इस तरह बनी संस्था
संस्था के दो सदस्यों ने बताया कि एक बार वे रात को घर जा रहे थे, उस समय 65-70 वर्ष के एक वृद्ध ने उनसे भोजन की मांग करते हुए बताया कि वह 2-3 समय से भूखा है। उस समय उन दोनों ने उसे होटल से लाकर भोजन दे दिया तथा यह जानकारी होने पर कि उसके परिवार में कोई नही होने के कारण उसे भूखे सोना पड़ रहा है । उसके बाद उनके मन में इस तरह की संस्था बनाने का तय किया।