एसपी ने बताया कि बासनी के लोग बड़ी संख्या में महाराष्ट्र में रहते हैं और महाराष्ट्र राज्य में कोरोना के मरीज काफी संख्या में सामने आ चुके थे, इसलिए बासनी को हम हाई रिस्क जोन मान रहे थे, जिसको देखते हुए पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों ने आपस में चर्चा करके सात दिन पहले ही बासनी के तरफ जाने वाले सभी रास्ते बंद कर दिए थे। एक रास्ता खुला रखा, लेकिन उस पर भी केवल पासधारी लोगों को आने-जाने की अनुमति थी। एसपी ने बताया कि दो लोगों को बासनी जाते हुए रविवार को ही शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार किया है।
एसपी ने बताया कि बासनी से होकर जाने वाले सभी रास्तों को डायवर्ट कर दिया गया है। इसलिए जिनको अधिकृत रूप से बासनी जाना है, केवल वहीं बासनी वाले रास्ते पर जाएं, अन्य सभी दूसरे रास्तों से जाएं। एसपी ने बताया कि बासनी के निकटवर्ती कुम्हारी व डूकोसी गांवों को भी सील किया जा रहा है। दोनों गांवों में मुख्य एक रास्ता छोडकऱ सभी रास्ते बंद कर दिए हैं।
बासनी का जो व्यक्ति कोरोना पॉजीटिव आया है, वह गत 17 मार्च को मुम्बई से ट्रेन में सवार होकर दोपहर 2 बजे बासनी पहुंचा। इसके बाद वह ज्यादातर समय घर में ही रहा। 31 मार्च को टीबी हॉस्टिटल में दिखाने गया और इसके बाद 4 अप्रेल को पहले टीबी हॉस्टिल और फिर जेएलएन अस्पताल में गया, जहां उसका आइसोलेट किया गया। 18 मार्च को एक बार नमाज पढऩे भी गया था, इसलिए उस दौरान उसके सम्पर्क में आने वाले लोगों को भी चिह्नित किया जा रहा है।