तैयार करेंगे प्रशिक्षण की प्लानिंग
प्रशिक्षण रुचि आकलन उन सभी शिक्षकों ने भरा, जो कक्षा पहली से आठवीं में अंग्रेजी, हिंदी, गणित या विज्ञान विषय को पढ़ाते हैं। आकलन फॉर्म भरने से भविष्य की प्रशिक्षण जरूरतों को समझा जा सकेगा। प्रशिक्षण के परिणामों को केवल डिजिटल प्रशिक्षण तैयार करने और उसकी योजना बनाने के लिए ही उपयोग में लिया जाएगा।
प्रशिक्षण रुचि आकलन उन सभी शिक्षकों ने भरा, जो कक्षा पहली से आठवीं में अंग्रेजी, हिंदी, गणित या विज्ञान विषय को पढ़ाते हैं। आकलन फॉर्म भरने से भविष्य की प्रशिक्षण जरूरतों को समझा जा सकेगा। प्रशिक्षण के परिणामों को केवल डिजिटल प्रशिक्षण तैयार करने और उसकी योजना बनाने के लिए ही उपयोग में लिया जाएगा।
शिक्षकों से पूछे 50 प्रश्न
प्रशिक्षण रुचि आकलन में कक्षा पहली से पांचवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए अंग्रेजी, हिंदी व गणित विषय से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इसमें करीब 30 प्रश्न विषय से संबंधित और 20 प्रश्न शिक्षण शास्त्र से संबंधित थे। कक्षा छह से आठवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को अंग्रेजी, हिंदी या गणित एवं विज्ञान में से कोई एक विषय चुनना था। चुने हुए विषय पर करीब 30 प्रश्न विषय से संबंधित और 20 प्रश्न शिक्षण शास्त्र से संबंधित पूछे गए। शिक्षकों से प्रशिक्षण जरूरतों के बारे में भी पूछा गया।
प्रशिक्षण रुचि आकलन में कक्षा पहली से पांचवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए अंग्रेजी, हिंदी व गणित विषय से संबंधित प्रश्न पूछे गए। इसमें करीब 30 प्रश्न विषय से संबंधित और 20 प्रश्न शिक्षण शास्त्र से संबंधित थे। कक्षा छह से आठवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षकों को अंग्रेजी, हिंदी या गणित एवं विज्ञान में से कोई एक विषय चुनना था। चुने हुए विषय पर करीब 30 प्रश्न विषय से संबंधित और 20 प्रश्न शिक्षण शास्त्र से संबंधित पूछे गए। शिक्षकों से प्रशिक्षण जरूरतों के बारे में भी पूछा गया।
इसलिए अवसर दिया गया…
प्रदेश के सभी शिक्षक एक साथ जुडऩे से सर्वर पर लोड बढ़ गया था। ऐसे में लिंक बंद करने का समय भी बढ़ाया गया। प्रशिक्षण की जरूरतों का आकलन करने का कार्यक्रम था इसलिए समय बढ़ाकर शिक्षकों को अवसर दिया गया।
– बस्तीराम सांगवा, एडीपीसी, समसा, नागौर
प्रदेश के सभी शिक्षक एक साथ जुडऩे से सर्वर पर लोड बढ़ गया था। ऐसे में लिंक बंद करने का समय भी बढ़ाया गया। प्रशिक्षण की जरूरतों का आकलन करने का कार्यक्रम था इसलिए समय बढ़ाकर शिक्षकों को अवसर दिया गया।
– बस्तीराम सांगवा, एडीपीसी, समसा, नागौर