पर्यटन विभाग मेड़ता के राव दूदागढ़ (मीरा स्मारक) का चयन प्रतिष्ठित स्मारकों एवं हेरिटेज पर्यटन स्थल के रूप में करने जा रहा हैं। मीरा नगरी में पर्यटन को बढ़ावा देने को लेकर पर्यटन विभाग की ओर से मीरा स्मारक को प्रतिष्ठित स्मारक एवं हेरिटेज योजना में चयन करने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं। इसे लेकर मंगलवार देर शाम पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग, अजमेर के अधीक्षक नीरज त्रिपाठी मेड़ता पहुंचे। उन्होंने राव दूदा गढ़ व मालकोर्ट दुर्ग का अवलोकन किया। त्रिपाठी ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से विभिन्न संभाग स्तर पर दो-दो स्मारकों का चयन कर उन्हें विकसित करने की योजना है। इसके तहत अजमेर संभाग में राजकीय संग्रहालय अकबर किला अजमेर व मीरा स्मारक राव दूदागढ़ मेड़ता को शामिल करने का प्रस्ताव लिया गया है। उपखंड स्तरीय पर्यटन विकास समिति के अध्यक्ष एवं एसडीएम शैतानसिंह राजपुरोहित के निर्देशानुसार मीरा स्मारक में इस योजना के तहत देशी-विदेशी पर्यटकों के लिए कई तरह की आधुनिक सुविधाओं को विकसित करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। त्रिपाठी का स्मारक के प्रबंधक नरेंद्र सिंह जसनगर, सहायक दीपक राखेचा, सुरक्षा प्रभारी चंद्र प्रकाश चौहान, लक्ष्मी देवी, गोगाराम सहित कार्मिकों ने मीराबाई का साहित्य चित्र भेंटकर अभिनंदन किया।
लाइट एंड साउंड शो से जानेंगे मीरा का बचपन, कृष्ण के प्रति उनकी भक्ति कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रभावित हुई पर्यटन इंडस्ट्रीज को उभारने के लिए प्रदेश में पहली बार एक साथ 10 स्थानों पर लाइट एंड साउंड शो शुरू होने जा रहे हैं। इसके लिए लगभग 40 करोड़ रुपए खर्च होंगे। केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की स्वदेश दर्शन योजना के तहत आरटीडीसी की ओर से मेड़ता में भी लाइट एंड साउंड शो स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है, जो अगले माह में शुरू होगा। मेड़ता में स्थापित होने वाले इस शो के माध्यम से भक्त शिरोमणि मीराबाई के बाल्यकाल, उनके आराध्य कृष्ण के प्रति भक्ति, वैराग्य की कथा मधुर भजनों द्वारा प्रस्तुत की जाएगी। पर्यटन उद्योग को मिलेगी ऊंचाईयां
पौराणिक एवं ऐतिहासिक मीरा नगरी मेड़ता एक धार्मिक पर्यटक स्थल है। वर्तमान समय में यहां के तालाब, बावडिय़ां, हवेलियों के अलावा तालाबों के किनारे पर बने ऐतिहासिक धार्मिक स्थल मुख्य पर्यटन स्थल है। यहां के दूधसागर व विष्णु सरोवर में खिलने वाले कमल के फूल भी श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यहां मुख्य रूप से चारभुजा नाथ एवं मीराबाई मंदिर, मीरा स्मारक, मालकोट दुर्ग, मीरा महल, शाही जामा मस्जिद, हाफिज शाह दरगाह हिंदू, मुस्लिम तथा अखिल भारतीय प्रणामी संप्रदाय की त्रिवेणी रहा है। साथ ही जैन धर्मावलंबियों के भी यहां लगभग दर्जनों मंदिर मौजूद हैं। मेड़ता लोक देवता बाबा रामदेवरा जाने वाले श्रद्धालुओं की मुख्य आस्था का केंद्र है। सावन व भादो माह में लगभग 5 लाख श्रद्धालु यहां आते हैं। 2008 में स्थापना के बाद से अब तक 16 लाख पर्यटक स्मारक देख चुके हैं। ऐसे में अगर यहां मुख्य पर्यटक स्थल के रूप में मीरा स्मारक का चयन होता है तो पर्यटन उद्योग को नई ऊंचाइया मिलेगी। मेड़ता की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनी हुई है। मीरा के जीवन चरित्र पर शोध करने के लिए कई देशी-विदेशी शोधार्थी यहां आ चुके हैं।