गैंग रेप मामले की जांच अब नागौर वृत्ताधिकारी सुभाषचंद्र करेंगे। गौरतलब है कि अब तक वृत्ताधिकारी के अवकाश पर होने के कारण मामले की जांच नागौर डीएसपी का चार्ज संभाल रहे एससी/एसटी सेल के डीएसपी श्रवणदास संत कर रहे थे। डीएसपी सुभाषचंद्र ने बताया कि पीडि़ता के बयान दर्ज किए हैं। मंगलवार को कोर्ट में बयान दर्ज होंगे। उधर, पुलिस पर गैंग रेप का मामला देरी से दर्ज करने का आरोप लगने पर एसपी ने एएसपी सरजीतसिंह मीणा को जांच सौंपी थी, जिसके लिए एएसपी मीणा ने भी युवती से पूछताछ की।
पुलिस पर है एफआईआर दर्ज करने में देरी का आरोप
नागौर पुलिस पर आरोप है कि 25 व 26 मई को वारदात होने के बाद 27 मई को पीडि़त युवतियां सदर थाने में पहुंची थी, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं कर दोनों पीडि़ताओं को ट्रेन में बैठाकर दिल्ली भेज दिया। दूसरी और पुलिस ने पक्ष रखते हुए कहा था कि पुलिस ने पीडि़ताओं के सदर थाने पहुंचने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उनकी रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन युवतियों ने कहा कि वे दिल्ली जाकर अपने परिजनों से सलाह मशविरा करके रिपोर्ट दर्ज करवाएंगी
नागौर पुलिस पर आरोप है कि 25 व 26 मई को वारदात होने के बाद 27 मई को पीडि़त युवतियां सदर थाने में पहुंची थी, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज नहीं कर दोनों पीडि़ताओं को ट्रेन में बैठाकर दिल्ली भेज दिया। दूसरी और पुलिस ने पक्ष रखते हुए कहा था कि पुलिस ने पीडि़ताओं के सदर थाने पहुंचने पर त्वरित कार्यवाही करते हुए उनकी रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन युवतियों ने कहा कि वे दिल्ली जाकर अपने परिजनों से सलाह मशविरा करके रिपोर्ट दर्ज करवाएंगी
सांसद बेनीवाल दे चुके चेतावनी
इस मामले मे सांसद हनुमान बेनीवाल पुलिस पर एफआईआर देरी से दर्ज करने का आरोप लगा चुके हैं। पांच दिन तक मुकदमा दर्ज नहीं करने को लेकर बेनीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
इस मामले मे सांसद हनुमान बेनीवाल पुलिस पर एफआईआर देरी से दर्ज करने का आरोप लगा चुके हैं। पांच दिन तक मुकदमा दर्ज नहीं करने को लेकर बेनीवाल ने रविवार को मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा तथा दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर निष्पक्ष जांच की मांग की थी।