पुलिस पर पथराव, जसवंतगढ़ एसएचओ के आई चोट
डीडवाना. चुरू के मालासर में शनिवार रात को एसओजी व पुलिस ने गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह का अंत कर दिया, लेकिन यही आनन्दपाल बीते एक दशक से पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा। आनंदपालसिंह कई मामलों में वांछित था। उस पर हत्या, अपहरण, हत्या का प्रयास, लूट सहित ३० से ज्यादा मामले दर्ज थे। प्रदेश भर के दस से ज्यादा जिलों के पुलिस थानों में हत्या, लूट, डकेती, फायरिंग सहित पुलिस पर हमले के कई मामलो में मोस्ट वांटेड था।
आनन्दपाल के एनकांउटर के बाद उसके पैतृक गांव सांवराद में रावणा राजपूत समाज के लोग और आनन्दपाल के समर्थक जुटना शुरू हो गए। इस दौरान आनन्दपाल के एनकाउंटर से समर्थक आक्रोशित हो गए और उन्होंने किशनगढ़-हनुमानगढ़ मेगा हाइवे पर जाम लगा दिया। युवाओं ने सडक़ पर टायर जला दिए और सडक़ पर बैठ गए। इससे सडक़ के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और सैकड़ों वाहन फंस गए। इसके बाद पुलिस व प्रशासन ने मोर्चा संभाला और लोगों को हाईवे खोलने की चेतावनी दी। इसी दौरान मामला बिगड़ गया और युवाओं ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें जसवंतगढ़ थानाधिकारी इन्द्रराज के सिर में गंभीर चोटें आई, वहीं एक अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गया, जिन्हें उपचार के लिए डीडवाना लाया गया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ पर बल प्रयोग करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। इसके अलावा पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। जिससे भीड़ तितर-बितर हो गई। इस मामले में पुलिस ने ५५ लोगों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार भी किया है। सांवराद पहुंचने वाले लोगों की गाडिय़ों की पुलिस ने जगह-जगह पर जांच की। इस दौरान कई गाडिय़ों को पुलिस ने जब्त भी कर लिया। इस बात का समाज के लोगों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष विरोध भी जताया।
गांव में डाला पड़ाव
इस घटना के बाद पुलिस व प्रशासन ने सांवराद में ही पड़ाव डाल दिया। गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। वहीं एसटीएफ की टीमें भी बुलाई जाकर तैनात की गई। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव, उपखण्ड अधिकारी उत्तमसिंह शेखावत ने लोगों से समझाईश का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख भी पहुंचे और हालातों का जायजा लिया।
डीडवाना. चुरू के मालासर में शनिवार रात को एसओजी व पुलिस ने गैंगस्टर आनन्दपाल सिंह का अंत कर दिया, लेकिन यही आनन्दपाल बीते एक दशक से पुलिस के लिए सिरदर्द बना रहा। आनंदपालसिंह कई मामलों में वांछित था। उस पर हत्या, अपहरण, हत्या का प्रयास, लूट सहित ३० से ज्यादा मामले दर्ज थे। प्रदेश भर के दस से ज्यादा जिलों के पुलिस थानों में हत्या, लूट, डकेती, फायरिंग सहित पुलिस पर हमले के कई मामलो में मोस्ट वांटेड था।
आनन्दपाल के एनकांउटर के बाद उसके पैतृक गांव सांवराद में रावणा राजपूत समाज के लोग और आनन्दपाल के समर्थक जुटना शुरू हो गए। इस दौरान आनन्दपाल के एनकाउंटर से समर्थक आक्रोशित हो गए और उन्होंने किशनगढ़-हनुमानगढ़ मेगा हाइवे पर जाम लगा दिया। युवाओं ने सडक़ पर टायर जला दिए और सडक़ पर बैठ गए। इससे सडक़ के दोनों ओर वाहनों की लम्बी कतारें लग गई और सैकड़ों वाहन फंस गए। इसके बाद पुलिस व प्रशासन ने मोर्चा संभाला और लोगों को हाईवे खोलने की चेतावनी दी। इसी दौरान मामला बिगड़ गया और युवाओं ने पथराव शुरू कर दिया, जिसमें जसवंतगढ़ थानाधिकारी इन्द्रराज के सिर में गंभीर चोटें आई, वहीं एक अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गया, जिन्हें उपचार के लिए डीडवाना लाया गया। इसके बाद पुलिस ने भीड़ पर बल प्रयोग करते हुए उन्हें खदेड़ दिया। इसके अलावा पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े। जिससे भीड़ तितर-बितर हो गई। इस मामले में पुलिस ने ५५ लोगों को शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार भी किया है। सांवराद पहुंचने वाले लोगों की गाडिय़ों की पुलिस ने जगह-जगह पर जांच की। इस दौरान कई गाडिय़ों को पुलिस ने जब्त भी कर लिया। इस बात का समाज के लोगों ने पुलिस अधिकारियों के समक्ष विरोध भी जताया।
गांव में डाला पड़ाव
इस घटना के बाद पुलिस व प्रशासन ने सांवराद में ही पड़ाव डाल दिया। गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया। वहीं एसटीएफ की टीमें भी बुलाई जाकर तैनात की गई। इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञानचंद यादव, उपखण्ड अधिकारी उत्तमसिंह शेखावत ने लोगों से समझाईश का प्रयास किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला पुलिस अधीक्षक परिस देशमुख भी पहुंचे और हालातों का जायजा लिया।