नहीं जले चूल्हे, हर आंख से छलके आंसू रूण गांव के तीन युवाओं की मौत की खबर के बाद से गांव में मातम पसर गया। सोमवार सुबह घरों में चूल्हे नहीं जले। ग्रामीणों व युवाओं की आंखों से आंसू छलकते रहे। सोशल मीडिया के माध्यम से रविवार देर रात मिली तीन घरों के चिराग बुझने की दुखद खबर ने ग्रामीणों को झकझोर दिया।
एक ही चिता पर हुआ दाह संस्कार
दुर्घटना में काल के ग्रास बने तीनों युवक बचपन से एक दूसरे के सुख -दुख के साथी रहे। तीनों की दोस्ती अंतिम समय तक साथ रही। दुर्घटना में तीनों ने मौके पर एक साथ दम तोड़ा। युवाओं के शोकसंतप्त परिवारों ने दोस्ती को सलाम करते हुए एक ही चिता पर तीनों का अंतिम संस्कार किया।
उजड़ गए परिवार
मृतक राकेश डूकिया एक पुत्री का पिता था। पत्नी प्रसव के कारण पीहर में थी। नितेश भी परिवार का इकलौता चिराग था। करीब दस वर्ष पूर्व माता का व तीन वर्ष पूर्व ***** का निधन हो गया था। नितेश के एक पुत्र है। इसी प्रकार कैलाश डूकिया की तीन वर्ष पूर्व ही शादी हुई थी।
पूर्व सरपंच रामरतन गोलिया की पहले बेटी, फिर दोहिती और अब दोहिते का निधन
रूण ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच रामरतन गोलिया के साथ ये तीसरा हादसा हुआ। दस वर्ष पूर्व गोलिया की बेटी का देहांत हो गया था। उस सदमें से उभरे ही नहीं थे कि दोहिती भी काल का शिकार बन गई और अब दुर्घटना में दोहिते नितेश का छोडकऱ चला जाना हृदय विदारक है।
-प्रशासन गावों के संग अभियान शिविर स्थगित ज्ञातव्य है कि दियावड़ी निवासी नितेश जन्म से ही ननिहाल रूण में ही रहता था जो पूर्व सरपंच रामरतन गोलिया का दोहिता था। सोमवार को रूण पंचायत मुख्यालय पर आयोजित प्रशासन गावों के संग शिविर को इस हादसे के कारण स्थगित कर दिया गया। तीनों युवकों के अंतिम संस्कार में मूण्डवा तहसीलदार पेमाराम चौधरी, पटवारी, ग्रामविकास अधिकारी राजेंद्र मिर्धा सहित कई प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। तहसीलदार ने नागौर जिला कलटर का संवेदना संदेश परिवारजनों को दिया और राज्य सरकार की ओर से दुर्घटना सहायता कोष भी अतिशीघ्र दिलवाने की बात कही।