scriptVideo : लावारिस जानवर रोक रहे रेलगाडिय़ों की रफ्तार | Unclaimed cattle on railway line are cause of train accident in NWR | Patrika News

Video : लावारिस जानवर रोक रहे रेलगाडिय़ों की रफ्तार

locationनागौरPublished: Sep 19, 2018 09:25:42 pm

Submitted by:

Dharmendra gaur

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nagaur nwr railway news in hindi

लावारिस जानवर रोक रहे रेलगाडिय़ों की रफ्तार

-इस वर्ष अगस्त तक 607 घटनाओं के कारण 905 ट्रेनें हुई प्रभावित
नागौर. लावारिस जानवर रेल संचालन की समय पालनता को प्रभाावित कर रहे हैं। रेल संचालन में गाडिय़ों की संरक्षा और समय पालनता रेलवे की प्राथमिकता है लेकिन पटरियों पर जानवर आने से होने वाली घटनाओं से रेलों का संचालन प्रभावित होता है। उत्तर पश्चिम रेलवे के क्षेत्राधिकार में इस वर्ष अगस्त माह तक जानवरों के ट्रेनों के सामने आने की 607 घटनाओं के कारण 905 ट्रेनें प्रभावित हुई है। जयपुर मण्डल पर 250, अजमेर मण्डल पर 120, बीकानेर मण्डल पर 95 तथा जोधपुर मण्डल पर 142 घटनाएं दर्ज की गई है।


ट्रेनोंं की संरक्षा हो रही प्रभावित
रेलवे अधिकारियों का कहना है कि रेलवे का प्रयास रहता है कि यात्री संरक्षित तथा समयानुसार यात्रा करे, लेकिन कई बार इस प्रकार की घटनाएंं घटित हो जाती है, जिसके कारण ट्रेनें देरी से संचालित होती है और यात्रियों की संरक्षा भी प्रभावित होती है। पटरी पर गाडिय़ों के सामने जानवरों का आना भी एक बड़ा कारण है। इसके कारण गाडिय़ों की गति कम करनी पड़ती है और उनको रोकना भी पड़ता है, जिसके कारण गाडिय़ां विलम्ब से चलती है। यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। जानवरों के पटरी पर ट्रेन से टकराने से संरक्षा भी प्रभावित होती है व रेल इंजन को भी नुकसान पहुंचता है।


तीन साल में दो गाडिय़ां बेपटरी
विगत तीन वर्षों में जानवरों के टकराने से 2 ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाएं भी हुई है। राजस्थान क्षेत्र में पशुपालन एक प्रमुख व्यवसाय है तथा ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत अधिक संख्या में पशु चारा चरने के लिए इधर-उधर जाते रहते हैं और वो चरते-चरते पटरी पर आ जाते हैं। ट्रेन की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते है। इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिये पशु-पालकों को उन्हें पटरी और उसके आस-पास नहीं लाना/छोडऩा चाहिए। घटनाओं को ध्यान में रखते हुए रेल प्रशासन इस प्रकार की घटनाओं पर कार्रवाई करेगा।


पशुपालकों को करेंगे जागरूक
रेलवे ट्रेक पर जानवरों को खुला छोडऩे से होने वाली दुर्घटना से बचने के लिए रेल प्रशासन दुर्घटना वाले क्षेत्रों की पहचान कर वहां जागरुकता अभियान चलाएगा। पहले पशुपालकों को समझाया जाएगा। इसके बाद भी इस तरह की घटना होने पर जानवरों के मालिकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि इस प्रकार की दुर्घटनाओं पर रोक लग सकें। इस प्रकार की घटनाएं समय पालन को प्रभावित करती है। उत्तर पश्चिम रेलवे इस वर्ष अगस्त माह तक मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन में 86 प्रतिशत समय पालनता के साथ भारतीय रेलवे में द्वितीय स्थान पर है।

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