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छब्बीस को लाल अंगूठी तरह नजर आएगा सूर्यग्रहण

locationनागौरPublished: Dec 19, 2019 12:28:41 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

Nagaur patrika latest news. प्रत्येक राशि पर रहेगा इसका प्रभाव, ज्योतिषविदों के अनुसार कर्क, तुला, कुंभ व मीन राशि के लिए शुभ रहेगा. Nagaur patrika latest news

Twenty-six will see a solar eclipse like a red ring

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नागौर. इस साल का आखरी सूर्य ग्रहण 26 दिसंबर को है। इस बार के सूर्य ग्रहण की खास बता यह है कि इस बार ग्रहण के दौरान सूर्य आग से भरी अंगूठी की तरह नजर आएगा जिसे वैज्ञानिकों की भाषा में वलयाकार सूर्य ग्रहण कहा जाता है. खास बात है कि इस ग्रहण में सिर्फ सूरज का मध्य भाग ही छाया के क्षेत्र में आता है जबकि सूर्य के बाहर का क्षेत्र प्रकाशित होता है। पहले दो सूर्य ग्रहण के प्रभाव भारत में नहीं रहे, लेकिन इसका पूरा प्रभाव रहेगा। यह हर राशि पर अपना प्रभाव छोड़ेगा।यह कंकण सूर्य ग्रहण होगा। ज्योतिष की भाषा में लाल अंगूठी की तरह नजर आएगा। बताया जा रहा है कि आंशिक सूर्य ग्रहण सुबह 8.10 मिनट से ग्रहणकाल शुरू होगा। नौ बजकर 31 मिनट तक मध्ग्रहण हो जाएगा। 10.51 मिनट तक ग्रहण पूर्ण हो जाएगा। दो घंटे 41 मिनट का होगा। पंडित सुनील दाधीच ने बताया कि इस विषयक संहिता प्रतिफल के अनुसार यह ग्रहण मूल नक्षत्र एवं धनु राशि पर मान्य होगा। इस नक्षत्र व राशि वालों को सूर्यग्रहण का दर्शन नहीं करना चाहिए। अपितु ईष्ट देव की आराधना या गुरुमंत्र का जप अथवा किसी धार्मिक पुस्तक का पठन-पाठन कर सकते हैं। मेष, मिथुन, सिंह, वृश्चिक के लिए सामान्य व मध्यम फलदायक रहेगा। वृषभ, कन्या, धनु, मकर राशि के लिए ग्रहण का दर्शन अशुभ मान्य होगा। कर्क, तुला, कुंभ व मीन राशि के लिए ग्रहण का दर्शन शुभ फलदायक रहेगा। इसमें मेष राशि को चिंता, वृष को सडक़ हादसे का डर रहेगा। मिथुन राशि को स्त्री व पति का कष्ट हो सकता है तथा सिंह राशि राशि को अकारण चिंता और पीड़ा सताएगी एवं कन्या राशि को छुपे हुए रोगों का भय रहेगा। तुला राशि को आर्थिक लाभ हो सकता है, जबकि वृश्चिक के आय-व्यय में बढ़ोत्तरी होगी। धनु राशि को शारीरिक कष्ठ, मकर राशि को धन हानि और कुंभ एवं मीन राशि वालों को उन्नति का लाभ व सुख मिलेगा।
क्या होता है सूर्य ग्रहण?
पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमने के साथ-साथ अपने सौरमंडल के सूर्य के चारों ओर भी चक्कर लगाती है. दूसरी ओर, चंद्रमा दरअसल पृथ्वी का उपग्रह है और उसके चक्करर लगाता है। इसलिए, जब भी चंद्रमा चक्कर काटते हुऐ सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। तब पृथ्वी पर सूर्य आंशिक या पूर्ण रूप से दिखना बंद हो जाता है। इसी घटना को सूर्यग्रहण कहा जाता है। इस खगोलीय स्थिति में सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी तीनों एक ही सीधी रेखा में आ जाते हैं. सूर्यग्रहण अमावस्या के दिन होता है, जबकि चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा के दिन पड़ता है.

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