जिले के खरनाल, मुंदियाड़, कुम्हारी व रोल मेलों की एेतिहासिक व पारम्परिक तांगा दौड़ को फिर से शुरू कराने की मांग पर राज्य सरकार द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के जवाब में पशु कल्याण बोर्ड चैन्नई ने अपना पुराना निर्णय बदल दिया है। बोर्ड की निर्णय से तांगा दौड़ के आयोजन में आ रही सबसे बड़ी बाधा समाप्त हो गई है, अब राज्य सरकार हाईकोर्ट में रिव्यू पिटिशन व सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी (स्पेशल लीव पिटिशन) दायर करेगी। बोर्ड द्वारा मंगलवार को अपना पुराना निर्णय बदलने की रिपोर्ट मिलने पर जिला प्रशासन ने बड़ी राहत महसूस की है, जबकि तांगा दौड़ समर्थकों में दौड़ की उम्मीद जगी है।
गौरतलब है कि नागौर की तांगा दौड़ को दुबारा शुरू कराने के लिए मुख्यमंत्री ने नागौर जिला प्रशासन एवं पशुपालन विभाग को यह निर्देश दिए थे कि नागौर की ऐतिहासिक और आस्था का प्रतीक मानी जाने वाली तांगा दौड़ दुबारा शुरू हो, इसके लिए विधिक रास्ता निकाला जाए। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया चैन्नई ने जिन बिन्दुओं के आधार पर तांगा दौड़ में पशु क्रूरता मानी है। उसका पुन: निरीक्षण कर स्थानीय जन प्रतिनिधियों व तांगा दौड़ से जुड़े आयोजकों से बैठक कर विधिक रास्ता निकाला जाए।
कलक्टर कुमारपाल गौतम ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों की पालना में जिला प्रशासन व पशुपालन विभाग ने केन्द्रीय उपभोक्ता मामले खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री सीआर चौधरी की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें उन सभी बिन्दुओं पर विचार किया गया, जिन पर एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया चैन्नई ने तांगा दौड़ में पशु क्रूरता माना था। बैठक में जनप्रतिनिधियों एवं तांगा दौड़ आयोजक समिति ने शपथ पत्र प्रस्तुत कर यह लिखा था कि तांगा दौड़ में किसी तरह की पशु क्रूरता नहीं होती है। एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में जो कमियां बताई हैं, उनको दूर कर दिया जाएगा। इन शपथ-पत्रों व समिति के प्रस्तावों पर विचार विमर्श कर प्रदेश के कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने बैठक कर उन सभी बिन्दुओं के निराकरण के प्रस्ताव तैयार कर एनिमल वेलफेयर बोर्ड चैन्नई को भेजा था। इन सभी प्रस्तावें पर गौर करते हुए एनिमल वेलफेयर बोर्ड ने अपना पुराना निर्णय बदला और शपथ पत्रों में वर्णित तरीके से दौड़ कराने में अनापति जाहिर की है।
राज्य सरकार के प्रस्तावों पर पशुपालन विभाग व केन्द्र सरकार ने सहमति प्रकट करते हुए एनिमल वेलफेयर बोर्ड चैन्नई को अपने पुराने निर्णय पर पुन: विचार करने का अनुरोध किया था। सभी बातों पर अपनी सहमति प्रकट करते हुए वेलफेयर बोर्ड ने यह सहमति प्रकट की है कि अब राज्य सरकार उच्च न्यायालय में तांगा दौड़ पर लगे प्रतिबंध को हटाने के लिए अपना विधिक पक्ष प्रस्तुत कर तांगा दौड़ फिर शुरू करवाने की दिशा में कार्रवाई करे।