scriptवीडियो में देखिए, डॉ. समित शर्मा ने डॉक्टरों से क्यों कहा – जेब तराश नहीं बनें | Video, Dr. Samit Sharma told doctors - do not get pocket cut | Patrika News

वीडियो में देखिए, डॉ. समित शर्मा ने डॉक्टरों से क्यों कहा – जेब तराश नहीं बनें

locationनागौरPublished: Mar 19, 2019 11:14:33 am

Submitted by:

shyam choudhary

डॉ. शर्मा ने कहा – चिकित्सा सेवाओं में लापरवाही बरतने पर होगी सख्त कार्रवाईएनएचएम के मिशन निदेशक डॉ. समित शर्मा ने जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद ली स्टाफ की बैठक

Dr. Samit Sharma told doctors

Dr. Samit Sharma told doctors – do not get pocket cut

नागौर. ‘जेएलएन राजकीय अस्पताल के कुछ डॉक्टर सरकारी ड्यूटी से ज्यादा निजी अस्पतालों की हाजिरी दे रहे हैं, कुछ ने तो खुद के क्लीनिक खोल रखे हैं तो कुछ कपाउण्डर भी घर पर प्रैक्टिस कर रहे हैं और मरीजों को अस्पताल में मिलने वाली नि:शुल्क दवा दे रहे हैं। लाखों रुपए तनख्वाह लेने के बावजूद यदि कोई निजी अस्पताल में जाकर सेवा दे रहा है तो उसके लिए यह डूब मरने वाली बात है। शर्म आनी चाहिए। डॉक्टर को भगवान का दर्जा प्राप्त है, जेब तराश नहीं बनें।’ इस प्रकार के तंज सोमवार को जिला मुख्यालय के पंडित जवाहर लाल नेहरू राजकीय चिकित्सालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के विशिष्ट शासन सचिव तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. समित शर्मा ने चिकित्सकों व स्टाफ को संबोधित करते हुए कसे।
सोमवार शाम करीब साढ़े 5 बजे नागौर पहुंचे मिशन निदेशक डॉ. शर्मा ने जेएलएन अस्पताल का निरीक्षण करने के बाद जेएलएन के सभागार में चिकित्सकों एवं अस्पताल के विभिन्न विभागों के प्रभारी अधिकारियों की बैठक लेते हुए कहा कि डॉक्टर ‘कोड ऑफ़ मेडिकल एथिक्स रेग्युलेशंस’ का पालन करें। घर पर प्रैक्टिस करें, लेकिन माल प्रेक्टिस न करें, अन्यथा राजस्थान सेवा नियमों में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। इसका एक नमूना आज ही कुचामन में देखने को मिल रहा है। मिशन निदेशक डॉ. शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि हमें अपना बेस्ट देने का प्रयास करना है, स्टाफ की कमी हर जिले में है, लेकिन हमें कोशिश करनी है कि मरीजों को बेहतर एवं अच्छी सुविधाएं सरकारी अस्पताल में कैसे मिले। निजी अस्पतालों में कम डॉक्टर व स्टाफ के बावजूद अच्छे मैनेजमेंट की बदौलत अच्छी सेवाएं मिल रही हैं, हमारे पास उनकी तुलना में काफी ज्यादा स्टाफ है।
बेड बढ़ा दिए, कर्मचारी घटा दिए
बैठक में पीएमओ डॉ. वीके खत्री ने कहा कि जिला मुख्यालय का अस्पताल होने के बावजूद सर्जन, फिजिशियन व सोनोलॉजिस्ट एक-एक है। सरकार ने 300 बेड का अस्पताल तो बना दिया, लेकिन कर्मचारी कम कर दिए। इस पर डॉ. समित शर्मा ने स्टाफ की जानकारी मांगी तो सामने आया कि डेंटल के तीन डॉक्टर हैं, जबकि काम एक डॉक्टर का ही है। इसी प्रकार आयुर्वेद व हौम्योपेथिक के डॉक्टर गिने जा रहे हैं, जबकि उनका आउटपुट नहीं है। इस पर डॉ. शर्मा ने डेंटल के डॉक्टरों को खड़ा करके ओपीडी व ऑपरेशन की जानकारी मांगी तथा सुधार करने के निर्देश दिए। इसी प्रकार आंखों के ऑपरेशन की संख्या भी कम पाए जाने पर उन्होंने सामान्य दिनों में भी ऑपरेशन करने और मरीजों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
बाहर से नहीं मंगाए दवाई
मिशन निदेशक डॉ. शर्मा ने अस्पताल में उपलब्ध नि:शुल्क दवा की जानकारी ली तो प्रभारी ने बताया कि करीब साढ़े 4 सौ दवाइयां दी जा रही हैं और बाहर से न के बराबर मंगवा रहे हैं। इस पर डॉ. शर्मा ने कहा कि विभाग के पास बजट है, यदि स्थानीय स्तर पर खरीद करनी पड़े तो करें, लेकिन मरीजों को पूरी दवाइयां अस्पताल में ही मिले, यह सुनिश्चित करें।
देरी से आने वालों की कटेगी तनख्वाह
बैठक शुरू होने पर जिला कलक्टर दिनेश कुमार यादव ने कहा कि चिकित्सकों व स्टाफ के समय पर नहीं आने की समस्या है, जिसमें सुधार की आवश्यकता है। इस पर मिशन निदेशक डॉ. शर्मा ने कहा कि अस्पताल में लगी बॉयोमैट्रिक मशीन की पिछले तीन महीने की रिपोर्ट उनके साथ आए विभागीय अधिकारियों को आज ही उपलब्ध करवा दें, जो-जो लगातार देरी से आ रहे हैं, उनकी तनख्वाह कटेगी, इसके बावजूद यदि सुधार नहीं होगा तो नोटिस व चार्जशीट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि प्लेन का पायलट यदि 10 मिनट देरी से आए तो हमें समय का महत्व समझ आता है।
पिनल इरेजर समझते हो
डॉ. शर्मा ने सरकारी डॉक्टर्स द्वारा निजी अस्पतालों में दी जा रही सेवा को गंभीरता से लेते हुए कहा कि पिनल इरेजर का मतलब समझते हो ना। यदि सेवा नियमों का उल्लंघन हुआ तो आपके लाइसेंस पर इरेजर फेर देंगे। उन्होंने शिशु रोग विशेषज्ञों से कहा कि वे कम से कम दो घंटे ओपीडी में बैठें।
बधाई मांगना बंद करें
डॉ. शर्मा ने समाजसेविका रामकन्या मणिहार का जिक्र करते हुए कहा कि वे सरकारी सेवा में नहीं होने के बावजूद पुराने अस्पताल में प्रसूताओं की मदद के लिए हमेशा तत्पर रहती थी और हम उसके एकदम विपरीत उल्टा पीडि़तों से बधाई के नाम पर रुपए मांग रहे हैं। सफाईकर्मी सफाई करने के पैसे मांग रहा है, नर्सिंगकर्मी सेवा देने के बदले पैसे मांग रहा है, यह व्यवहार किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने एम्बुलेंस सेवा में चल रही कमीशनबाजी का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें सुधार करें। मरीजों को निजी अस्पतालों में ले जाकर चालक कमीशन वसूलते हैं।
डॉ. कालवी को गले मिलकर दी बधाई
डॉ. शर्मा ने बैठक शुरू होते ही सबके सामने उनकी सेवाओं की तारीफ करते हुए अपने पास बुलाया और साफा पहनाकर गले लगाया। बोले- इनके बारे में पूरा शहर कहता है। इनके जैस बनने की कोशिश करो।
इन मुद्दों पर भी दिए निर्देश
– शहर में अरबन सीएचसी या पीएचसी खोलने के प्रयास करेंगे।
– जेएलएन अस्पताल में ट्रोमा सेंटर की काफी मांग है, इसकी सुविधाओं में वृद्धि करें।
– सोनोग्राफी करने वाले रेडियोलॉजिस्ट का डे ऑफ – गुरुवार से बदलकर रविवार करें।
– डेपुटेशन पर लगे चिकित्सकों को जेएलएन में लाएं।
– जेएलएन अस्पताल के लिए लेप्रोस्कोप खरीद करने के निर्देश।
– सीनियर नर्स की रोटेशन वाइज ड्यूटी लगाएं।
– एमसीएच यूनिट में ऑपरेशन थियेटर चालू करवाएं।
– एमसीएच विंग के भवन की मरम्मत जून से पहले करवाएं। ठेकेदार का भुगतान रोक दो।
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