सवाल – जिस प्रकार की जीत हुई है क्या उसकी आपको उम्मीद थी ? जवाब – यह जीत भाजपा, आरएसएस और आरएलपी के सभी कार्यकर्ताओं की मेहनत का नतीजा तो है ही, सबसे बड़ी बात यह है कि देश की जनता मोदी जी को फिर से प्रधानमंत्री देखना चाहती है। हमें पूरा विश्वास था कि हम नागौर और मारवाड़ ही नहीं पूरा राजस्थान जीतेंगे। यह बाद मैंने दो दिन पहले ही दिल्ली में हुई बैठक में मोदी जी को कह दी थी।
सवाल – सांसद बनने के बाद नागौर के लिए आपकी क्या प्राथमिकताएं रहेंगी? जवाब – देखिए, नागौर ही नहीं पूरे राजस्थान के लिए हमने प्राथमिकताएं तय की हैं। एक तो तमाम टोल माफ हो। बेरोजगारों को रोजगार मिले। विशेष राज्य का दर्जा राजस्थान को मिले। किसानों की कर्जमाफी के लिए हम विशेष प्रयास करेंगे। नागौर में मिलिट्री स्कूल खुले। विकास में नागौर को एक नम्बर पर देखना चाहता हूं।
सवाल – आपकी जीत के बाद खींवसर में विधानसभा उप चुनाव होना तय है, गठबंधन कायम रहेगा या अकेले चुनाव लड़ेंगे? जवाब – भारतीय जनता पार्टी और एनडीए अब अलग तो रहा ही नहीं है। जब हमने कहा कि परिवार का हिस्सा है। हमारे कार्यकर्ताओं की इच्छा थी कि भाजपा से गठबंधन करें तो हमने राष्ट्रहित में यह फैसला किया। आगे भी सही फैसला लेंगे।
सवाल – कार्यकर्ता आपको मंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, आपका क्या कहना है?
जवाब – देखिए, मंत्री पद का मुझे कोई लालच नहीं। गठबंधन के समय ऐसी कोई बात भी नहीं हुई। इसलिए नेतृत्व जो निर्णय करेगा, वह स्वीकार होगा।