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VIDEO-हड़ताल से जनजीवन प्रभावित, कलक्टर से मांगी रिपोर्ट

locationनागौरPublished: Sep 24, 2018 12:26:39 pm

Submitted by:

Sharad Shukla

नागौर आगार का राजस्व घाटा पहुंचा 72 लाख

Nagaur patrika

Report affected by life-time strike from the strike

नागौर. जिले में रोडवेज बसों की चक्काजाम हड़ताल के करीब एक सप्ताह की अवधि में जनजीवन बिखर गया है। हालात बेहद ही खराब होने के बाद जिम्मेदारों की ओर से समस्या समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाने के कारण आम जनता में गुस्से की लहर के साथ ही स्थिति भी विकट होती नजर आने लगी है। हालांकि एसीएस की ओर से जिला कलक्टरों से हड़ताल के प्रभावों पर रिपोर्ट मांगी गई थी, लेकिन इसके अलावा अन्य कोई ऐसा कदम नहीं उठाया गया कि आमजन को राहत मिल सके। हड़ताल का फायदा उठाते हुए प्राइवेट वाहन चालकों ने मनमर्जी के किराए की दर से जहां यात्रियों की हालत खराब कर दी है, वहीं रोडवेज सरीखी सुविधा प्राइवेट में नहीं मिलने के कारण परेशानियां बढऩे लगी है।
जिले के मकराना, डीडवाना, कुचामन , जायल, मेड़ता, गोटन एवं डेगाना आदि के बस स्टैंडों पर रविवार को भी हैरान-परेशान भटकते यात्री मिले। विभागीय अधिकारियों के अनुसार हड़ताल को अब तक छह दिन हो चुके हैं। अकेले नागौर आगार को ही करीब 72 लाख का राजस्व घाटा हो चुका है। डीडवाना, मेड़ता, कुचामन एवं डेगाना तथा मकराना आदि के आंकड़ों को जोड़े जाने पर यह राशि अब करोड़ों में जा पहुंची है। प्रदेश स्तर पर राजस्व घाटे की भयावह होती तस्वीर का अंदाजा लगाया जा सकता है।
कलक्टर से मांगी रिपोर्ट
प्रदेश में रोडवेज बसों के चक्काजाम से बिगड़े हालात की तथ्यात्मक जानकारी जिला कलक्टरों से एसीएस ने मांगी है। परिवहन एसीएस शैलेन्द्र अग्रवाल ने अब तक हड़ताल अवधि में जनता पर हुए प्रभावों की तथ्यात्मक जानकारी मांगी है। कलक्टर के पास दिए निर्देश में यह स्पष्ट रूप से पूछा गया है कि लोगों को कितनी परेशानी हो रही है, रोडवेज की जगह बस, जीप और अन्य वाहनों से जाने की स्थिति में यात्रियों को सुविधा हो रही है या फिर मुश्किल…? जानकारों का कहना है कि प्राइवेट वाहन संचालकों ने खुद की मनमर्जी पर किराए की दर चेहरे देखकर तय कर देते हैं। हालांकि परिवहन विभाग की ओर से अब 900 बसों का परमिट जारी किया जा चुका है, लेकिन इसका आम को अब तक कोई फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा।
निकाला केंडिल मार्च
राजस्थान राज्य रोडवेज संयुक्त कर्मचारी मोर्चा की ओर से रविवार की शाम केन्द्रीय बस स्टैंड से केंडिल मार्च निकाला गया। केंडिल मार्च बस स्टैंड से विजयबल्लभ चौराहा, दिल्ली दरवाजा एवं प्राइवेट बस स्टैंड मार्ग से होते हुए केन्द्रीय बस स्टैंड पहुंचा। इस दौरान रोडवेज कर्मी सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे।
सरकार को भुगतना पड़ेगा परिणाम
राजस्थान राज्य रोडवेज संयुक्त कर्मचारी मोर्चा परिषद धरना छठे दिन रविवार को भी जारी रहा। धरनास्थल पर एटक के अध्यक्ष हरिराम जाजड़ा ने कहा कि सरकार निजी वाहनों को परमिट तो दे सकती है, लेकिन रोडवेज सरीखी संस्था का मुकाबला नहीं किया जा सकता है। रोडवेज से यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं प्राइवेट वाहनों में नहीं मिल सकती है। दिव्यांग सहित विभिन्न कोटे के तहत छूट का प्रावधान रोडवेज के लिए है, लेकिन प्राइवेट वाहन तो बिना किराए के किसी को बैठाते ही नहीं हैं।
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