वहां के पर्यावरणीय संतुलन को बनाने के लिए पेड़ लगे। इससे लोगों में असंतोष के स्वर मुखर होने लगे हैं।
केन्द्रीय बस स्टैंड के पास विजयबल्लभ चौराहे से चेनार जाने वाले रास्ते पर करीब दो सौ मीटर की दूरी पर लगे कई पेड़ों को काट दिया गया। कई सालों से लगे इन पेड़ों की छाया में न केवल हाइवे से गुजरने वालों को राहत मिलती थी, बल्कि ऑक्सीजन के प्रचुर स्रोत का भंडार थे। इस भंडार को निर्माण एजेंसी की ओर से यह कहकर काट दिया गया था कि यहां पर सडक़ बनेगी। पेड़ों को काट कर पर्यावरणीय क्रम के संतुलन को गड़बड़ाने के साथ ही इस पूरे क्षेत्र में हरियाली औसतन अब 10 से 15 फीसदी रह गई है। खास बात यह रही कि पेड़ों के कटने के बाद भी उक्त हिस्सों में न तो सडक़ बनी, और न ही इसके एवज में पौधे आदि लगाए गए। बस स्टैंड एवं इसके आसपास के दुकानदारों का मानना है कि नक्शे के अनुरूप न तो सडक़ बनाई गई, और न ही पर्यावरण को संतुलित करने के लिए पेड़ों को दोबारा लगाया गया। इस संबंध में वन विभाग के अधिकारियों से बातचीत हुई तो उनका कहना था कि पेड़ तो ऑक्सीजन का प्रचुर भंडार हैं। यही नहीं रहेंगे तो फिर पर्यावरण को संतुलित रखना मुश्किल हो जाएगा। इस तरह के प्रकरण में शहर एवं इसके आसपास के क्षेत्रों में पहले भी कई पेड़ कट चुके हैं। इसकी जानकारी जिला प्रशासन से लेकर विभागीय अधिकारियों को भी है। इसके बाद भी आज तक कोई कार्रवाई होने की जगह उल्टे और ज्यादा पेड़ कट गए।

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