ग्राम टांकला के उप स्वास्थ्य केन्द्र पर मंगलवार को एक प्रसूता की उपचार के दौरान हुई मौत के मामले में 14 मार्च को आरोपित एएनएम को निलम्बित कर दिया गया। मृतका के परिजनों को 10 लाख का मुआवजा देने तथा एएनएम को निलम्बित करने की मांग को लेकर स्वास्थ्य केन्द्र के बाहर शव रखकर 24 घण्टे से धरने पर बैठे परिजनों ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के साथ अधिकारियों के बीच चली समझाइश में एएनएम को निलम्बित करने के बाद ग्रामीण शव उठाने को राजी हुए। दोपहर बाद खींवसर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों को सौंप दिया गया। एएनएम के खिलाफ मृतका के पति ने खींवसर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया है। जानकारी के अनुसार मंगलवार को आकला गांव की प्रसूता जैती पत्नी नारायणराम मेघवाल को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन टांकला के उप स्वास्थ्य केन्द्र लाए। वहां उपचार के दौरान उसकी तबीयत बिगडऩे पर उसे नागौर लाया गया। यहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित करने के बाद परिजनों, ग्रामीणों एवं मेघवाल समाज के लोगों में आक्रोश फैल गया। वे टांकला उप स्वास्थ्य केन्द्र के सामने शव रखकर धरने पर बैठ गए। मंगलवार दोपहर से बुधवार दोपहर तक लोग धरने पर बैठे रहे। कई बार वार्ताओं का दौर चला, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े रहे। बुधवार दोपहर बाद एएनएम को निलम्बित करने और उसके खिलाफ खींवसर पुलिस थाने में मामला दर्ज करने पर परिजन एवं ग्रामीण शव उठाने को राजी हुए। शव का खींवसर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर चार सदस्यीय मेडिकल टीम से पोस्टमार्टम करवाया गया।
आकला के नारायणराम मेघवाल ने खींवसर पुलिस थाने में टांकला उप स्वास्थ्य केन्द्र की एएनएम के खिलाफ गलत उपचार के कारण उसकी पत्नी की मौत होने का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस के अनुसार नारायणराम ने दर्ज करवाई रिपोर्ट में बताया कि एएनएम आयचुकी ने उसकी पत्नी के तीन इंजेक्शन लगाए थे। इंजेक्शन लगते ही जैतु की तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गई। जब एएनएम से इस बारे में पूछा तो उसने उसे यहां से ले जाने को कहा। वो जैतु को लेकर जेएलएन अस्पताल पहुंचे तो चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। रिपोर्ट में दोषी एएनएम के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।