scriptअनूठी मिसाल- बेसहारा परिवारों की हमदर्द बनी अल मदद विकास सेवा समिति | Unique example - Al Madad Vikas Sewa Samiti became the sympathizer | Patrika News

अनूठी मिसाल- बेसहारा परिवारों की हमदर्द बनी अल मदद विकास सेवा समिति

locationनागौरPublished: Sep 16, 2019 06:54:51 pm

Submitted by:

Pratap Singh Soni

रोटी बैंक चलाकर जरूतमंद को पहुंचा रहीहै खाना

Makrana News

बेसहारा जनों के लिए खाना बनाते संस्था के सदस्य।

मकराना. आज के समय में बेसहारा लोगों की सोचने वाले लोग बहुत कम मिलेंगे लेकिन शहर के कुछ युवाओं ने अल मदद विकास सेवा समिति के नाम से एक संस्था का गठन है। जो रोटी बैंक के माध्यम से बेसहारा लोगों के लिए सहारा बनकर सामने आई है। संस्था के माध्यम से ऐसे जरूरतमद नागरिको के घर खाना पहुंचाया जाता है जिनकों बेसहारा होने के कारण दो वक्त का भोजन तक नसीब नहीं हो पा रहा। मिली जानकारी के अनुसार सामाजिक संस्था अल मदद विकास सेवा समिति द्वारा हर साल इस्लामिक वर्ष के शुरू में मोहर्रम शुरू होने पर इमाम हुसैन के नाम से तीन महीने तक एक रोटी बैंक चलाया जाता है। बैंक के माध्यम से संस्था का प्रयास होता है बेसहारा जनों की मदद करना। इसके तहत अल विकास सेवा समिति के सदस्य तीन माह तक प्रतिदिन बेसहारा के घर जाकर एक समय को भोजन पहुंचाते है। अल-मदद के अध्यक्ष हाजी मुगैयर आलम गैसावत ने बताया कि रोटी बैंक के माध्यम से वर्तमान में मकराना के 100 से अधिक बेसहारा परिवारों को प्रति दिन एक समय का भोजन संस्था के सदस्यों द्वारा बेसहारा परिवार के घर पर पहुंचाया जाने का कार्य किया जा रहा है, जिसे बेसहारा परिवार के लोग इमाम हुसैन की नियाज समझकर लेने में किसी प्रकार से संकोच नहीं करते। संस्था में मोहम्मद रमजान गैसावत, अब्दुल सलाम गैसावत, तारिक आलम गैसावत, अनवर अहमद गैसावत, मोहम्मद सलीम आदि शामिल है। आर्थिक हालात एवं सदस्यों की संख्या कम होन के कारण संस्था वर्तमान में रोटी बैंक को हर वर्ष मात्र तीन महीनों तक ही चला पा रही है, लेकिन संस्था के सदस्य इसे बारह महीने चलाने तथा इसके क्षेत्र में भी विस्तार करते हुए ग्रामीण क्षेत्र तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हंै, जिससे मकराना शहर के आस पास के इलाकों के बेसहाराजनों को भी संस्था का लाभ मिल सके।

इस तरह बनी संस्था
संस्था के दो सदस्यों ने बताया कि एक बार वे रात को घर जा रहे थे, उस समय 65-70 वर्ष के एक वृद्ध ने उनसे भोजन की मांग करते हुए बताया कि वह 2-3 समय से भूखा है। उस समय उन दोनों ने उसे होटल से लाकर भोजन दे दिया तथा यह जानकारी होने पर कि उसके परिवार में कोई नही होने के कारण उसे भूखे सोना पड़ रहा है । उसके बाद उनके मन में इस तरह की संस्था बनाने का तय किया।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो