बैठक में पीएमओ डॉ. वीके खत्री ने कहा कि जिला मुख्यालय का अस्पताल होने के बावजूद सर्जन, फिजिशियन व सोनोलॉजिस्ट एक-एक है। सरकार ने 300 बेड का अस्पताल तो बना दिया, लेकिन कर्मचारी कम कर दिए। इस पर डॉ. समित शर्मा ने स्टाफ की जानकारी मांगी तो सामने आया कि डेंटल के तीन डॉक्टर हैं, जबकि काम एक डॉक्टर का ही है। इसी प्रकार आयुर्वेद व हौम्योपेथिक के डॉक्टर गिने जा रहे हैं, जबकि उनका आउटपुट नहीं है। इस पर डॉ. शर्मा ने डेंटल के डॉक्टरों को खड़ा करके ओपीडी व ऑपरेशन की जानकारी मांगी तथा सुधार करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार आंखों के ऑपरेशन की संख्या भी कम पाए जाने पर उन्होंने सामान्य दिनों में भी ऑपरेशन करने और मरीजों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
मिशन निदेशक डॉ. शर्मा ने अस्पताल में उपलब्ध नि:शुल्क दवा की जानकारी ली तो प्रभारी ने बताया कि करीब साढ़े 4 सौ दवाइयां दी जा रही हैं और बाहर से न के बराबर मंगवा रहे हैं। इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि विभाग के पास बजट है, यदि स्थानीय स्तर पर खरीद करनी पड़े तो करें, लेकिन मरीजों को पूरी दवाइयां अस्पताल में ही मिले, यह सुनिश्चित करें।
बैठक शुरू होने पर जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि चिकित्सकों व स्टाफ के समय पर नहीं आने की समस्या है, जिसमें सुधार की आवश्यकता है। इस पर मिशन निदेशक डॉ. शर्मा ने कहा कि अस्पताल में लगी बॉयोमैट्रिक मशीन की पिछले तीन महीने की रिपोर्ट उनके साथ आए विभागीय अधिकारियों को आज ही उपलब्ध करवा दें, जो-जो लगातार देरी से आ रहे हैं, उनकी तनख्वाह कटेगी, इसके बावजूद यदि सुधार नहीं होगा तो नोटिस व चार्जशीट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्लेन का पायलट यदि 10 मिनट देरी से आए तो हमें समय का महत्व समझ आता है।
डॉ. शर्मा ने सरकारी डॉक्टर्स द्वारा निजी अस्पतालों में दी जा रही सेवा को गंभीरता से लेते हुए कहा कि पिनल इरेजर का मतलब समझते हो ना। यदि सेवा नियमों का उल्लंघन हुआ तो आपके लाइसेंस पर इरेजर फेर देंगे। उन्होंने शिशु रोग विशेषज्ञों से कहा कि वे कम से कम दो घंटे ओपीडी में बैठें।
डॉ. शर्मा ने समाजसेविका रामकन्या मणिहार का जिक्र करते हुए कहा कि वे सरकारी सेवा में नहीं होने के बावजूद पुराने अस्पताल में प्रसूताओं की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती थी और हम उसके एकदम विपरीत उल्टा पीडि़तों से बधाई के नाम पर रुपए मांग रहे हैं। सफाईकर्मी सफाई करने के पैसे मांग रहा है, नर्सिंगकर्मी सेवा देने के बदले पैसे मांग रहा है, यह व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने एम्बुलेंस सेवा में चल रही कमीशनबाजी का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें सुधार करें। मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाकर चालक कमीशन वसूलते हैं।
डॉ. शर्मा ने बैठक शुरू होते ही सबके सामने उनकी सेवाओं की तारीफ करते हुए अपने पास बुलाया और साफा पहनाकर गले लगाया। बोले- इनके बारे में पूरा शहर कहता है। इनके जैस बनने की कोशिश करो।
– शहर में अरबन सीएचसी या पीएचसी खोलने के प्रयास करेंगे।
– जेएलएन अस्पताल में ट्रोमा सेंटर की काफी मांग है, इसकी सुविधाओं में वृद्धि करें।
– सोनोग्राफी करने वाले रेडियोलॉजिस्ट का डे ऑफ – गुरुवार से बदलकर रविवार करें।
– डेपुटेशन पर लगे चिकित्सकों को जेएलएन में लाएं।
– जेएलएन अस्पताल के लिए लेप्रोस्कोप खरीद करने के निर्देश।
– सीनियर नर्स की रोटेशन वाइज ड्यूटी लगाएं।
– एमसीएच यूनिट में ऑपरेशन थियेटर चालू करवाएं।
– एमसीएच विंग के भवन की मरम्मत जून से पहले करवाएं। ठेकेदार का भुगतान रोक दो।