एसपी राममूर्ति जोशी ने बताया कि चितावा से एक पीडि़त दंपती अपनी फरियाद लेकर उनके पास आया था। इनकी शिकायत थी कि उनके मामले में पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। विस्तार से पूछने पर उन्होंने बताया कि एक पुलिसकर्मी उनसे इसके लिए सात हजार रुपए मांग रहा है। इस पर तुरंत जांच करवाई गई, दंपती ने जिस फोन के जरिए व्हाट्स अप कॉल आने की बात कही, उसमें चितावा थाने का हैड कांस्टेबल बिरमा राम दोषी पाया गया। न्याय की आस लिए थाने आने वालों से इस तरह की घूसखोरी कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। ऐसे में बिरमा राम को तुरंत निलम्बित कर दिया गया।
आरोपी की आसूचना अधिकारी ही कर रहा था मदद एसपी जोशी ने बताया कि दूसरा मामला डेगाना क्षेत्र की रावलियावास तहसील का है। यहां के निवासी मोतीराम मेघवाल ने उन्हें ज्ञापन देकर बताया कि गांव के कालूराम ने दो बार उस पर फिर उसके पिता पर जानलेवा हमला किया, लेकिन पुलिस उसे गिरफ्तार ही नहीं कर रही। इस पर जांच करवाई गई तो सामने आया कि डेगाना थाना आसूचना अधिकारी बलवीर कालूराम की मदद करता है। पुलिस जब भी दबिश के लिए जाती, वो पहले ही उसे सावधान कर देता। वो पूरी तरह कालूराम की मदद कर रहा था जो शर्मनाक था। ऐसे में आसूचना अधिकारी बलवीर को भी निलम्बित कर दिया गया।