-2 साल से चल रहा सीवरेज का कार्य
-2 तरफ है पर्यटन स्थल नतीजन कॉलोनीवासी आज भी अपनी परेशानियों की टोकरी लिए आला अधिकारियों की चौखट पर भटकते रहते हैं। कॉलोनी में कभी सडक़ बनी नहीं और जब बनी तो अमृत योजना व सिवरेज के कार्य ने तोडकऱ रख दी। आज हालात यह है कि कॉलोनी की कोई गली या रास्ता ऐसा नहीं है जो खुदा ना पड़ा हो। गहरे गड्ढों के कारण बारिश में तो लोग जान हथेली पर लेकर निकलते हैं। बबूल की झाडिय़ों का जमघट लगा है तो पानी की समस्या भी कुछ कम नहीं है। कॉलोनी को नकाश गेट से जोडऩे वाली सडक़ पर खम्भों को बिजली का इंतजार है। वर्तमान में यह कॉलोनी नगर परिषद के वार्ड संख्या चार में आती है।
गंगासिंह भी नहीं बहा सके विकास की गंगा 1990 में बसी इस कॉलोनी के वार्ड से गंगासिंह सिंघाणी तीन बार पार्षद चुनकर गए और नगरपालिका के चेयरमैन भी बने, लेकिन विकास की गंगा नहीं बहा सके। यहां की जनता ने हमेशा मूलभूत सुविधाओं का अभाव ही झेला है।
प्रवेश द्वार पर झांडियों का जमघट
बासनी पुलिया के पास स्थित बसी इस कॉलोनी में कई जनप्रतिनिधि व सरकारी कर्मचारी निवासरत हैं, लेकिन कॉलोनी में प्रवेश के मार्ग को देखते ही लगता है कि यहां भी ‘ना- गौर’ है। मार्ग के दोनों तरफ उगी बबूल की झांडियों से हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है। सामने पुलिया की दीवार व कोने में झाडिय़ों के कारण आने-जाने वाले वाहन कई बार नजर नहीं आते हैं। रात में यहां से गुजरने वाली महिलाओं के लिए तो इस मार्ग को सुरक्षित नहीं कहा जा सकता। यहां अंधकार का साया भी भरपूर रहता है।
आस-पास पर्यटनस्थल अमरसिंह कॉलोनी के पास जड़ा तालाब, वीर अमरसिंह राठौड़ का पैनोरमा, अमरसिंह की छतरियां व कई मंदिर स्थित है। जहां शहर के साथ ही ग्रामीण अंचल के लोगों का भी भ्रमण के लिए आना-जाना रहता है। लेकिन रात के समय सडक़ पर बिजली गुल रहने से उन्हें भी परेशानी उठानी पड़ती है। इससे कॉलोनी का नाम भी पर्यटकों की नजर में खराब छवि छोड़ता है।
आठ इंच पर कैसे मिले अमृत कॉलोनी में पिछले कई सालों से पानी का संकट बना हुआ था। पाइप लाइन छोटी होने से जलापूर्ति प्रेशर से नहीं हो रही थी। वर्तमान में सरकार की अमृत मिशन जलयोजना के तहत कॉलोनी में नई पाइप लाइन बिछाई गई, लेकिन यहां भी ठेकेदार की लापरवाही ही सामने आई। ठेकेदार ने आठ इंच गहराई पर ही पाइप लाइन बिछा दी जो बार-बार टूटकर मकानों की जलापूर्ति बाधित कर रही है। ऐसे ही सीवरेज के काम का हाल है। पांच साल से सीवरेज का कार्य चल रहा है, लेकिन अब तक पूरा नहीं हुआ। दो बार तो लाइनें टूट गई और तीन बार ठेके बदल गए।
जनता कहिन
इस कॉलोनी में करीब डेढ़ सौ घर है। करीब चार साल से यहां पानी का संकट था। पिछले छह महीने से पानी की समस्या कुछ कम हुई है। सफाई पर नगर परिषद का कोई ध्यान हीं है। सफाई कर्मी रोजाना सफाई के लिए नहीं आते हैं। सडक़ें भी पूरी खुदी हुई है। प्रशासन को चाहिए यहां जल्द से जल्द सीवरेज व अमृत योजना का काम पूरा करवाए ताकि लोगों को सुविधा हो सके।
प्रेमराज पारीक, कॉलोनीवासी – बीस साल से इस कॉलोनी में रहते हैं, लेकिन विकास कमी नहीं देखा। यहां बने विभिन्न समाजों के श्मशानों के कारण भी कॉलोनी का सौंन्दर्य नहीं बन पा रहा है। सभी मोक्षधाम उजाड़ पड़े हैं। इनमें उद्यान आदि विकसित किए जाए तो यह स्थल भी सुन्दर लगने लगे।
रमेश सैन, कॉलोनीवासी – सीवरेज लाइन के काम ने सबको परेशान कर रखा है। सडक़ें खुदी पड़ी है। आए दिन गड्ढों में वाहन फंसते रहते हैं। सीवरेज के श्रमिक काम करते हैं तो कम निचाई पर डाले गए अमृत योजना के पाइप टूट जाते हैं। डामर की सडक़ें नहीं है तो सफाई करने वालों के भी मजे हैं। लेकिन समस्या पर कोई ध्यान नहीं देता।
रामनिवास टांक, कॉलोनीवासी वार्ड पार्षद कहिन आठ साल बाद मैंने सडक़ का काम शुरू करवाया है। सडक़ ऊपर होने के कारण बरसात के समय पूरी कॉलोनी में पानी भरता था। सडक़ को जेसीबी से खुदवाकर नीचे करवाने का काम चल रहा है। साथ ही अमृत योजना में पांच इंच की गहराई पर डाली गई पाइप लाइन को वापस निकलवाकर और गहराई पर डलवाया जा रहा है ताकि भविष्य में पाइप लाइन टूटने का खतरा नहीं रहे। पौधरोपण पर काम किया है अब तक कॉलोनी में करीब 500-600 पौधे लगाए जा चुके हैं। कॉलोनी के विकास में कोई कमी नहीं रखी जाएगी।
ललित लोमरोड पार्षद वार्ड संख्या-4