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चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार प्रसूता लाडनूं अस्पताल में जांच लिए आई थी। अस्पताल में ब्लड जांच के लिए उसके रक्त का नमूना लिया गया। जांच रिपोर्ट मिलने पर उसमें उसे एचआईवी पॉजिटिव बताया गया। लिखित रिपोर्ट में एचआईवी पॉजिटिव की पुष्टि होने के बाद परिवार सकते में आ गया। उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि प्रसूता एचआईवी पॉजिटिव है। परिवार वालों ने तसल्ली के लिए निजी लैब में फिर से ब्लड की जांच कराई। निजी लैब ने जांच में एचआईवी नेगेटिव होने की जानकारी देते हुए ब्लड को सामान्य बताया। निजी लैब तकनीशियन से इसकी दो बार और जांच कराई गई। इसके बाद भी एचआईवी पॉजिटिव नहीं होने की पूरी तरह से पुष्टि होने पर परिवार वाले भडक़ गए।
उन्होंने अस्पताल पहुंचकर डॉक्टरों एवं लैब टेक्नीशियन को खरीखोटी सुनाना शुरू कर दिया। थोड़ी देर में वहां पर काफी भीड़ एकत्रित हो गई। बाद में कुछ लोगों ने बीच-बचाव किया। पीडि़त पक्ष ने राजकीय अस्पताल के चिकित्सक एवं लैब तकनीशियन पर लापरवाहीपूर्वक काम करते हुए मानसिक कष्ट देने के साथ ही पीडि़ता को परेशान करने का आरोप लगाते हुए संपर्क पोर्टल पर लिखित में भी शिकायत अपलोड कर दी। Nagaur Mnarega News बाद में इसकी जानकारी सीएमएचओ डॉ. सुकुमार कश्यप को दी गई। सीएमएचओ डॉ. कश्यप ने अस्पताल के पीएमओ से इस संबंध में बातचीत कर जांच रिपोर्ट मांगी। विभागीय सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने इस मामले में लीपापोती कर भ्रामक रिपोर्ट देने के साथ ही इसे सामान्य बात बताया। जबकि पीडि़ता ने खुद सीएमएचओ डॉ. कश्यप को फोन पर पूरी बात बताकर कार्रवाई करने की मांग की। प्रारंभिकतौर पर सीएमचओ की करवाई गई जांच में पीडि़ता की शिकायत सही पाए जाने पर संबंधित चिकित्सक व लैब टेक्नीशिन को नोटिस जारी किया है। इसके अलावा पूरे प्रकरण की जांच के लिए जिला स्तर पर एक विशेष टीम गठित कर रिपोर्ट मांगी गई है।
इनका कहना है…
लाडनूं राजकीय चिकित्सालय में ब्लड जांच में प्रसूता को पॉजिटिव रिपोर्ट देने का मामला सामने आया है। प्रसूता द्वारा बाहर निजी लैब में जांच कराने पर रिपोर्ट नेगेटिव आई है। संबंधितों को नोटिस जारी करने के साथ ही जांच टीम गठित की गई है। जांच रिपोर्ट आने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. सुकुमार कश्यप, सीएमएचओ, नागौर